गणतंत्र दिवस पर उत्तराखंड की झांकी सांस्कृतिक धरोहर और साहसिक खेल को तीसरा स्थान मिला है। उत्तर प्रदेश की महाकुंभ झांकी को दूसरा स्थान मिला है। यह झांकी प्रयागराज की पवित्र गंगा, अविरल यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर हो रहे महाकुंभ के दिव्य स्वरूप को दर्शा रही थी, जो पृथ्वी का सबसे बड़ा समागम है। इसे पीपुल्स ऑफ चॉइस कटेगरी में पहला स्थान मिला है। गुजरात की झांकी को पहला स्थान मिला है।
गणतंत्र दिवस समोराह में इस वर्ष उत्तराखंड सहित 15 राज्यों की झांकियां थी। राज्य झांकी की थीम इस बार सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल रखा गया था। मार्च पास्ट के दौरान जैसे ही झांकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने से होकर गुजरी उन्होंने हाथ हिलाकर टीम का अभिवादन किया। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बार फिर उत्तराखंड को लेकर अपनापन झलका था।
देवभूमि उत्तराखंड राज्य की इस झांकी में राज्य की समृ़द्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सुंदरता एवं साहसिक खेल एवं पर्यटन को दर्शाया गया था। झांकी के अग्र भाग में उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा में प्रसिद्ध ऐपण कला को बनाती हुई महिला को दिखाया गया। इस कला को उत्तराखंडी महिलाओं द्वारा पूजा कक्षों, घरों के प्रवेश द्वारों के फर्श और दीवारों पर बनायी जाता है। इसको बनाने के लिए चावल का आटा तथा गेरु का उपयोग किया जाता है।
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झांकी के ट्रेलर पार्ट में उत्तराखंड के साहसिक खेलों एवं साहसिक पर्यटन को चित्रित किया गया था। इसमें नैनीताल और मसूरी में हिल साइकिलिंग, फूलों की घाटी और केदारकांठा की ट्रैकिंग, ओली में स्नो स्कीइंग तथा ऋषिकेश में योगा, बंजी जम्पिंग, जिप-लाइनिंग एवं रॉक क्लाइम्बिंग शामिल है। राज्य सरकार द्वारा सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और साहसिक खेलों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए गणतंत्र दिवस की परेड में झांकी के रूप में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया गया था।