प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Mann ki Baat में आत्मनिर्भर भारत, स्पेस स्टार्टअप्स, स्वदेशी आंदोलन समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत, स्पेस स्टार्टअप्स, स्वदेशी आंदोलन समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि इससे भारत के बच्चों में अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासा की एक नई लहर उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा, अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला की वापसी को लेकर देश में खूब चर्चा हुई। जैसे ही शुभांशु पृथ्वी पर सुरक्षित उतरे, लोग खुशी से उछल पड़े, हर दिल में खुशी की लहर दौड़ गई। पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा था। उन्होंने आगे कहा कि देश में अंतरिक्ष के क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप भी तेजी से उभर रहे हैं। पांच साल पहले 50 से भी कम स्टार्टअप थे। आज अकेले अंतरिक्ष क्षेत्र में 200 से अधिक स्टार्टअप हैं।
पीएम मोदी ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाए जाने का जिक्र किया। उन्होंने इस संबंध में सुझाव आमंत्रित किए कि इसे कैसे मनाया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रसायन विज्ञान से लेकर गणित ओलंपियाड तक भारत के युवा हर जगह अपनी चमक बिखेर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने गर्व से बताया कि महाराष्ट्र के 12 मराठा किलों को अब यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिला है। ये न सिर्फ वीरता और दूरदर्शिता के प्रतीक हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक ताकत भी हैं।
वोकल फॉर लोकल
प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि “विकसित भारत का रास्ता आत्मनिर्भरता से होकर गुजरता है।” यानी, अगर हमें तरक्की करनी है तो हमें अपने ही देश के उत्पादों पर भरोसा करना होगा। ‘वोकल फॉर लोकल’ सिर्फ नारा नहीं, एक जिम्मेदारी है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
स्वदेशी और हथकरघा का गर्व
पीएम मोदी ने स्वदेशी आंदोलन पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 7 अगस्त 1905 में स्वदेशी आंदोलन से शुरू हुई एक नई क्रांति अब हथकरघा के रूप में जीवित है। हर साल 7 अगस्त को हम ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ मनाते हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने महाराष्ट्र की कविता धवले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पैठाण गांव की कविता धवले जैसी महिलाएं अब अपने गांव से ही व्यापार कर रही हैं। सरकार की सहायता से कविता अब खुद के बुने पैठाणी साड़ी बेचकर जीविका कमाती हैं। वे आत्मनिर्भरता की मिसाल हैं। झारखंड के गुमला जिले की कहानी सुनाते हुए पीएम ने बताया कि कैसे ओम प्रकाश साहू नाम के एक नौजवान ने हिंसा का रास्ता छोड़ मछली पालन शुरू किया। आज उसी प्रेरणा से कई युवा रोजगार की राह पर चल पड़े हैं। सच्ची बात है- जहां अंधेरा होता है, वहीं से उजाला फूटता है।