हर घर में बड़े-बुजुर्ग यह कहते हुए सुनाई देते हैं कि ज्यादा देर तक तेज आवाज में गाना न सुनें, हेडफोन हमेशा न लगाएं। ज्यादातर युवा ऐसी बातों को अनसुनी कर देते हैं। अपनी आवाज से पिछले तीन दशकों से लोगों को अपना दीवाना बनाने वालीं Alka Yagnik ने भी लोगों से यही अपील की। दरअसल, बात यह है कि मशहूर सिंगर अलका याग्निक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बताया कि उन्हें सुनाई देना बंद हो गया है। यह खबर वायरल होते ही उनके करोड़ों प्रशंसक हक्का-बक्का हो गए। वायरल अटैक की वजह से उन्हें सुनाई देना बंद हो गया है। इसके बाद लोग इंटरनेट पर उस कारण को खूब खोज रहे हैं जिसके कारण सिंगर को सुनाई देना बंद हो गया है।
पति-पत्नी और High Blood Pressure … गजब कनेक्शन
प्रशंसकों, फॉलोअर्स और दोस्तों को संबोधित इस पोस्ट में अलका याग्निक ने लिखा- कुछ हफ्ते पहले विमान से उतरते समय मुझे अचानक एहसास हुआ कि मैं कुछ भी नहीं सुन पा रही हूं। इस घटना के बाद कई हफ्तों तक काफी धैर्य रखने के बाद मैं अब चुप्पी तोड़ना चाहती हूं। मैं अपने सभी दोस्तों और शुभचिंतकों को बताना चाहती हूं कि क्यों मैं लंबे समय से दिखाई नहीं पड़ रही हूं।
अलका याग्निक ने आगे कहाकि जांच के बाद मेरे डॉक्टरों ने पता लगाया है कि मुझे एक सेंसरी न्यूरल हीयरिंग लॉस यानी सुनाई देना बंद हो गया है। यह एक दुर्लभ लक्षण है। वायरल अटैक की वजह से यह हुआ है। मैं इस अप्रत्याशित झटके के लिए तैयार नहीं थी। मैं अब इसे धीरे-धीरे स्वीकार कर रही हूं। कृपया मेरे लिए अपनी प्रार्थनाएं जारी रखें। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा -मैं अपने प्रशंसकों और युवा सहयोगियों को बहुत तेज संगीत और हेडफोन के खतरों के बारे में चेतावनी देना चाहती हूं। किसी दिन मैं आप लोगों से अपने पेशेवर जीवन के जोखिमों के बारे में बात करना चाहूंगी। मैं आपके प्यार और समर्थन से आपके पास वापस आऊंगी। इस कठिन समय में आपका समर्थन मेरे लिए बहुत मायने रखता है।
सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस क्या है?
अमेरिकन स्पीच लैंग्वेज हियरिंग एसोसिएशन की वेबसाइट के मुताबिक, इस प्रकार का बहरापन तब होता है जब आंतरिक कान को क्षति पहुंचती है या चोट लगती है। कान के अंदरूनी हिस्से की नसों में रुकावट के कारण मस्तिष्क से संचार में बाधा उत्पन्न होती है। कुछ लोगों के लिए हल्की आवाजें सुनना मुश्किल हो जाता है। तेज आवाजें दबी-दबी सुनाई देती हैं। चिकित्सक इस बीमारी के बारे में बताते हैं- कान से दिमाग तक संदेश पहुंचाने वाली नसों में क्षति की वजह से धीरे-धीरे या अचानक से सुनने की क्षमता खो सकती है। इस समस्या को ”सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस” भी कहते हैं।’ यह हियरिंग लॉस अक्सर स्थायी होता है और इसे चिकित्सा या सर्जरी से ठीक नहीं किया जा सकता।
क्यों होती है यह बीमारी
अमेरिकन वेबसाइट के मुताबिक, इस प्रकार का बहरापन, आनुवंशिकता, बढ़ती उम्र, सिर पर चोट, आंतरिक कान की संरचना में गड़बड़ी या तेज आवाज में लगातार गाना सुनना या विस्फोट सुनने के कारण हो सकता है।
इस बीमारी के लक्षण
- आवाज धुंधली और स्पष्ट न सुनाई देना
- उच्च आवृत्ति की आवाजें, जैसे बच्चों की आवाज, पक्षियों की चहचहाहट, या दरवाजे की घंटी सुनने में कठिनाई होती है।
- वार्तालाप में समस्या आती है, विशेष रूप से शोरगुल वाले स्थानों में बातचीत को समझने में कठिनाई होती है।
- कान बजने या कान में घंटी बजने जैसा महसूस होता है।
बीमारी के कारक
- उम्र बढ़ने के साथ कान की नसें कमजोर हो जाती हैं।
- लगातार तेज आवाज़ों में रहने से कान के अंदर के सेंसरी सेल्स को नुकसान पहुंच सकता है।
- कुछ लोगों में यह समस्या वंशानुगत होती है।
- संक्रमण जैसे मैनिंजाइटिस, मंप्स, और अन्य वायरल संक्रमण से कान की यह बीमारी हो सकती है।
- सिर पर चोट लगने से कान के अंदर के हिस्से को नुकसान हो सकता है।
ऐसे करें बचाव
- तेज आवाज वाले स्थानों, लाउड म्यूजिक और लंबे समय तक ईयरफोन के इस्तेमाल से बचें।
- कानों की नियमित सफाई और संक्रमण से बचाव के उपाय करें।
- हेडफोन या इयरफोन का उपयोग करते समय आवाज का स्तर कम रखें और लंबे समय तक उपयोग से बचें।
- बुजुर्गों को नियमित रूप से कान की जांच करानी चाहिए।