देवभूमि की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। श्रद्धालु 10 मई से बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर सकेंगे। भक्तों की उत्सुकता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि सोमवार शाम सात बजे तक ही ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चार धाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा लिए थे। पर्यटन विभाग के अनुसार पिछले साल पहले दिन लगभग 50 हजार यात्रियों ने पंजीकरण किया था। अगर तुलना की जाए तो इस बार पांच गुना अधिक यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। विभाग के मुताबिक, वेबसाइट खुलते ही 35 लाख यूजरों ने गुगल पर सर्च किया। लेकिन, पर्यटन विभाग की पहले से की गई तैयारियों के कारण वेबसाइट में किसी तरह की तकनीकी दिक्कतें नहीं आई। पंजीकरण सुचारु रूप से पंजीकरण होते रहे।
chardham yatra के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए इस बार पंजीकरण 25 दिन पहले से ही कराया जा रहा है। वेबसाइट खुलने के 12 घंटे के भीतर लगभग 2.50 लाख तीर्थयात्रियों ने यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। इसमें केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए सबसे अधिक 85,034 पंजीकरण शामिल हैं। उत्तराखंड पर्यटन विभाग भी भक्तों का उत्साह देख अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गया है। पर्यटन विभाग को उम्मीद है कि इस बार रिकॉर्ड तोड़ तीर्थयात्री चारधाम की यात्रा करेंगे। पिछले वर्ष 2023 में चारधाम यात्रा के लिए 74 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया था। जिनमें से 56 लाख यात्रियों ने दर्शन किए थे। इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में खासा बढ़ोतरी का अनुमान है।

पहले 12 घंटे में हुए पंजीकरण
धाम पंजीकरण
केदारनाथ 85,034
बदरीनाथ 72,118
गंगोत्री 44,822
यमुनोत्री 43,911
हेमकुंड साहिब 2597
कुल 2,48,482
ऐसे कराएं पंजीकरण
उत्तराखंड पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। साथ ही व्हाट्सएप नंबर-8394833833 पर yatra (यात्रा) लिख कर मैसेज करने पर पंजीकरण किया जा रहा है। जो तीर्थयात्री वेबसाइट पर पंजीकरण कर पाने में सक्षम नहीं हैं उनके लिए पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर- 0135-1364 पर फोन कर पंजीकरण कराने की सुविधा उपलब्ध कराई है। साथ ही स्मार्ट फोन पर touristcarerttarakhand मोबाइल एप से भी पंजीकरण कर सकते हैं। ध्यान रखें… यात्रा के लिए पहले से ही रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसलिए रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही प्लान तैयार करें।

इस तिथियों में खुलेंगे कपाट
10 मई को अक्षय तृतीया पर केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 7 बजे और बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को ब्रह्ममुहूर्त में सुबह 6 बजे खोले जाएंगे। गंगोत्री के कपाट अभिजीत मुहूर्त और अमृत बेला में 12.25 बजे खोले जाएंगे। यमुनोत्री के कपाट भी 10 मई को ही खोले जाएंगे। हेमकुंड साहिब की यात्रा 25 मई से की जा सकेगी। महाभिषेक पूजा के लिए 4700 रुपये और अभिषेक पूजा के लिए 4500 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है।

पौराणिक महत्व
स्कंद पुराण में तीर्थ अध्याय में चार धाम यात्रा का महत्व बताया गया है। इसमें कहा गया है कि चार धामों के दर्शन करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है। प्राचीन काल से चार धाम तीर्थ के रूप मे मान्य थे। लेकिन, आदि शंकराचार्य ने इसका प्रचार किया।
ग्रंथों के मुताबिक तीर्थ स्थलों पर जाने से पौराणिक ज्ञान तो बढ़ता ही है, देवी-देवताओं से जुड़ीं कथाएं और परंपराएं का भी ज्ञान प्राप्त होता है। प्राचीन संस्कृति को जानने समझने का मौका मिलता है। अलग-अलग रीति-रिवाजों को देखने जानने का मौका मिलता है। भगवान और भक्ति से जुड़ी मान्यताओं की जानकारी मिलती है। जिसका लाभ दैनिक जीवन की पूजा में मिलता है।
सृष्टि का आठवां बैकुंठ
बद्रीनाथ धाम को सृष्टि का आठवां बैकुंठ कहा जाता है। यहां भगवान विष्णु छह महीने विश्राम करने के लिए आते हैं। साथ ही केदारनाथ धाम में भगवान शंकर विश्राम करते हैं। केदारनाथ में दो पर्वत हैं, जिन्हें नर और नारायण के नाम से जाना जाता है। यह भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक है।
चार धाम यात्रा करने से व्यक्ति को जीवन और मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। एक कहावत यह भी है कि जो व्यक्ति एक बार भी बद्रीनाथ के दर्शन करता है, उसे उदर यानी गर्भ में नहीं जाना पड़ता है। शिव पुराण में बताया गया है कि केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का पूजन करने के बाद जो व्यक्ति जल ग्रहण कर लेता है, उसे दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता है।