Uttarakhand : जिस राज्य का 45.44 प्रतिशत भूभाग वन से आच्छादित हो, वह अपने राजस्व प्राप्ति में फिसड्डी हो, यह समझ से परे हैं। विभाग के प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार भी इस स्थिति से चिंतित है। हालांकि, राज्य के ऊर्जा और सिंचाई विभाग की स्थिति भी कमोबेश यही है। वन विभाग का राजस्व लक्ष्य 710 करोड़ रुपये था लेकिन केवल 574 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई जबकि ऊर्जा विभाग के कर राजस्व का लक्ष्य 550 करोड़ रुपये था लेकिन केवल 365 करोड़ रुपये मिले । इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन विभागों से आय बढ़ाने की कार्ययोजना मांगी है। बताया जा रहा है कि अधिकारी इस समय कार्ययोजना बनाने में माथापच्ची कर रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार को पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 20,680 करोड़ की राशि राजस्व के रूप में प्राप्त हुई है। यह वर्ष 2023-24 की तुलना में आय सात प्रतिशत बढ़ी है। जबकि, राज्य सरकार ने लक्ष्य 27,382 करोड़ रुपये रखा था। पिछले वित्तीय वर्ष में एसजीएसटी से 9256 करोड़ रुपये, स्टांप एवं पंजीकरण शुल्क से 2635 करोड़, आबकारी से 4310 करोड़ रुपये, खनन से 1035 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। लेकिन, कुछ विभागों का सहयोग न मिल पाने की वजह से सरकार अपने लक्ष्य को पार नहीं कर पा रही है। जबकि, वन, ऊर्जा और सिंचाई विभाग में राजस्व की अच्छी खासी संभावना है।
प्रदेश में विकास और पूंजीगत कार्यों पर खर्च बढ़ाने के लिए सरकार आय के अपने संसाधनों को बढ़ा रही है। कर और करेत्तर राजस्व बढ़ाने के लिए संबंधित विभागों को प्रोत्साहित करने के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। कई विभागों ने निर्धारित वार्षिक लक्ष्य को पार किया अथवा उसके समीप पहुंचने में उन्हें सफलता मिली है। इसके बावजूद कुछ विभाग पिछले कई वर्षों से लक्ष्य के करीब पहुंचना तो दूर, काफी पीछे छूट रहे हैं।
इनमें वन, ऊर्जा और सिंचाई विभाग प्रमुख हैं। वन विभाग के पास प्रदेश में पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन उपलब्ध संसाधनों का न तो बेहतर उपयोग हो पा रहा है, और न ही नई संभावनाओं को खंगालने की इच्छाशक्ति विभागों की ओर से दिखाई जा रही है। लक्ष्य से 136 करोड़ पीछे छूट गया वन विभाग इसी माह के प्रथम पखवाड़े में हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन, ऊर्जा और जलकर से राजस्व बढ़ाने के लिए नियमित समीक्षा करने के निर्देश दे चुके हैं, ताकि बजट लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके।
वर्ष 2024-25 में वन विभाग के लिए राजस्व लक्ष्य 710 करोड़ रुपये रखा गया था। इसमें से 574 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। इसी प्रकार ऊर्जा विभाग के लिए कर राजस्व में 550 करोड़ रुपये और करेत्तर राजस्व में 751 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था। इसमें से कर राजस्व 365 करोड़ मिल सका, जबकि करेत्तर राजस्व 200 करोड़ को भी पार नहीं कर पाया। वित्त सचिव दिलीप जावलकर के मुताबिक- वन, ऊर्जा और जलकर से राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संबंधित विभागों से कार्ययोजना मांगी गई है।
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