Munsiyari के बालिका इंटर कॉलेज नमजला की बेटियां मंगलवार को धरने पर बैठ गईं। 11वीं और 12वीं में पढ़ने वाली इन छात्राओं का कहना है कि इनके स्कूल में कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में इनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षकों की कमी से इनका भविष्य दांव पर लग गया है। छात्राओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग न मानी गई तो वह लोग एक सितबंर से अनशन करेंगी।
#followup | टीचर के लिए धरना! कहां हो सरकार? आखिर इन बेटियों के भविष्य से खिलवाड़ क्यों? #Munsiyari के नमजला बालिका इंटर कॉलेज की छात्राएं फिर धरने पर बैठीं। टीचर नियुक्त न होने पर 1 सितंबर से अनशन का अल्टीमेटम। @drdhansinghuk @pushkardhami @PMOIndia @dpradhanbjp @iamharishdhami pic.twitter.com/8lVTlf6s26
— Arjun Rawat (@teerandajarjun) August 27, 2024
दरअसल, बालिका इंटर कॉलेज में लंबे समय से शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। इन कक्षाओं में 50 से ज्यादा बच्चियां पंजीकृत हैं। बतादें कि मुनस्यारी के कई स्कूलों का हाल कुछ ऐसा ही है। कई स्कूलों में वर्षों से पद रिक्त चल रहे हैं। इन कक्षाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थी-अभिभावक परेशान हैं। इसके बावजूद सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। छात्राओं का कहना है कि सरकार को उनकी बात सुननी पड़ेगी। यह सब कई वर्षों से चल रहा है। हमारी क्लास में कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं।
इस वजह से हमारी पढ़ाई नहीं हो पा रही है। छात्राओं के समर्थन में कई संगठन भी आ गए हैं। धरना स्थल पर छात्राओं के अलावा स्थानीय लोग जमा हुए। इसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा थी। इस दौरान धरना स्थल पर रुक-रुक कर बारिश भी हो रही थी। इसके बावजूद छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की।
अटल उत्कृष्ट स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद त्रिलोक सिंह पांगती राजकीय इंटर कॉलेज का भी यही हाल
यही हाल अटल उत्कृष्ट स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद त्रिलोक सिंह पांगती राजकीय इंटर कॉलेज का भी है। यहां पर करीब 410 बच्चे अध्ययनरत हैं। लेकिन, भूगोल, गणित, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान इतिहास, राजनीति विज्ञान, जीव विज्ञान और हिंदी के प्रवक्ता के पद खाली चल रहे हैं। अंग्रेजी विषय में दो पद हैं एक पर अतिथि शिक्षक की नियुक्ति है। इसके अलावा एलटी ग्रेड पदों पर नजर डालें तो हिंदी में अतिथि शिक्षक नियुक्त हैं। जबकि, सामान्य विज्ञान, अंग्रेजी, कला, वाणिज्य और संस्कृत पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं। इसके अलावा लिपिक तक के पद खाली पड़े हैं।