Close Menu
तीरंदाज़तीरंदाज़
    अतुल्य उत्तराखंड


    सभी पत्रिका पढ़ें »

    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Pinterest Dribbble Tumblr LinkedIn WhatsApp Reddit Telegram Snapchat RSS
    अराउंड उत्तराखंड
    • मालेगांव विस्फोट मामले में पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपी किए गए बरी
    • टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी सीधी तैनाती
    • Uttarakhand के धार्मिक स्थलों में धारण क्षमता के अनुरूप ही दिया जाएगा प्रवेश
    • Uttarakhand में और सख्त होगा धर्मांतरण कानून
    • Mann ki Baat… पांच साल में 200 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स : पीएम मोदी
    • मनसा देवी मंदिर में भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल
    • त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में हैलीपोर्ट के बारे में सीएम धामी से मांगी जानकारी
    • उत्तराखंड में सुदृढ़ और सुरक्षित सड़क नेटवर्क के लिए केंद्र सरकार का प्रयास सराहनीय: Trivendra Singh Rawat
    • वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए धामी सरकार ने कसी कमर
    • ‘जानलेवा सिस्टम’, दम तोड़ती उम्मीद और टूट चुका भाई
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube WhatsApp Telegram LinkedIn
    Thursday, July 31
    तीरंदाज़तीरंदाज़
    • होम
    • स्पेशल
    • PURE पॉलिटिक्स
    • बातों-बातों में
    • दुनिया भर की
    • ओपिनियन
    • तीरंदाज LIVE
    तीरंदाज़तीरंदाज़
    Home»उत्तराखंड 360»नजीर बन रहा उत्तराखंड का पहला Waste To Energy Plant, रोज 2.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन
    उत्तराखंड 360

    नजीर बन रहा उत्तराखंड का पहला Waste To Energy Plant, रोज 2.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन

    प्लांट में रोजाना काशीपुर व रुद्रपुर क्षेत्र का 100 टन कूड़ा निस्तारित किया जा रहा है। औद्योगिक कूड़े से बड़ी राहत मिली है। प्रदेश में बिजली उत्पादन में यह नया प्रयोग है।
    teerandajBy teerandajAugust 11, 2024Updated:August 11, 2024No Comments
    Share now Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn
    Share now
    Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn

    Waste To Energy Plant In Uttarakhand : देश के बड़े शहरों में कूड़ा निस्तारण में निगम हांफ रहे हैं। कूड़ों का पहाड़ वहां के लोगों का जीना हराम कर दिया है। दिल्ली में तो यह मुद्दा चुनावों में जोरशोर से उठता है। अध्यात्म की राह दिखाने वाला उत्तराखंड इस मामले में भी नजीर पेश कर रहा है। दिल्ली समेत बड़े शहर वाले यहां से बहुत कुछ सीख सकते हैं। उत्तराखंड के काशीपुर में लगे प्रदेश के पहले वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में रोजाना 100 टन कूड़ा निस्तारित किया जा रहा है। इससे 2.5 मेगावाट बिजली तैयार हो रही है।
    फरवरी में इस प्लांट का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था। तब से इस प्लांट में रोजाना काशीपुर व रुद्रपुर क्षेत्र का 100 टन कूड़ा निस्तारित किया जा रहा है। इसके साथ ही बहल पेपर मिल में 2.5 मेगावाट बिजली रोज तैयार की जा रही है।

    यह भी पढ़ें : Inspirational Stories …मेहनत की महक से जिंदगी गुलजार

    प्रदेश का यह पहला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शुरू होने के बाद कंपनी बिजली के मामले में आत्मनिर्भर भी हो चुकी है। इस वजह से औद्योगिक कूड़े से बड़ी राहत मिली है। प्रदेश में बिजली उत्पादन में यह नया प्रयोग है। काशीपुर ही नहीं, पूरे तराई क्षेत्र के उद्योगों एवं नगर निकायों के कूड़े का प्रबंधन करने की क्षमता इस प्लांट में है। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि पूरे उत्तराखंड के पालीथिन कचरे का एक तिहाई कूड़ा प्रबंधन इस बायलर में किया जा सकता है। फरवरी से अब तक रुद्रपुर व काशीपुर नगर निगम का 16 हजार टन कूड़े का निस्तारण कर बिजली बनाई जा चुकी है।
    निकायों में रोज 900 टन कूड़ा निकलता है
    सरकार के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश के निकायों में हर दिन 900 टन कूड़ा निकलता है। इसमें करीब 50 प्रतिशत आर्गेनिक वेस्ट है। 11 प्रतिशत बायोमेडिकल वेस्ट है और 21 प्रतिशत इनर्ट कूड़ा (रेत, कंक्रीट आदि) है। इसके अलावा 140 फीसदी कूड़ा ऐसा होता है, जिसे उठाया ही नहीं जाता। यह सड़क, नालों व अन्य स्थानों पर पड़ा रहता है। योजना है कि इसी कूड़े का इस्तेमाल कर वेस्ट एनर्जी प्लांट के जरिए ग्रीन एनर्जी प्राप्त की जाएगी।

    ग्रीन एनर्जी प्राप्त की जाएगी
    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बहल पेपर मिल के एमडी नवीन झांजी का कहना है कि शुरुआती चरण में काशीपुर व पंतनगर क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ा जा रहा है। कंपनियों से निकलने वाली पालीथिन व अन्य वेस्ट प्रोडक्ट को यहां लाया जाएगा। इसके साथ ही काशीपुर नगर निगम को भी इससे जोड़ लिया गया है।

    काशीपुर व रुद्रपुर के कूड़े के पहाड़ से मिली मुक्ति
    दिल्ली की तरह काशीपुर व रुद्रपुर में भी पिछले साल तक कूड़े का पहाड़ दिखाई देता था। अब इस प्लांट के शुरू होने के बाद इससे मुक्ति मिली है। स्थानीय निवासी इससे काफी खुश भी हैं। मीडिया से बातचीत में काशीपुर के नगर आयुक्त विवेक राय बताते हैं कि मई और जून में हमने 50 हजार मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण किया है। इसमें से आठ हजार मीट्रिक टन आरडीएफ कूड़ा बहल पेपर मिल को दिया गया है। पहले ट्रांसपोर्ट लगाकर इसे मुज्जफरनगर भेजते थे। वहीं रुद्रपुर नगर निगम से भी बहल पेपर ने आठ हजार मीट्रिक टन कूड़ा उठाया है।

    रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल
    प्लांट के डायरेक्टर राज भंडारी ने मीडिया से कहा कि प्रोजेक्ट सीएम के सफल निर्देशन में संभव हो सका है। एमडी नवीन झांजी बताते हैं कि रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल की अवधारणा को पूरा करने का प्रयास किया गया है। राज्य सरकार का इसमें विशेष योगदान है। आने वाले समय में यह नजीर बनेगा। आने वाले समय में काशीपुर व अन्य क्षेत्रों में प्लांट अपने बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेंगे। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारी मीडिया से बातचीत में कहते हैं, पिछले एक साल में प्रोजेक्ट को लेकर बेहतर कार्य हुए हैं काशीपुर व रुद्रपुर में काफी हद तक कूड़ा निस्तारण से राहत मिली है। वहीं ग्रीन एनर्जी के रूप में कंपनी आत्मनिर्भर बनी है। इससे अन्य कंपनियों को आत्मनिर्भर बनने का प्रेरणा मिल सकेगी।

    Uttarakhand News Waste To Energy Plant उत्तराखंड 360
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Pinterest Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram Follow on LinkedIn
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn
    teerandaj
    • Website

    Related Posts

    टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी सीधी तैनाती

    July 29, 2025 उत्तराखंड 360 By teerandaj3 Mins Read3K
    Read More

    Uttarakhand के धार्मिक स्थलों में धारण क्षमता के अनुरूप ही दिया जाएगा प्रवेश

    July 29, 2025 कवर स्टोरी By teerandaj4 Mins Read5K
    Read More

    Uttarakhand में और सख्त होगा धर्मांतरण कानून

    July 29, 2025 उत्तराखंड 360 By teerandaj2 Mins Read5K
    Read More
    Leave A Reply Cancel Reply

    अतुल्य उत्तराखंड


    सभी पत्रिका पढ़ें »

    Top Posts

    Delhi Election Result… दिल्ली में 27 साल बाद खिला कमल, केजरीवाल-मनीष सिसोदिया हारे

    February 8, 202513K

    Uttarakhand : ये गुलाब कहां का है ?

    February 5, 202512K

    Delhi Election Result : दिल्ली में पहाड़ की धमक, मोहन सिंह बिष्ट और रविंदर सिंह नेगी बड़े अंतर से जीते

    February 8, 202512K

    UCC In Uttarakhand : 26 मार्च 2010 के बाद शादी हुई है तो करा लें रजिस्ट्रेशन… नहीं तो जेब करनी होगी ढीली

    January 27, 202511K
    हमारे बारे में

    पहाड़ों से पहाड़ों की बात। मीडिया के परिवर्तनकारी दौर में जमीनी हकीकत को उसके वास्तविक स्वरूप में सामने रखना एक चुनौती है। लेकिन तीरंदाज.कॉम इस प्रयास के साथ सामने आया है कि हम जमीनी कहानियों को सामने लाएंगे। पहाड़ों पर रहकर पहाड़ों की बात करेंगे. पहाड़ों की चुनौतियों, समस्याओं को जनता के सामने रखने का प्रयास करेंगे। उत्तराखंड में सबकुछ गलत ही हो रहा है, हम ऐसा नहीं मानते, हम वो सब भी दिखाएंगे जो एकल, सामूहिक प्रयासों से बेहतर हो रहा है। यह प्रयास उत्तराखंड की सही तस्वीर सामने रखने का है।

    एक्सक्लूसिव

    Dehradun Basmati Rice: कंकरीट के जंगल में खो गया वजूद!

    July 15, 2025

    EXCLUSIVE: Munsiyari के जिस रेडियो प्रोजेक्ट का पीएम मोदी ने किया शिलान्यास, उसमें हो रहा ‘खेल’ !

    November 14, 2024

    Inspirational Stories …मेहनत की महक से जिंदगी गुलजार

    August 10, 2024
    एडीटर स्पेशल

    Uttarakhand : ये गुलाब कहां का है ?

    February 5, 202512K

    Digital Arrest : ठगी का हाईटेक जाल… यहां समझिए A TO Z और बचने के उपाय

    November 16, 20249K

    ‘विकास का नहीं, संसाधनों के दोहन का मॉडल कहिये…’

    October 26, 20237K
    तीरंदाज़
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Pinterest LinkedIn WhatsApp Telegram
    • होम
    • स्पेशल
    • PURE पॉलिटिक्स
    • बातों-बातों में
    • दुनिया भर की
    • ओपिनियन
    • तीरंदाज LIVE
    • About Us
    • Atuly Uttaraakhand Emagazine
    • Terms and Conditions
    • Privacy Policy
    • Disclaimer
    © 2025 Teerandaj All rights reserved.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.