Uttarakhand के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की हाजिरी 1 मई से बायोमैट्रिक से लगेगी। इस बाबत मंगलवार को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि यदि विभाग में बायोमैट्रिक मशीनें स्थापित नहीं हैं अथवा पर्याप्त संख्या में नहीं हैं तो आवश्यक तैयारियां समय से पूरी की जाएं। पहले से स्थापित बायोमैट्रिक मशीनों में यदि कोई कमी है तो उसे ठीक किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि विभागों द्वारा जनहित एवं राज्यहित में आवश्यक, महत्त्वपूर्ण एवं प्राथमिकता वाली योजनाओं की सूची तैयार की जाए, ताकि व्यापक जनहित में इन योजनाओं हेतु धनराशि की व्यवस्था की जा सके तथा इनकी स्वीकृति हेतु समुचित कार्यवाही की जा सके। उन्होंने इन योजनाओं की सूची नियोजन विभाग को तथा उसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध कराये जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने एक करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं की समीक्षा पीएम गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से किए जाने के भी निर्देश दिए। इसके लिये सभी विभागों को आवश्यक तैयारी किए जाने के निर्देश दिए गए। भविष्य में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली ईएफसी पीएम गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। विभागीय सचिवगणों से भी विभागीय ईएफसी पीएम गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से कराए जाने के लिए निर्देश दिए गए। सीएस ने सभी विभागों द्वारा तैयार की जाने वाली विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को ई-डीपीआर के रूप में तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में गति आएगी। कुछ राज्यों में ई-डीपीआर बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है। एनआईसी के माध्यम से इसका अध्ययन कराते हुए भविष्य में परियोजनाओं हेतु ई-डीपीआर बनाए जाने के लिए समुचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए गए।
बैठक में सभी विभागीय सचिवगणों को सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देशों के क्रम में वर्ष में न्यूनतम एक बार अनुभागों का विस्तृत निरीक्षण किए जाने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार का निरीक्षण रोस्टर के अनुसार अपर सचिवों, संयुक्त सचिवों, उप सचिवों एवं अनुसचिवों को किये जाने के निर्देश दिए गए। सभी अधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यों हेतु Annual Work Plan बनाये जाने के निर्देश दिए गए, ताकि सभी प्रकार के विभागीय कार्यों को समय से पूरा किया जा सके तथा विलम्ब से बचा जा सके। सीएस ने सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची तैयार कर इस हेतु पूर्व में बनाए गए पोर्टल पर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए। इस बारे में पूर्व में काफी कार्य किया गया था तथा कई विभागों द्वारा अपनी विभागीय परिसम्पत्तियों की सूची Government Assets Inventory पर अपलोड किया गया था। पुनः सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची इस पोर्टल पर अपलोड किये जाने के निर्देश दिए गए।
अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के बारे में विवरण देते समय अनिवार्य रूप से अचल सम्पत्ति का विवरण दिया जाना अनिवार्य है। बैठक के दौरान यह संज्ञान में लाया गया कि कई विभागीय अधिकारियों द्वारा समय से अपनी वार्षिक अचल सम्पत्ति का विवरण अपने विभागों को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। वार्षिक गोपनीय आख्या के बारे में विवरण देते समय अचल संपत्ति का विवरण घोषित किए जाने को अनिवार्य बनाये जाने के लिए व्यवस्था बनाए जाने के निर्देश दिए गए। पदोन्नति के समय यह देखा जाएगा कि कार्मिक द्वारा अचल संपत्ति का विवरण प्रस्तुत किया गया है अथवा नहीं।
बैठक में देहरादून में राज्य संग्रहालय की आवश्यकता बताई गई। इसके लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए गए। कौलागढ़ में स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र का अधिक से अधिक उपयोग किए जाने के लिए कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिए गए। संस्कृति विभाग में पंजीकृत विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक दलों की आपस में प्रतियोगिता कराते हुए पारदर्शी तथा निष्पक्ष तरीके से इनको श्रेणी ए, बी, सी आदि में रखे जाने के निर्देश दिए गए, ताकि आवश्यकतानुसार इनका उपयोग किया जा सके।