Uttarakhand : तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में चमोली के गैरसैंण विकासखंड के दो विद्यालयों ने हिस्सा लिया। इस सेमिनार में उत्तराखंड के अलावा चार अन्य राज्यों के स्कूलों के शिक्षकों ने भाग लिया। इसमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश , जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख राज्य शामिल थे। यह सेमिनार स्कूल लीडरशिप एकेडमी ,राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान उत्तराखंड, नेशनल सेंटर फॉर स्कूल लीडरशिप (NCSL) व राष्ट्रीय शैक्षिक प्रशासन एवं योजना संस्थान (NIEPA) की ओर से आयोजित किया गया था।
यहां पर विद्यालय के प्रतिनिधियों ने स्कूलों में किए गए नवाचार को साझा किया। सेमिनार के लिए उत्तराखंड से 45 विद्यालय प्रमुखों का चयन किया गया था। इसमें चमोली से छह विद्यालय प्रमुखों का चयन किया गया था। विकासखंड गैरसैंण से पीएमश्री राजकीय प्राथमिक विद्यालय और राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय छिड़िया का चयन सेमिनार के लिए किया गया था। उक्त सेमिनार में पीएमश्री राजकीय प्राथमिक विद्यालय गैरसैंण की प्रधानाध्यापिका बबली सैंजवाल ने विद्यालय में नामांकन वृद्धि की दिशा में किए गए प्रयास के बारे में बताया। यहां उन्होंने बताया कि शिक्षकों की मदद से सांय कालीन कक्षाएं शुरू करके जन समुदाय, अभिभावकों के प्रयास से छात्र नामांकन को बढ़ावा दिया।
राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय छिड़िया गैरसैंण के प्रधानाध्यापक रमेश चंद्र निराला ने बताया कि वर्ष 2018 से अब तक विद्यालय में जन सहभागिता की मदद से 10 से 12 लाख तक के विकासात्मक कार्य विद्यालय स्तर पर श्रमदान व समुदाय के व्यय पर कराया गया। भौतिक एवं शैक्षिक संवर्द्धन में शौचालय निर्माण, मैदान समतलीकरण, चहारदीवारी निर्माण, प्रार्थना सभा मंच एवं झंडा स्टैंड निर्माण, अतिरिक्त कक्षा – कक्ष निर्माण , किचन गार्डन एवं रंगरोगन कार्य कराया गया। उन्होंने बताया कि इस काम में अध्यक्ष विद्यालय प्रंबधन समिति,सभी सदस्यों,सामाजिक कार्यकर्ता, समस्त अपने विद्यालय के अध्यापकों , समुदाय, महिला मंगल दल के समस्त सदस्यों का विशेष योगदान रहा।
इसके अलावा अन्य विद्यालयों की ओर कार्यशाला में शामिल प्रधानाध्यापक कर्मवीर सिंह 1008 गीता स्वामी राजकीय इंटर कॉलेज गोपेश्वर (दशोली) ने गुणवत्ता प्रबंधन एक दृष्टि में विद्यालय, प्रधानाध्यापिका अनीता कुंवर ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय नौटी (कर्णप्रयाग) ने पढ़ने का कोना (रीडिंग कॉर्नर ) व पुस्तकालय का अस्पताल की पहल के बारे में बताया। इसे काफी सराहा गया। इसके अलावा प्रधानाध्यापक मदन लाल कपरवाल राजकीय आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालय हरमनी ( दशोली) ने बताया कि सुबह की प्रार्थना सभा का उपयोग करके उन्होंने बच्चों में पढ़ने-लिखने की आदत विकसित करने के लिए किया। प्रधानाध्यापक कुंवर सिंह गड़िया राजकीय प्राथमिक विद्यालय ब्यारा (दशोली) ने समुदाय के सहयोग से FLN और आकलन की प्रक्रिया को प्रभावी बनाने की दिशा में किए गए कार्यों को साझा किया। इन सभी के कार्यों पर एक किताब भी लिखी गई। ताकि, इसका लाभ आने वाले वर्षों में भी लिया जा सके।
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इस पुस्तक का विमोचन सचिव विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड (रविनाथ रमन), महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड (झरना कमठान ) निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड ( वंदना गर्ब्याल), एवं अन्य विद्यालयी उच्च अधिकारियों द्वारा किया गया। समापन सत्र पर मुख्य अतिथि महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड झरना कमठान ने कहा कि राष्ट्रीय सेमिनार जैसे अवसर आपस में अंतर्संबंध एवं अंतर्दृष्टि प्रदान करने वाले होते हैं। कार्यक्रम में पैनलिस्टों द्वारा सुझाए गए विशेष सुझाव पर अमल किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्यों के विशिष्ट अनुभवों को उत्तराखंड के परिपेक्ष में रूपांतरित कर कार्य करने की आवश्यकता है।
निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड, वंदना गर्ब्याल ने प्रतिभागियों को एवं सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि नवाचारी अनुभव आधारित उच्च हिमालय हाइकिंग, ट्रैकिंग जीवन के वास्तविक अनुभव से रूबरू करवाता है। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा आरके उनियाल ने कहा कि शिक्षा केवल संसाधन से ही अपनी परिणीति तक नहीं पहुंचती बल्कि त्याग, समर्पण लगन एवं प्रतिबद्धता की जरूरत होती है। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को राष्ट्रीय सेमिनार 2024 के प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।