दूसरा कार्यकाल की शुरुआत से ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप काफी आक्रामक नजर आ रहे हैं। पहले उन्होंने चीन, कनाड़ा जैसे देशों से आयात होने वाले सामान पर टैक्स बढ़ाया अब उनकी निगाहें भारत पर हैं। उन्होंने बुधवार पांच मार्च को अमेरिकी कांग्रेस में कहा कि यह देश हमपर ज्यादा टैक्स लगा रहे हैं। इसलिए दो अप्रैल से इनपर भी उतना ही टैक्स लगाया जाएगा, जितना ये हमपर लगाते हैं। इसे ही Reciprocal tariffs (पारस्परिक टैरिफ) कहते हैं। जानकार बताते हैं कि ट्रंप के इस कदम से पूरी दुनिया में हलचल मचनी तय हैं। आने वाले समय में एक बड़ा व्यापार युद्ध देखने को मिल सकता है।
बाजार के जानकार बताते हैं, अगर अमेरिका Reciprocal tariffs लगाता है तो भारत को सालाना 7 अरब डॉलर का नुकसान होने की आशंका है। इससे ऑटोमोबाइल, कृषि और औद्योगिक उत्पादों को सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। उससे बड़ी बात ये है कि अमेरिका भारत के लिए उन देशों में शुमार है, जहां से कारोबार करने पर देश को नुकसान नहीं होता। इसका मतलब है कि भारत का अमेरिका का ट्रेड हमेशा से सरप्लस रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और अमेरिका का ट्रेड 100 अरब डॉलर के पार चला गया था। दोनों देशों का ट्रेड 80 बिलियन डॉलर से ऊपर बना हुआ है। जिसमें 50 बिलियन डॉलर से ज्यादा एक्सपोर्ट भारत अमेरिका को करता है। इस रेसिप्रोकल टैरिफ पर भारत को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें : गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने किया ‘चलो गैरसैंण’ का आह्वान, कहा-स्वाभिमान बचाओ
कुछ समय पहले एक रिपोर्ट भी सामने आई थी। जिसमें का कहा गया था कि अगर रेसीप्रोकल टैरिफ लागू होता है तो भारत की जीडीपी को सालाना आधार पर 0.50 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ सकता है। तीसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों में भारत एक बार फिर से 6 फीसदी से ऊपर गया है। साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के लिए जो जीडीपी अनुमान है वो 6 फीसदी से ऊपर ही देखने को मिल रहा है। ट्रंप अमेरिका में 4 साल तक सत्ता में रहेंगे। अगर ऐसा ही रहा तो भारत की जीडीपी को रेसिप्रोकल टैरिफ से ज्यादा नुकसान होने की संभावना है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ट्रंप के इस ऐलान से देश की जीडीपी को किस का तरह नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, भारत हमसे 100% ऑटो टैरिफ वसूलता है, चीन हमसे दोगुना टैरिफ वसूलता है, दक्षिण कोरिया चार गुना टैरिफ लगाता है। यह प्रणाली अमेरिका के लिए उचित नहीं है। डोनाल्ड ट्रंन ने भारत, चीन, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों को अमेरिकी आयात पर उच्च शुल्क लगाने वाले देशों में रखा। ट्रंप ने कहा कि जो भी देश हम पर जितना टैरिफ लगाएगा, हम उसके खिलाफ उतना ही टैरिफ लगाने जा रहे हैं। हमने इसके लिए 2 अप्रैल की तारीख तय की है। ट्रंप ने कहा कि शुल्क अमेरिका को फिर से अमीर और महान बनाने के लिए हैं।
उनके हथियार का ही करेंगे इस्तेमाल
ट्रंप ने कहा, जिन देशों ने हमारे पर ज्यादा टैरिफ लगा रखा है, अब हम उनके हथियार यानी उतना ही टैरिफ लगाएंगे। यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत… और अनगिनत अन्य देश हमसे बहुत अधिक टैरिफ वसूलते हैं। उनकी तुलना में हम उनसे कम टैरिफ लेते हैं। यह बहुत अनुचित है। भारत हमसे 100% ऑटो टैरिफ वसूलता है, चीन हमसे दोगुना टैरिफ वसूलता है, दक्षिण कोरिया चार गुना टैरिफ लगाता है।
2 अप्रैल को Reciprocal tariffs लागू होंगे
ट्रंप ने एलान किया कि 2 अप्रैल को पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal tariffs) लागू होंगे। वे जो भी टैरिफ हम पर लगाते हैं, हम उन पर टैरिफ लगाएंगे। वे जो भी ‘कर’ हम पर लगाते हैं, हम उन पर कर लगाएंगे। यदि वे हमें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए गैर-मौद्रिक टैरिफ लगाते हैं, तो हम उन्हें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए गैर-मौद्रिक अवरोध लगाएंगे।
हर देश ने हमें लूटा है
ट्रंप ने कहा, दुनिया का लगभग हर देश ने अमेरिका को लूटा है। अब हम ऐसा नहीं होने देंगे। टैरिफ से भारी आमदनी होगी। इससे अप्रत्याशित नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल से अमेरिका आने वाले विदेशी कृषि उत्पादों पर नया टैरिफ लागू होगा। हम नई ट्रेड पॉलिसी लाएंगे, जो अमेरिका के किसानों के लिए शानदार होगी। गंदा और घटिया विदेशी सामान अमेरिका में आ रहा है, जो अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी एल्युमिनियम, कॉपर, लंबर और स्टील पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया गया है। यह सिर्फ अमेरिकी नौकरियों की सुरक्षा के लिए नहीं हैं, ये हमारे देश की आत्मा की रक्षा करने के लिए हैं।
मैक्सिको और कनाडा को भी घेरा
ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा को भी घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि कनाडा, मैक्सिको ने अमेरिका में रिकॉर्ड स्तर पर फेंटानाइल आने दिया। इससे हजारों अमेरिकी मारे गए। हम कनाडा और मैक्सिको को सब्सिडी देते हैं, लेकिन अब और नहीं देंगे।