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    क्या है Hindenburg Report … क्यों बरपा है हंगामा

    हिंडनबर्ग वित्तीय शोध करने वाली कंपनी है। जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का विश्लेषण करती है। हेज फंड का कारोबार भी करती है। इसे कॉर्पोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए जाना जाता है।
    teerandajBy teerandajAugust 12, 2024Updated:August 12, 2024No Comments
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    पिछले वर्ष की शुरुआत में अडानी की कंपनी पर हेरफेर के गंभीर आरोप लगे। शेयर बाजार धड़ाम हो गया। अडानी समूह के शेयर में भारी गिरावट आई। यह सब हुआ Hindenburg Report से। तब से यह नाम देश में कारोबार में दिलचस्पी रखने वाले लोगों की जुबान पर चढ़ गया। खासकर विपक्षी दलों के नेताओं की। अब एक बार फिर जब हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटी मार्केट रेगुलटर (नियामक) सेबी की मौजूदा चेयरमैन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है। मामला फिर गरम हो गया है। आइए जानते हैं- क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट। क्यों इसकी रिपोर्ट पर बिजनेस की दुनिया में उथल-पुथल मच जाती है।

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    किस चिड़िया का नाम है हिंडनबर्ग

    Hindenburg कंपनी के संस्थापक अमेरिकी नागरिक नेट एंडरसन अपने को एक एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर बताते हैं। कंपनी का एक प्रमुख काम शॉर्ट सेलिंग भी है। ये कंपनियों पर अपनी रिपोर्ट के जरिये उनमें अपनी पोजीशन बनाती है। इसकी रिपोर्ट जारी होते है उस कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आ जाती है। इससे हिंडनबर्ग को भारी लाभ होता है। हिंडनबर्ग रिसर्च 2017 से काम कर रही है। हिंडनबर्ग ने अब तक 16 रिपोर्ट्स जारी की हैं। इनका दावा है कि इन्होंने अमेरिका की सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के अलावा देश-विदेश की कंपनियों में गैरकानूनी लेनदेन और वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया गया है। हिंडनबर्ग ने अब तक अफिरिया, परशिंग गोल्ड, निकोला और कुछ दूसरी नामी-गिरामी कंपनियों में वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करने का दावा किया है। इससे पहले हिंडनबर्ग ने ट्रक निर्माता कंपनी निकोला के बारे में ऐसी ही एक रिपोर्ट जारी किया था। यह मामला अदालत तक पहुंचा था। इसमें कंपनी के संस्थापक को दोषी भी पाया गया था। हालांकि, उसके ऊपर भी तमाम आरोप लगते हैं।

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    हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी समूह को धक्का

    जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट भारत के प्रमुख औद्योगिक घराने अडानी समूह पर थी। इसने देश में हलचल मचा दी। इसमें दावा किया गया कि अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी ने 2020 से अपनी सात सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में हेरफेर कर 100 अरब डॉलर कमाए हैं। रिपोर्ट में गौतम अडानी के भाई विनोद अदाणी पर भी गंभीर आरोप लगाए गए थे। कहा गया था कि वो 37 शैल कंपनियां चलाते हैं। इनका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अदानी समूह की नेटवर्थ में 6.63 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई थी। कंपनी को करीब 150 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था। देश में राजनीतिक व कॉरपोरेट गलियारों में खूब हंगामा बरपा था। जब रिपोर्ट आई थी तब गौतम आदाणी शीर्ष पर थे। दस दिनों के भीतर वह टॉप-20 अमीरों की सूची से बाहर हो गए। कंपनी की कथित वित्तीय अनियमितता को लेकर संसद में सवाल पूछे गए। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

    भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के अनुरोधों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) पर भरोसा जताया। अब नई रिपोर्ट में हिंडनबर्ग का दावा है कि सेबी प्रमुख ने अडानी समूह में निवेश कर रखा है। इसलिए अडानी समूह के खिलाफ जांच में ईमानदारी नहीं बरती गई। हालांकि, माधबी बुच ने इस मामले में अपनी सफाई दी है। उनका कहना है कि सेबी में आने से बहुत पहले एक नागरिक की हैसियत से उन्होंने निवेश किया था। हिंडनबर्ग के दावों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने उल्टे आरोप लगाया कि अडानी समूह पर आरोप के बाद शार्ट सेलिंग से हिंडनबर्ग को करोड़ों डॉलर का फायदा हुआ है। वह गलत नियत से काम कर रहा है।

    कहां से आया हिंडनबर्ग नाम

    हिंडनबर्ग नाम के बारे में जानने के लिए इतिहास के पन्नों को पलटना होगा। साल 1937 जर्मनी में तानाशाह हिटलर का राज था। इस दौर में एक एयरशिप था, जिसका नाम था हिंडनबर्ग एयरशिप। इसके पीछे नाजी दौर की गवाही देता स्वास्तिक बना हुआ था। अमेरिका के न्यूजर्सी में इस एयरशिप को जमीन से जो लोग देख रहे थे, उन्हें कुछ असामान्य दिखा। एक धमाका हुआ और आसमान में दिख रहे हिंडनबर्ग एयरशिप में आग लग गई। लोगों के चीखने की आवाजे सुनाई देने लगीं। एयरशिप जमीन पर गिर गया। 30 सेकेंड से कम समय में सब कुछ तबाह हो चुका था। बाद में पता चला कि इसमें 16 हाइड्रोजन गैस के गुब्बारे थे। 100 लोगों को जबरन एयरशिप में बैठाया गया था। हादसे में 35 लोगों की जान गई थी। कंपनी के संस्थापक अमेरिकी नागरिक नेट एंडरसन ने इसी एयरशिप के नाम से अपनी कंपनी शुरू की।

    क्या होती है शॉर्ट सेलिंग

    आसान भाषा में शेयर बाजार की गिरावट में शॉर्ट सेलिंग से लाभ कमाया जाता है। शॉर्ट सेलिंग एक तकनीक ट्रेडर है जिसका इस्तेमाल स्टॉक की कीमत के खिलाफ किया जाता है। यह प्रक्रिया एक ब्रोकर से इनवेस्टर उधार लेने वाले शेयरों से शुरू होती है और उन्हें तुरंत वर्तमान मार्केट कीमत पर बेचती है। इनवेस्टर स्टॉक की कीमत कम होने की उम्मीद करता है। जिससे उन्हें कम कीमत पर शेयर दोबारा खरीदने में मदद मिलती है। अंत में, उधार लिए गए शेयर को ब्रोकर को वापस कर दिया जाता है, और इन्वेस्टर बेचने और पुनर्खरीद कीमतों के बीच अंतर को जेब में रखता है।

    Hindenburg Report share market
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