Rishikesh Karnaprayag Rail Project : अब तीर्थयात्रियों को बाबा बद्री विशाल के दर्शन के लिए लंबा सफर नहीं करना होगा। कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के तहत चमोली के गौचर में एक स्टेशन बनाया जाएगा। यहां से बद्री विशाल धाम के सफर का समय काफी घट जाएगा। बताया जा रहा है कि घोलतीर से गौचर तक यात्री दो सुरंगों से गुजरकर यहां पहुंचेंगे। यहां बनने वाले स्टेशन पर दो प्लेटफॉर्म होंगे।
घोलतीर से गौचर तक 7.01 किमी सुरंग बनेगी
रेलवे विभाग के सूत्रों के मुताबिक, घोलतीर से गौचर तक का ट्रैक 16 किमी का होगा जबकि 7.01 किमी लंबी सुरंग बनेगी। यहां पहुंचने के लिए करीब खुले में ट्रैक लगभग 2.5 किमी होगा। समुद्र तल से 800 मीटर (2,620 फीट) की ऊंचाई पर स्थित गौचर सात पहाड़ों से घिरा हुआ है। गौचर अपने ऐतिहासिक व्यापार मेले और हवाई पट्टी के लिए जाना जाता है। गौचर नगर पालिका है।
गौचर रेलवे स्टेशन संचालित होने से करीब 20 हजार की आबादी के लिए आवाजाही आसान हो जाएगी। साथ ही तीर्थयात्रियों का सफर भी सुगम हो जाएगा। कर्णप्रयाग रेल लाइन से यहां पर्यटन, तीर्थाटन, व्यवसाय को भी बढ़ावा। इसका लाभ गौचर के लोगों को मिलेगा। यहां के लोगों के पास यात्रा पर जाने के लिए हवाई पट्टी और रेल सुविधा दोनों हो जाएंगी। यहां से यात्री बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए बस से रवाना हो सकते हैं।
स्टेशनों पर दिखेगी उत्तराखंड की स्थापत्य कला
रेलवे स्टेशन भवनों को उत्तराखंड के पौराणिक मंदिरों व ऐतिहासिक भवनों की तर्ज पर बनाने की तैयारी में है। एक स्टेशन निर्माण में कम से कम 40 से 50 करोड़ की लागत आएगी। रेलवे विकास निगम अगस्त माह में स्टेशन निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया जारी करेगा।
पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट है कर्णप्रयाग रेल परियोजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी काम हो रहा है। उम्मीद है कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे मार्ग आगामी 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा। जिसके बाद ट्रायल होंगे, फिर इस रूट पर ट्रेन का आवागमन शुरू हो जाएगा।
चारधाम यात्रियों का ये होगा फायदा
श्रद्धालु अभी ऋषिकेश हरिद्वार और श्रीनगर से आगे जाम में फंसकर आगे की यात्रा करते हैं। ऐसे में उनके लिए एक बड़ा विकल्प यह होगा कि वो ऋषिकेश से ट्रेन में बैठकर सीधे कर्णप्रयाग तक पहुंच सकेंगे और कर्णप्रयाग के बाद टैक्सी के माध्यम से केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेंगे। कर्णप्रयाग से बदरीनाथ की दूरी करीब 118 किलोमीटर की है। जबकि, केदारनाथ की दूरी मात्र 55 किलोमीटर रह जाएगी।