देवभूमि की जनता ने भाजपा को 47 विधायक और सभी पांच लोकसभा सीटें जिताई हैं। हमें किसी भी हालत में उनका भरोसा नहीं तोड़ना है। जो लोग भी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश करेंगे हम उन्हें बार-बार चेताएंगे यह हमारा फर्ज है। यह कहना है हरिद्वार से सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का। वह सोमवार को देहरादून में पत्रकारों से बात कर रहे थे। अपनी छवि के अनुरूप वह कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बेहद आक्रामक नजर आए। उन्होंने कहा कि इस वक्त जो हालात उत्तराखंड के हैं उनमें सुधार की सख्त आवश्यकता है। पुलिस की कार्यप्रणाली पर हमला बोलते हुए सांसद ने कहा कि पुलिस कुछ मामलों में आठ महीने से और कुछ मामलों में दो-दो महीने तक प्राथमिक रिपोर्ट तक नहीं लिख रही है। यह गंभीर चिंता का विषय है।
कांग्रेस नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के आरोप पर उन्होंने कहा कि उनपर बहुत भरोसा नहीं किया जा सकता। वह कब, क्या बोलेंगे यह उन्हें भी पता नहीं होता है। वह अपने राजनीतिक जीवन के संक्रमण काल से गुजर रहे हैं। इसलिए कुछ भी अनर्गल प्रलाप करते हैं। जहां तक बीजेपी को 30 करोड़ चंदा मिलने का सवाल उन्होंने उठाया है तो मैं स्पष्ट कर दूं और जनता को भी बता दूं कि 27 करोड़ का चंदा बीजेपी को मिला था। यह चंदा पारदर्शिता के साथ चेक के माध्यम से पार्टी को प्राप्त हुआ है। सारी की सारी राशि का एक-एक हिसाब मौजूद है। मेरा मानना है पार्टी को अगर कहीं से भी मदद मिलती है तो वह पारदर्शिता के साथ मिलनी चाहिए और हमने ऐसा किया है। देश की सभी राजनीतिक पार्टियों को चंदा मिलता है इसमें कहीं से भी कोई बात गलत नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा हरक सिंह रावत कभी-कभी सच बोल देते हैं वरना जो आज कहते हैं कल उससे वह पलट जाते हैं।
खनन हो लेकिन मर्यादा में..

खनन के मुद्दे पर फिर बात करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि किसी भी हालत में राज्य में कानून के दायरे में ही काम होना चाहिए। खनन जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होगा तो नदियों की वजह से हमारे खेत खलियान कट जाएंगे और राजस्व भी प्राप्त नहीं होगा। कुदरत से हमें लेना है, खनन होना चाहिए , लेकिन मर्यादा में । उन्होंने उदाहरण दिया, अगर हम तालाब से पानी लेते हैं तो हमें जरूर पानी लेना होगा पर मशीन लगाकर तालाब को खाली नहीं करना है। इसी तरीके से खनन तो हो, लेकिन कानून के दायरे में हो।
हाल में गैरसैण में संपन्न हुए मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के नकारात्मक रवैये पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि किसी भी मुद्दे पर विरोध करना तो विपक्ष का अधिकार है, लेकिन यह विरोध नियम कानून के तहत मर्यादित होना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि आज सत्ता में बीजेपी की सरकार है। कांग्रेस का सदन में अमर्यादित आचरण नहीं होना चाहिए। यह अधिकार किसी को भी नहीं है वह सदन में अध्यक्ष के आसन के सामने बिस्तर लगाकर लेट जाएं और रात भर वही सोता रहे। भविष्य में अगर कांग्रेस की सरकार, राज्य में आए तो बीजेपी अगर ऐसा आचरण करेगी तो क्या कांग्रेस को अच्छा लगेगा। कुछ कर्तव्य निभाने होते हैं और जब हम फर्ज निभाते हैं तो जनता हमें देख रही होती है । उसी के विश्वास से कोई भी व्यक्ति विधायक बनकर विधानसभा पहुंचता है। अगर हम जनता के दिए हुए दायित्व को नहीं निभाते हैं तो जनता अपने आप हिसाब कर देती है।