Technology इंसानों के काम छीन रहा है। दूसरे पक्ष को देखकर यह भी कह सकते हैं कि इंसानों का काम आसान बना रहा है। देहरादून में एक ऐसा रोबोट बनाया जा रहा है जो आपके खेतों में काम करेगा। यानी, धान-गेहूं तक काटेगा। इसकी क्षमता दस आदमियों के बराबर होगी। जो काम दस लोग मिलकर एक घंटे में करेंगे वह काम यह अकेला कर डालेगा। कृषि क्षेत्र में पूरे देश में एक बड़ी समस्या मजदूरों की है। इसे कुछ महीनों में लॉन्च किया जा सकता है। अधिकांश जगह मजदूरों की कमी के कारण लोग खेती से विमुख हो रहे हैं। धान-गेहूं काटने की मशीनें तो आ गई हैं। लेकिन, पहाड़ी इलाकों में समस्या यह है कि ये बड़ी-बड़ी मशीन हर जगह नहीं पहुंच पाती हैं। साथ ही छोटी जोत वाले खेत में यह काम भी नहीं आती। इसलिए खेतों में काम करने वाले रोबोट की अहमियत बढ़ जाती है। हालांकि, जिस रोबोट पर काम हो रहा है वह भी पहाड़ी इलाकों में काम नहीं कर पाएगा। लेकिन, अगर यह सफल होता है तो पहाड़ी इलाकों में काम करने वाले रोबोट के बनने का मार्ग भी प्रशस्त हो जाएगा।

इसे तैयार कर रहे हैं वायु सेना के पूर्व अधिकारी श्रीजीत बीएस। उत्तराखंड सरकार ने इनको ग्रैंड चैलेंज स्टार्टअप के लिए चुना है। श्रीजीत बीएस केरल के मूल निवासी है। वह देहरादून में रहते हैं। उन्होंने यह सपना खेती में मजदूरों की कमी के चलते देखा था। श्रीजीत ने इस प्रोजेक्ट के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। मीडिया से बातचीत में वह बताते हैं, अभी तक किसान केवल छोटी-बड़ी मशीनों पर ही निर्भर हैं। नवीन तकनीकों के नाम पर ड्रोन का एक विकल्प किसानों के पास है, लेकिन ये बहुत महंगे हैं, जिससे इन तक छोटे किसानों की पहुंच बहुत कम है। श्रीजीत ने दावा किया कि उनका यह रोबोट किफायती दामों में उपलब्ध हो सकेगा। इसके लिए उन्होंने फील्ड एक्स रोबोट नाम से स्टार्टअप शुरू किया है। इस रोबोट पर काम लगभग पूरा हो चुका है। इसे जल्द ही लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। इसे बनाने में लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं। उत्तराखंड सरकार काफी रुपये इस प्रोजेक्ट में मदद के तौर दे चुकी है।
400 सीसी का होगा इंजन
इसका इस्तेमाल पहाड़ी इलाकों में नहीं किया जा सकेगा, यह केवल मैदान के लिए है। इसमें 400 सीसी पेट्रोल इंजन प्रणाली है। इसको इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे किसान अपनी अटैचमेंट्स भी कर सकते हैं। श्रीजीत ने बताया कि इस रोबोट पर सुरक्षा की दृष्टि से भी काम किया जा रहा है।
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