Uttarakhand News : राजधानी देहरादून में ही रेल के बिजली से चलने वाले इंजन की मरम्मत हो सकेगी। लोको आउट पिट बनाए जाने के लिए तेजी में काम चल रहा है। आउट पिट तैयार होने के बाद इंजन को ठीक करवाने के लिए लुधियाना, गाजियाबाद और लखनऊ नहीं भेजना पड़ेगा। रेलवे में कोयले के इंजन की जगह पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और बिजली से चलने वाले रेल इंजनों ने ली। देहरादून में ज्यादातर रेल गाड़ियों के इंजन बिजली से चलने वाले हैं। ऐसे में इन इंजनों में किसी भी तरह की तकनीकी खराबी आ जाती है तो उनको ठीक करने के लिए दून में कोई व्यवस्था नहीं है। इसी वजह से देहरादून में बिजली के इंजनों की मरम्मत के लिए लोको पिट की जरूरत रेलवे काफी समय से समझ रहा था।

इसके चलते यहां लोको आउट पिट बनाने का निर्णय लिया गया था। दून रेलवे स्टेशन की कोच रिपेयरिंग शेड की तरफ ही एक भवन बनाया जा रहा है। बिजली के इंजन की लोको पिट में होती है। दून में दो पटरी वाली सीको आउट पिट बनाई जा रही है। इसमें एक साथ चार इंजनों की मरम्मत की जा सकेगी।
16 ट्रेनों का देहरादून से किया जाता है संचालन
देहरादून मुरादाबाद मंडल का महत्वपूर्ण स्टेशन है। यहां से करीब 16 ट्रेनों का संचालन किया जाता है। इनमें में कुछ कुछ रोजाना ती कुछ साप्ताहिक चलाई जाती है। शताब्दी एक्सप्रेस, जन शताब्दी, एक्सप्रेस, वंदे भारत सहित कई प्रमुख ट्रेनें यहां से संवालित होती। हैं। सभी ट्रेनों में इंजन इलेक्ट्रिक हैं। पूरा रूट इलेक्ट्रिक होने की वजह से एक भी ट्रेन पेट्रोल-डीजल की यहां नहीं है।
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भवन हो चुका तैयार, अब बरसात बाद तेजी से होगा काम
लोको आउट पिट के लिए भवन तैयार किया जा चुका है। करीब 10 महीने पूर्व इसका निर्माण शुरू हुआ था। बीच में बरसात की वजह से अन्य काम धीमा रहा, लेकिन अब बरसात खत्म होते ही काम तेजी पकड़ेगा। उम्मीद है कि अगले दो-तीन महीने में काम पूरा हो सकेगा। इस काम के लिए करीब पांच करोड़ रुपये स्वीकृत हैं। अभी तक यहां सीएलआई की तैनाती है, लेकिन जब यह लोको आउट पिट तैयार हो जाएगा तो संबंधित स्टाफ को भी यहां भेजा जाएगा।