समान नागरिक संहिता में Live In Relationship के प्रावधानों के बारे में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दो टूक कहा कि अब उनकी सरकार इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगी। हालांकि, सुझावों का स्वागत है। ऐसे रिश्ते में रहने वाले लोगों के माता-पिता को उनके स्टेटस के बारे में जानकारी दी जाएगी। दिल्ली में एक निजी चैनल से बातचीत में सीएम ने दिल्ली में हुई श्रद्धा वाल्कर और आफताब का उदाहरण देते हुए कहा कि साथ में रहते-रहते संबंध जब खराब हो जाता है तो हिंसक गतिविधियां शुरू हो जाती हैं। यह कानून लिव इन रिलेशनशिप में होने वाले अपराध पर लगाम लगाएगा। बेशक यह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। लेकिन उच्चतम न्यायालय में यह विषय कई बार आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 के चुनाव में हमने प्रदेश की जनता को वचन दिया था कि भाजपा की सरकार बनेगी तो राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करेंगे। हमने अपना वचन पूरा किया।
तीर्थाटन और पर्यटन का फर्क समझना होगा
सीएम धामी ने कहा, तीर्थाटन और पर्यटन का फर्क लोगों को समझना होगा। चारधाम यात्रा पर रील पर रोक जारी रहेगी। ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चारधाम यात्रा विशुद्ध रूप से यात्रा होनी चाहिए। हमारे पूर्वजों के समय से यात्रा के नियम बने हैं। ये यात्रा धर्म के लिए है। पुराने रील चलाने से देश और दुनिया में गलत संदेश जाता है। बतादें कि पिछले साल रील बनाने को लेकर भी बड़ा विवाद हुआ था। कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। दरअसल, कई लोग भक्तों के बीच रील बनाने लगते हैं, इससे श्रद्धालु असहज हो जाते हैं। इससे गलत सूचनाएं भी प्रसारित करने की शिकायत आ चुकी है। इसलिए धामी सरकार इस मुद्दे पर सख्ती बरत रही है। सीएम ने कहा कि 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ में पीएम मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में पुनर्निर्माण कार्य हुए।
केदारनाथ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए इकोलॉजी का पूरा ध्यान रखा गया। इकोलॉजी और इकॉनमी में संतुलन हमारी सरकार के विकास का मॉडल है। धामों की अपनी एक धारण क्षमता है। इसलिए हम भीड़ के दबाव को नियंत्रित करने के लिए आसपास के क्षेत्रों में नए स्थान विकसित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती आपदाएं हैं। यहां बादल फटने, भूस्खलन, हिमस्खलन की घटनाएं अकसर होती हैं। सिलक्यारा टनल हादसे पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन, संवेदनशीलता और सहयोग से यह ऑपरेशन सफल रहा। आज वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं।
देवभूमि में अतिक्रमण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और दुनिया के लोग देवभूमि को आस्था व श्रद्धा से देखते हैं। इसलिए राज्य में अतिक्रमण किसी भी कीमत पर सही नहीं है। अतिक्रमण हटाने का अभियान रुकने वाला नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अवैध मदरसों और मजारों के खिलाफ छेड़े गए अभियान का इसलिए विरोध नहीं होता क्योंकि हम कानून पर चलने वाले लोग हैं। राज्य में हर कार्रवाई और अभियान कानून के तहत हो रहे हैं। अनेक स्थानों में सरकारी भूमि पर अवैध मजारें बनीं थीं। इस लैंड जिहाद के खिलाफ हमने अभियान चलाया। करीब 6000 एकड़ सरकारी जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई। राज्य में मदरसों में पढ़ने वालों की पहचान छुपाई जा रही थी। जहां भी मदरसे अवैध पाए गए, उन्हें सील किया गया। हमारा मानना है कि देवभूमि की पवित्रता बनी रहनी चाहिए।
वक्फ कानून भी राज्य में लागू कराएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि की सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण और डेमोग्राफी में बदलाव रोकने के लिए हमने सत्यापन अभियान चलाया। यूसीसी लागू किया। लैंड जिहाद रोकने के लिए अतिक्रमण हटाए। जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून बनाया। उत्तराखंड में वक्फ कानून भी लागू कराएंगे।