उत्तराखंड का श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय मुस्लिम लीग का संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को मानता है। बात यूं है कि एक छात्र ने अपनी कॉपी सूचना अधिकार के तहत मांगी। जब कॉपी राज्य सूचना आयुक्त के पास पहुंची तो वह हैरान रह गए। इसमें एक सवाल था-मुस्लिम लीग के संस्थापक कौन थे? परीक्षार्थी ने जवाब दिया था – मोहम्मद अली जिन्ना। Sri Dev Suman University के परीक्षक यह जवाब सही मानते हुए उसे पूरे अंक दे दिए। अब बीएड की पूरी कॉपियों के मूल्यांकन पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। जब देश में पेपर लीक प्रकरण सुर्खियों में है। नीट जैसी परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई। नेट की परीक्षा दूसरे दिन ही रद्द करनी पड़ गई। प्रतियोगी छात्र आंदोलनरत हैं। ऐसे समय यह लापरवाही समझ से परे है। क्योंकि, यह मानने का कोई कारण नहीं है कि परीक्षक को यह पता न हो कि मुस्लिम लीग का संस्थापक कौन था।
मूल्यांकन की ये गड़बड़ी सूचना आयोग में आए एक मामले से सामने आई। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने इस पर चिंता जताते हुए विवि के कुलसचिव को व्यक्तिगत तलब किया है तो वहीं विवि के लोक सूचना अधिकारियों पर दस हजार का जुर्माना लगा दिया है। राज्य सूचना आयुक्त ने सूचना अधिकार के तहत एक शिकायतकर्ता की इतिहास एवं राजनीति शास्त्र की उत्तर पुस्तिकाएं आयोग में तलब कर अपीलार्थी को उनकी प्रति उपलब्ध कराई।
जांची गई उत्तर पुस्तिकाएं समय पर उपलब्ध न कराने पर लोक सूचना अधिकारी एवं डीम्ड लोक सूचना अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए परीक्षा नियंत्रक को मूल्यांकन पर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा आयोग ने उत्तर पुस्तिकाओं के गैर जिम्मेदाराना मूल्यांकन तथा सूचना अधिकार के अंतर्गत अनुरोध पत्रों का जिम्मेदारीपूर्वक निस्तारण न किए जाने पर विवि को क्षतिपूर्ति का नोटिस जारी करते हुए कुलसचिव को विवि की ओर से स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। विश्वविद्यालय से संबंधित सूचना अधिकार के एक अन्य प्रकरण में समय पर सूचना उपलब्ध न कराने पर आयोग ने लोक सूचना अधिकारी तथा डीम्ड लोक सूचना अधिकारी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
गलत मूल्यांकन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
अंतरिम आदेश में आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टया लग रहा है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सही ढंग से नहीं किया गया है। प्रेषित सूचना के परीक्षण में यह तथ्य प्रकाश में आया कि उत्तर पुस्तिका में कई प्रश्नों को परीक्षक की ओर से जांचा ही नहीं गया। प्रेषित सूचना का मूल उत्तर पुस्तिका से मिलान किये जाने पर गैर जिम्मेदाराना मूल्यांकन की पुष्टि होती है। सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि परीक्षक की ओर से सही मूल्यांकन न किया जाना उत्तर पुस्तिका में लिखे प्रश्नों के उत्तरों की जांच न किया जाना, गलत अंक दिया जाना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
आयोग ने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही या जानबूझकर की गई गड़बड़ी किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं हो सकती। यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। एक ओर जब मूल्यांकन की पारदर्शी व्यवस्था की जरूरत पर बल दिया जा रहा है, वहीं राज्य के विवि में मूल्यांकन की गैर जिम्मेदाराना व्यवस्था विवि की कार्य संस्कृति एवं विश्वसनीयता पर सवाल खडे़ करती है। आयोग ने शिकायतकर्ता के क्षतिपूर्ति दिलाने के अनुरोध पर कुलपति से आगामी सुनवाई में ये स्पष्टीकरण की अपेक्षा की है कि क्यों न विवि पर क्षतिपूर्ति अधिरोपित की जाए। एक प्रवेश परीक्षा-एक परिणाम योजना के तहत इस बार राज्य के तीन विवि श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय, कुमाऊं विश्वविद्यालय, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोडा के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी श्रेदेवसुमन विश्वविद्यालय को मिली थी।

मुस्लिम लीग के बारे में
मुस्लिम लीग के संस्थापक थे: ख्वाजा सलीमुल्लाह, विकार-उल-मुल्क, सैयद अमीर अली, सैयद नबीउल्लाह, खान बहादुर गुलाम और मुस्तफा चौधरी। मोहम्मद अली जिन्ना मुस्लिम लीग की स्थापना के बाद एक बड़े चेहरे के तौर पर उभरे जरूर लेकिन वह संस्थापक सदस्यों में शामिल नहीं थे। ढाका में 30 दिसम्बर 1906 को अखिल भारतीय मुस्लिम लीग की स्थापना हुई थी।