सोमवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पंचायत चुनावों पर रोक लगा दी है। आरक्षण को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने के कारण हाईकोर्ट ने यह कदम उठाया है। कोर्ट ने साफ कहा कि जब तक पंचायत चुनावों में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं होती, तब तक चुनाव प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ ने की। हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब पेश करने को कहा है। बीते शुक्रवार को कोर्ट ने राज्य सरकार से स्थिति से अवगत कराने को कहा था। परन्तु राज्य सरकार स्थिति से अवगत कराने में असफल रही।
बता दें कि, बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने हाईकोर्ट में ये याचिकाएं दायर की हैं। इनमें कहा है कि सरकार ने बीती नौ जून को एक आदेश जारी कर पंचायत चुनाव के लिए नई नियमावली बनाई। साथ ही 11 जून को आदेश जारी कर अब तक पंचायत चुनाव के लिए लागू आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित करते हुए इस वर्ष से नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया है। जबकि हाईकोर्ट ने पहले से ही इस मामले में दिशा निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि इस आदेश से पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी, वह चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है। इस कारण वे पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार पंचायत चुनावों में आरक्षण को लेकर न तो स्पष्ट नीति प्रस्तुत कर सकी और न ही न्यायालय को भरोसेमंद विवरण दे सकी। इस पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताते हुए सरकार को निर्देश दिए कि वह जल्द से जल्द आरक्षण संबंधी नीति स्पष्ट करे। राज्य निर्वाचन आयोग ने हाल ही में पंचायत चुनावों की तैयारी शुरू कर दी थी और 12 जिलों में पंचायत चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी थी, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह प्रक्रिया रोक दी गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला राज्य की सियासत और पंचायत स्तर पर प्रतिनिधित्व के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। विपक्ष पहले से ही सरकार पर पंचायतों में आरक्षण को लेकर मनमानी और अनियमितता के आरोप लगा रहा था, जिसे अब न्यायालय की टिप्पणी से बल मिल सकता है।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद सचिव पंचायतीराज चंद्रेश कुमार ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण व्यवस्था से संबंधित नियमावली की अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) की प्रक्रिया गतिमान है। माननीय उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा वर्तमान में पंचायतों में आरक्षण प्रक्रिया पर अंतरिम आदेश (स्थगन) पारित किया गया है, जिसकी समुचित रूप से अनुपालना की जा रही है।
सचिव पंचायतीराज ने कहा कि आरक्षण नियमावली 2025 की गजट नोटिफिकेशन की प्रति प्रिंटिंग के लिए राजकीय प्रेस रुड़की में गतिमान है। जिसे शीघ्र जारी कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि स्थिति से अवगत कराते हुए उचित न्यायिक मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार न्यायालय की पूर्ण गरिमा एवं निर्देशों का सम्मान करते हुए पंचायतीराज व्यवस्था को संविधान व विधि सम्मत रूप से संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है।