Lok Sabha Elections result : उत्तराखंड की पांचों सीटों पर कमल तो खिल गया लेकिन भाजपा को वोट शेयर में पांच फीसदी का नुकसान भी उठाना पड़ा है। इससे राज्य के बड़े नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। इसके साथ ही इस बार लोकसभा चुनाव में 55 प्रत्याशियों में से 44 अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। इन सबके बीच निर्दलीय चुनाव लड़े बॉबी पंवार को छोड़कर कोई भी निर्दलीय प्रत्याशी प्रभावित नहीं कर सका।
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लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 75 फीसदी मत हासिल करने का लक्ष्य बनाया था। लक्ष्य हासिल करना तो दूर पिछली बार मिले मतों से पांच फीसदी कम वोट हासिल हुए हैं। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि चुनावी नतीजों के मंथन के लिए जब भाजपा नेतृत्व बैठेगा और विधानसभावार मंथन करेगा तो उसे अपनी कमजोरियों का पता चलेगा। बतादें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 61.87 प्रतिशत वोट मिले थे और कांग्रेस 31.74 प्रतिशत पर सिमट गई थी। 2019 में 47 लाख से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 2024 के चुनाव में भी इतने ही मतदाताओं ने मतदान किया। लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में भाजपा पिछली बार से पिछड़ गई। सीटें तो पूरी अपनी झोली में डाल ली हैं। मगर, वोट प्रतिशत का घटना उसके लिए खतरे की घंटी भी है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा ने कुल 27,06,910 मत प्राप्त किए, उसका मत प्रतिशत 56.81 रहा। कांग्रेस ने 15,64,258 वोट प्राप्त किए और उसका मत प्रतिशत 32.83 रहा। इस हिसाब से 2019 के चुनाव की तुलना में पांच फीसदी वोट घट गए। लोकसभा क्षेत्रवार तुलना करने पर यह तथ्य भी सामने आया कि गढ़वाल सीट पर भाजपा ने 2019 में 67 फीसदी से अधिक वोट लिए थे, 2024 में यह 58.41 प्रतिशत रह गए। टिहरी में 64.3 प्रतिशत की तुलना में 53.66, हरिद्वार में 52.28 प्रतिशत की तुलना में 50.19, नैनीताल में भाजपा की सबसे बड़ी जीत हुई, लेकिन यहां पार्टी 2019 के 61.24 प्रतिशत की तुलना में 61.03 प्रतिशत वोट हासिल कर सकी। यही एक सीट है जहां भाजपा अपने पिछले प्रदर्शन के बेहद करीब रही। अल्मोड़ा लोस सीट पर 2019 में भाजपा को 63.54 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन 2024 में पार्टी 58.41 प्रतिशत पर सिमट गई। कुल मिलाकर भाजपा को हर सीट पर पिछले चुनाव की तुलना में नुकसान झेलना पड़ा।
बॉबी पंवार ने खींचा सबका ध्यान
युवा सनसनी बॉबी पंवार को इस चुनाव में भले ही हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन उन्होंने सबको चौंका दिया। पहले ही चुनाव में उन्होंने एक लाख 70 हजार मत पाकर सबको चकित कर दिया। निर्दलीय उम्मीदवारों में वही हैं जो अपनी जमानत बचा पाए। इसके अलावा सभी की जमानत जब्त हो गई। राजनीतिक समीक्षक बॉबी पंवार में संभावनाएं देख रहे हैं। कहा जा रहा है बिना अनुभव के जब वह इतने मत हासिल करने में कामयाब हो गए तो आगे के चुनावों में उनका प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है। युवाओं के आक्रोश को उन्होंने एक आवाज दी है।
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दंगा व नकल विरोधी कानून का रहा असर
राज्य भाजपा ईकाई मानती है कि धामी सरकार का समान नागरिक संहिता कानून भी प्रदेश में भाजपा की जीत का आधार बना। धामी सरकार में लिए गए कुछ प्रमुख फैसलों से प्रभावित होकर मतदाताओं ने पार्टी के पक्ष में मतदान किया। पार्टी मतदाताओं के बीच जबरन धर्मांतरण कानून, दंगा रोधी कानून, नकल विरोधी कानून, महिला क्षैतिज आरक्षण कानून से जुड़े मुद्दों को लेकर पहुंची, जिसका उसे फायदा मिला। इसके अलावा राज्य में स्टार प्रचारकों की धूम रही। मोदी ने जहां दो रैलियां कीं तो वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने भी खूब जनसभाएं की। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभा में खूब भीड़ उमड़ी थी।