उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग (Uttarakhand Forest Fire) काबू में नहीं आ रही है। स्थिति गंभीर होते देख सीएम पुष्कर धामी ने अपने सारे कार्यक्रम स्थगित कर बुधवार को देहरादून में समीक्षा बैठक करेंगे। वह लगातार आग बुझाने के कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। लेकिन, अब तक अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी है। पौड़ी के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए सेना का एमआइ-17 हेलिकॉप्टर अदवाणी के जंगलों में पानी का छिड़काव करता रहा। हेलिकॉप्टर श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की झील से पानी ले रहा है। इसी के साथ 24 घंटे के भीतर 68 नई घटनाएं हुईं, जिनमें कुल 120 हेक्टेयर वन क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा है। अब तक कुल 998 घटनाओं में 1,317 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। आग से पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है और चार घायल हुए हैं। उधर, धुएं के गुबार पहाड़ों को अपनी गिरफ्त में ले चुके हैं। इसके कारण हवाई बचाव अभियान प्रभावित हो रहा है। मंगलवार को पौड़ी में श्रीनगर के पास जंगल की आग बुझाने में जुटे सेना के हेलिकाॅप्टर को कम दृश्यता के कारण घंटों इंतजार करना पड़ा।
सीएम को लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है। वह मंगलवार की रात देहरादून पहुंच गए। बुधवार को राज्य सचिवालय में आगामी मानसून को लेकर विभागों की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। बैठक सुबह 10 बजे राज्य सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में होगी। वह वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे।
उत्तराखंड के जंगलों में आग… आखिर हर साल एक जैसी कहानी क्यों?
अल्मोड़ा में बारी-बारी से पहरेदारी कर रहे ग्रामीण
जंगलों की आग ने अल्मोड़ा के 30 गांवों के लोगों की नींद उड़ा दी है। 7.5 हेक्टेयर में फैले स्याहीदेवी-शीतलाखेत जंगल के साथ ही अपने खेत-खलिहानों को बचाने के लिए ग्रामीण रात-दिन बारी-बारी से पहरेदारी कर रहे हैं। वर्ष 2003 में विलुप्त हो गए स्याहीदेवी-शीतलाखेत जंगल को बगैर पौधरोपण के फिर से विकसित करने की पहल शुरू हुई थी।
आग बुझाने से ज्यादा आंकड़ों की बाजीगरी में उलझा विभाग
आग बुझाने में दमकल विभाग वन विभाग से भी आगे निकल गया है। वह नियंत्रण के साथ वनों में लगी आग की घटनाएं दिखाने में भी आगे है। वन विभाग और दमकल विभाग के आंकड़ों में भारी अंतर है। दमकल विभाग के आंकड़ों के अनुसार 15 फरवरी से बीते छह मई तक दमकल विभाग 101 जंगलों की आग बुझा चुका है। जबकि, वन विभाग के आंकड़ों में वनाग्नि की सिर्फ 35 घटनाएं दर्ज हैं। दमकल विभाग के आंकड़ों के अनुसार फायर स्टेशन बागेश्वर इस अवधि में 49 घटनाओं में रोकथाम कर चुका है।
सेटेलाइट से कर रहे गणना
वन विभाग घटनाओं की गणना सेटेलाइट से कर रहा है। छुटपुट आग की घटनाएं दर्ज नहीं हो रही हैं। वन विभाग के आग के आंकड़े मंडल मुख्यालय से जारी हो रहे हैं।
अब तक 390 मुकदमे, 60 गिरफ्तार
जंगलों में आग लगाने के मामले में अब तक 390 मुकदमे दर्ज हुए हैं। यह आंकड़ा उत्तराखंड राज्य के अस्तिव में आने के बाद सर्वाधिक है। इसके अलावा 60 लोगों की पहचान कर उनको गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
जिलों में बारिश की संभावना, आग बुझाने में मिलेगी मदद
मंगलवार को टिहरी और उत्तरकाशी समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश हुई। कई जगह ओलावृष्टि की भी सूचना है। मौसम विभाग के मुताबिक पर्वतीय जिलों के कुछ इलाकों में आज तेज हवाओं के साथ आंधी चलने की संभावना है। इसमें पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत और नैनीताल में कुछ स्थानों पर बारिश के आसार बने हैं। वहीं, देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, ऊधमसिंह नगर और चमोली में हल्की बारिश की संभावना है। साथ ही 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से झोंकेदार हवा चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे आग बुझाने में कुछ मदद मिलेगी। मंगलवार को हुई बारिश से पिथौरागढ़ और बागेश्वर में कुछ जगहों में आग बुझाने में मदद मिली।