भारत ने पहलगाम हमले का बदला Operation Sindoor के जरिए पाकिस्तान से ले लिया है। भारतीय सशस्त्र बलों और विदेश मंत्रालय की तरफ से इसकी आधिकारिक जानकारी दी गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका शामिल हैं। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, ‘पहलगाम का हमला बर्बरतापूर्ण था। इसमें वहां मौजूद लोगों को करीब से और परिवारों के सामने सिर पर गोली मारी गई। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात कराया गया। जम्मू कश्मीरी में पर्यटन बढ़ रहा था। पिछले साल सवा 2 करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट कश्मीर आए थे। विकास और प्रगति को नुकसान पहुंचाकर इस क्षेत्र को पिछड़ा रखना इसका उद्देश्य था।’
उन्होंने कहा, हमले के एक पखवाड़े के बाद भी पाकिस्तान ने आतंकवादियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया, उसने उल्टा आरोप लगाया। भारत के विरुद्ध आगे भी हमले हो सकते हैं, इसलिए इससे निपटना जरूरी है। सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि Operation Sindoor के तहत आतंकियों के 9 ठिकानों पर 21 जगह स्ट्राइक कर उन्हें ध्वस्त किया गया। इसमें निर्दोष नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचे, इसलिए एजेंसियों के इनपुट पर खास ध्यान दिया गया।
#WATCH | Video shows multiple hits on the Mundrike and other terrorist camps in Pakistan and PoJK
Col. Sofiya Qureshi says, “No military installation was targeted, and till now there are no reports of civilian casualties in Pakistan.” pic.twitter.com/zoESwND7XD
— ANI (@ANI) May 7, 2025
कर्नल सोफिया कुरैशी ने मुरीदके और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में स्थित अन्य आतंकवादी शिविरों पर किए गए हमलों के वीडियो भी दिखाए। उन्होंने कहा, सैन्य बलों की तरफ से 6 से 7 मई को रात 1 बजकर 5 मिनट से 1.30 बजे के बीच अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि इन टॉरगेट का चयन विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर हुआ ताकि आतंकी गतिविधियों की रीढ़ तोड़ी जा सके। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद को निशाना बनाया गया। यह पीओजेके में स्थित है और एलओसी से 30 किलोमीटर दूर है। यह लश्कर का सेंटर था। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने सवाईनाला कैंप से ही प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद सैदना बिलाल कैंप को निशाना बनाया गया। यह जैश का स्टेजिंग एरिया है। यह हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल ट्रेनिंग का कैंप भी था। इसके बाद फूलपुर कैंप पोटली, एलओसी से 30 किलोमीटर दूर था। यह लश्कर का बेस था जो राजौरी और पुंछ में सक्रिय था। अप्रैल 2023 पुंछ में और जून 2024 में तीर्थयात्रियों पर बस हमले में यहीं से आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी। इसके अलावा बरनाला कैंप, भीमबर एलओसी से 9 किलोमीटर दूर है। यहां से हथियार हैंडलिंग और जंगल सर्वाइवल ट्रेनिंग दी जाती थी।
उन्होंने बताया इसके अलावा अब्बास कैंप पोटली को भी नष्ट किया गया। यह कैंप एलओसी से 13 किलोमीटर दूर है। यहां लश्कर के फिदायीन ट्रेनिंग लेते थे। इसकी क्षमता 15 आतंकियों की थी। पीओके के अतिरिक्त पाकिस्तान के भीतर भी 4 कैंपों को निशाना बनाया गया। इसमें बहावलपुर, मुदरके, सरजल और मेहमूना जोया शामिल थे। सरजल कैंप सियालकोट अंतरराष्ट्रीय सीमा से 6 किलोमीटर की दूरी पर हैं। मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों की हत्या करने वालों आतंकियों की ट्रेनिंग दी गई थी। यह अंतरराष्ट्रीय सीमा ने 18 किलोमीटर दूर था। महमूना जोया में हिजबुल का कैंप था। पठानकोट एयरबोर्स में हमला यहीं से प्लान किया गया था। मुरीदके अंतराष्ट्रीय सीमा से 25 किलोमीटर दूर है। 2008 मुंबई आतंकी हमले के आतंकियों ने यहीं से ट्रेनिंग ली थी। डेविड हेडली की भी ट्रेनिंग यहीं से हुई थी। बहावलपुर में जैश का हेडक्वार्टर भी हमले में तबाह कर दिया गया। यह 100 किलोमीटर दूर था।
#WATCH | Delhi | #OperationSindoor| Col. Sofiya Qureshi, while addressing the media, presents videos showing destroyed terror camps, including from the Muridke where those involved in the 2008 Mumbai Terror attacks – Ajmal Kasab and David Headley received their training…” pic.twitter.com/tNpsDf92Wu
— ANI (@ANI) May 7, 2025