भू-कानून : बाहरी लोग अब देवभूमि के 11 जिलों में कृषि और बागवानी की जमीन नहीं खरीद पाएंगे। साथ ही 2018 में तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार के 12.50 एकड़ से अधिक भूमि खरीद के प्रावधान को भी समाप्त कर दिया गया है। अब डीएम को व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति देने का अधिकार नहीं होगा। भूमि खरीद की अनुमति अब शासन ही देगा। सभी मामलों में सरकार के बनाए गए पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया पूरी करनी होगी। धामी मंत्रिमंडल ने संशोधित भू-कानून विधेयक को मंजूरी दे दी है। नए कानून के मुताबिक, सभी मामलों में सरकार के बनाए गए पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया पूरी करनी होगी। राज्य के बाहर के लोगों को घर बनाने के लिए निकाय क्षेत्रों से बाहर 250 वर्ग मीटर जमीन खरीदने की अनुमति होगी, लेकिन एक परिवार का एक सदस्य जीवन में एक बार ही भूमि खरीद सकेगा।
फर्जीवाड़ा करने पर जमीन पर सरकार करेगी कब्जा
भूमि खरीद के समय शपथपत्र देना अनिवार्य होगा कि उसके या उसके परिवार के किसी भी सदस्य ने भूमि नहीं खरीदी है। अगर कोई गलत शपथ पत्र देता है तो उक्त जमीन पर सरकार कब्जा कर लेगी। सरकार का मानना है कि इससे भूमि खरीद में फर्जीवाड़ा और अनियमितता पर रोक लगेगी। नगर निकाय सीमा के अंतर्गत आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा।
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अंधाधुंध भूमि खरीद पर लगेगी रोक
माना जा रहा है कि इस नए कानून से उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा द्वारा अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी। पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा। इससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा। भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी। सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
धामी सरकार के अन्य फैसले
- कैबिनेट ने कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग से जुड़े रोजगार प्रयाग पोर्टल का दायरा बढ़ाकर जिला व ब्लॉक स्तर तक कर दिया है। यानी अब पोर्टल के माध्यम से होने वाली आउटसोर्स भर्तियां जिला व ब्लॉक स्तर पर हो सकेंगी। अभी तक यह प्रदेश स्तर तक सीमित था।
- जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी में जिन प्रावधानों में संशोधन किया है। इसके आधार पर राज्य जीएसटी एक्ट में संशोधन करने के लिए कैबिनेट विधेयक को मंजूरी दे दी है। विधेयक सदन में पेश होगा।
- सैनिक बलों के आश्रितों की सेवा नियमावली को मंजूरी। शहीदों के आश्रितों के लिए अनुकंपा के आधार पर नौकरी के आवेदन की समय सीमा को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया है।
- लोक सेवा आयोग के वार्षिक प्रतिवेदन को भी मंजूरी दी गई।
- उत्तराखंड विशेष अधीनस्थ शिक्षा प्रवक्ता संवर्ग संशोधन नियमावली को मंजूरी।