PM Modi In Uttarkashi: पीएम मोदी 27 फरवरी को दुनिया के दूसरे सबसे ऊंचे ट्रैक जनकताल का शिलान्यास करेंगे। पूरी उम्मीद है कि इससे क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी। पर्यटन को पंख लगेगा साथ ही बड़े स्तर पर स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसे लद्दाख की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। बतादें कि 1962 के युद्ध के बाद नेलांग और जादूंग सहित सोनम घाटी छावनी में तब्दील हो गई थी। वहां पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों की आवाजाही बंद कर दी गई थी। लेकिन अब भौगोलिक परिस्थिति के आधार पर लद्दाख की तर्ज पर विकसित करने की योजना शुरू कर दी गई हैं।
बतादें कि जादूंग से जनकताल कर ऊंचे पहाड़ों और घाटियों के बीच 12 किमी लंबा ट्रैक है और यहां पर एक पानी की शुद्ध झील है। जनकताल समुद्रतल से करीब 17,716 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। वहीं दूसरी ओर नीलापानी-मुलिंगना पास भी करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह दोनों ट्रैक तिब्बत क्षेत्र को जोड़ते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुखबा और हर्षिल दौरे के दौरान जादूंग घाटी में विश्व के दूसरे ऊंचे ट्रेक जनकताल और नीलापानी घाटी में मुलिंगना पास का शिलान्यास करेंगे। इन दोनों ट्रेक के शुरू होने से 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद बंद इस घाटी में पर्यटन के नए आयाम खुलेंगे।
जिला प्रशासन जादूंग-जनकताल और नीलापानी-मुलिंगना पास पर ट्रेक शुरू करने की तैयारी कर रहा है। डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि हमारा प्रयास है कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने दौरे में इन दो ट्रेक का शुभारंभ कर नेलांग-जादूंग घाटी में साहसिक पर्यटन को नया आयाम दें। वहीं नेलांग और जादूंग गांव को बसाने के लिए वाइब्रेंट योजना के तहत होम स्टे निर्माण भी शुरू हो गया है।
ट्रैकिंग रूट का सर्वे कर चुकी है टीम
गंगोत्री नेशनल पार्क व आइटीबीपी की संयुक्त टीम इसका सर्वे भी कर चुकी है। बीते वर्ष सीमांत क्षेत्र के भ्रमण पर आए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को भी इस ट्रैक के जल्द खुलने की जानकारी दी गई थी। इसके साथ ही सीमांत क्षेत्र में एक और ट्रैक नीलापानी से मुलिंग ला को खोलने की भी तैयारी है।
दुनिया का सबसे ऊंचा ट्रैकिंग रूट भी उत्तराखंड में
समुद्रतल से 5980 मीटर की ऊंचाई पर गंगोत्री धाम से बदरीनाथ को जोड़ने वाले ट्रैक को दुनिया में सबसे ऊंचा माना जाता है। इस ट्रैक पर भारत की नामचीन चोटियों में शामिल शिवलिंग, खर्चकुंड, भागीरथी-प्रथम, द्वितीय व तृतीय, केदारडोम, वासुकी पर्वत, सतोपंथ, चौखंभा, माणा पीक सहित कई प्रसिद्ध चोटियों का दीदार होता है। 80 फीसद बर्फ से ढके इस ट्रैक का सफर पूरा करने में 12 दिन लगते हैं।