लोकसभा चुनाव में वोट डाल चुके उत्तराखंड वासियों को जल्द ही स्थानीय सरकार (Uttarakhand Nikay Chunav 2024) चुनने का मौका मिलने जा रहा है। शासन की कायवद से लग रहा है कि 15 मई से पहले अधिसूचना जारी हो जाएगी। राज्य में 102 नगर निकाय है। तीन में चुनाव नहीं होते। जबकि, नए बने आठ अन्य नगर निकायों के चुनाव बाद में कराए जाएंगे। नगर निकायों का पांच वर्ष का कार्यकाल पिछले वर्ष दो दिसंबर 2023 को ही खत्म हो चुका था। लेकिन, चुनाव की परिस्थिति नहीं बनने के कारण वोट नहीं डाले जा सके। इस कारण निकाय के कामकाज का जिम्मा प्रशासकों को दे दिया गया था।
निकाय चुनाव में विलंब को लेकर हाईकोर्ट में चल रहा है मामला
निकाय अधिनियम के अनुसार प्रशासकों का कार्यकाल छह माह से अधिक नहीं हो सकता। यह अवधि दो जून को ही खत्म हो रही है। इसके अलावा विलंब को लेकर हाईकोर्ट में भी एक मामला चल रहा है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र दिया है कि 30 जून तक हर हाल में निकाय चुनाव करा लिए जाएंगे। हालांकि, अभी लोकसभा चुनाव की आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है। लेकिन, कहा जा रहा है कि राज्य में मतदान हो चुके हैं। ऐसे में कुछ ढील मिल सकती है। इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि 30 जून तक चुनाव संपन्न करा लिए जाएं।
राज्य में 27 लाख 36 हजार 855 मतदाता
राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक इस बार राज्य में 27 लाख 36 हजार 855 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इसमें देहरादून निकायों में सर्वाधिक 1.27 लाख मतदाता बढ़े हैं। जबकि, हरिद्वार जिले में छह निकाय बढ़ गए लेकिन 53 हजार वोटर घट गए हैं। कुल मिलाकर प्रदेश भर में करीब दो लाख मतदाता बढ़े हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड की निकायों में मतदाता सूची को अपडेट किया था। फाइनल रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इसके मुताबिक 2018 के मुकाबले 2024 में मतदाताओं की संख्या दो लाख 447 बढ़ी है। ऊधमसिंह नगर के निकायों में 74,267, नैनीताल में 19,162, पौड़ी में 11,295, टिहरी में 10,874 मतदाता बढ़े हैं। जबकि, रुद्रप्रयाग के एक नगर पालिका की संख्या अब तक नहीं मिल सकी है। अल्मोड़ा में 1860, बागेश्वर में 5078, चमोली में 1202, चंपावत में 2747, पिथौरागढ़ में 4743, उत्तरकाशी में 864 मतदाता बढ़े हैं। हालांकि, देहरादून में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप के बाद आयोग ने सूची में नए नाम जोड़ने के लिए सात दिन का अतिरिक्त समय दिया है।

पांच साल में निकायों के मतदाताओं की संख्या
- जिला 2018 2024
देहरादून 8,04,985 9,32,346
हरिद्वार 4,67,432 4,14,230
नैनीताल 01,477 3,20,639
पिथौरागढ़ 49,278 54,021
टिहरी 63,424 74,298
ऊधमसिंह नगर 5,10,852 5,85,119
पौड़ी 1,51,874 1,63,169
उत्तरकाशी 42,730 43,594
अल्मोड़ा 31,460 33,320
बागेश्वर 19,664 24742
चमोली 50,087 51,289
चंपावत 29,393 32,140
पांच साल में किस जिले में कितने निकाय बढ़े
देहरादून में दो नगर निगम, तीन नगर पंचायत थी, जो अब दो नगर निगम, चार नगर पालिका, एक नगर पंचायत हो गई है। हरिद्वार जिले में दो नगर निगम, तीन नगर पालिका, चार नगर पंचायत थे जो अब दो नगर निगम, तीन नगर पालिका व 9 नगर पंचायत हो गई है। अल्मोड़ा में 2018 में दो नगर पालिका, दो नगर पंचायत थीं। अब दो नगर पालिका, तीन नगर पंचायत हो गए हैं। नैनीताल जिले में एक नगर निगम, तीन नगर पालिका, तीन नगर पंचायत थे, जिनकी संख्या एक नगर निगम, चार नगर पालिका, दो नगर पंचायत हो गई है। पौड़ी में एक नगर निगम, तीन नगर पालिका, दो नगर पंचायत से बढ़कर दो नगर निगम, दो नगर पालिका, तीन नगर पंचायत हो गए हैं। चंपावत में दो नगर पालिका व दो नगर पंचायत थी जो तीन नगर पालिका व एक नगर पंचायत हो गई है। बागेश्वर में एक नगर पालिका, एक नगर पंचायत से संख्या बढ़कर एक नगर पालिका, दो नगर पंचायत हो गई है। पिथौरागढ़ में तीन नगर पालिका, दो नगर पंचायत से बदलकर सभी पांच नगर पालिका बन गई हैं। चमोली में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
उधमसिंह नगर में दो नगर निगम, सात नगर पालिका, सात नगर पंचायत से बढ़कर दो नगर निगम, सात नगर पालिका, आठ नगर पंचायत हो गए हैं। टिहरी में पांच नगर पालिका, पांच नगर पंचायत से बढ़कर छह नगर पालिका, पांच नगर पंचायत हो गए हैं। रुद्रप्रयाग में एक नगर पालिका, तीन नगर पंचायत से बदलकर एक नगर पालिका, चार नगर पंचायत हो गए हैं। उत्तरकाशी में तीन नगर पालिका व दो नगर पंचायत बरकरार हैं।
नए सिरे से ओबीसी आरक्षण का होगा निर्धारण
इस बार नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण होना है। इसके लिए बनाई गई वर्मा आयोग अपनी रिपोर्ट शासन को दे चुका है। इसके मुताबिक अभी तक निर्धारित ओबीसी आरक्षण की 14 प्रतिशत की सीमा को वास्तविक आबादी के हिसाब से तय किया जाना है। कहा जा रहा है कि कई निकायों में ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ सकता है। इसके अलावा त्रिस्तरीय पंचायतों की तरह नगर निकायों में दूसरी संतान जुड़वा होने पर उसे एक इकाई मानने, निकायों को होर्डिंग पर टैक्स समेत अन्य अधिकार भी देने की तैयारी हो रही है।
संशोधन के लिए कुछ बिंदुओं पर मिल चुकी है सहमति
बताया जा रहा है कि राज्य में निकाय अधिनियम में संशोधन के लिए वित्त, कार्मिक व न्याय विभाग से परामर्श मांगा गया है। कुछ बिंदुओं पर सहमति भी मिल चुकी है। हालांकि, ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मंथन जारी है। कहा जा रहा है कि इस माह के अंत तक तीनों विभागों से परामर्श मिल जाएगा। इसके बाद इस संबंध में चुनाव आयोग से अनुमति मांगी जाएगी।