PM Modi ने लाल किले की प्राचीर से दुश्मनों को ललकारते हुए जीएसटी में नेक्स्ट जेनरेशन सुधार की बात भी कहीं। माना जा रहा है कि जीएसटी की चार स्लैब में दो को खत्म किया जा सकता है। यानी, दिवाली के बाद जीएसटी की सिर्फ दो दरें ही होंगी। इससे कई सामान सस्ते हो जाएंगे। साथ ही व्यापारी वर्ग को हिसाब किताब में काफी सहूलियत होगी।
PM Modi ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के आठ वर्ष पूरे होने के साथ ही जीएसटी में सुधार करने का समय आ गया है। जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था। लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में मोदी ने कहा-हमने राज्यों के साथ चर्चा की है और हम दिवाली तक अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू करेंगे। जो नागरिकों के लिए दिवाली का तोहफा होगा। आम आदमी की जरूरत की वस्तुओं पर कर में काफी कमी की जाएगी। हमारे एमएसएमई को इसका बहुत फायदा होगा। दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
अभी जीएसटी की चार दरें 5, 12-18 और 24 फीसदी हैं। मोदी ने टैक्स स्लैब में बदलाव कर इसे आसान बनाने और सामान-सेवाएं सस्ती होने से आम जनता की जिंदगी को और आसान बनाने का संकेत दिया है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार जीएसटी दरों को और सरल बनाने और टैक्स सुधारों से जुड़े प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल को भेज चुकी है। जीएसटी दरों में दिवाली तक और सरल बनाने का फायदा किसानों-महिलाओं, मध्यम वर्ग समेत सभी लोगों को मिलेगा। जीएसटी लागू होने के आठ सालों में सरकार का कर संग्रह करीब 2 लाख करोड़ रुपये मासिक के पहुंच चुका है। राज्यों के वित्त मंत्रियों वाला एक मंत्रिसमूह (जीओएम) पहले ही जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और स्लैब में कटौती पर चर्चा कर रहा है।
इन बड़े बदलावों का प्रस्ताव
ढांचागत सुधार
1. इनपुट और आउटपुट कर दरों को एक समान करने के लिए इनवर्टेड शुल्क ढांचे में सुधार किया जाएगा ताकि इनपुट टैक्स क्रेडिट में कमी आए।
2. टैक्स ढांचे से जुड़े परिभाषाओं और नियमों को सरल बनाना ताकि कर विवादों को कम किया जाए।
3. टैक्स स्लैब को लंबे समय तक ऐसा रखा जाए ताकि उद्योगों का भरोसा बढ़े और कारोबार में आसानी हो।
कर दरों का सरलीकरण
1. अभी 5, 12, 18 और 24 प्रतिशत की चार टैक्स स्लैब हैं, इसकी जगह स्टैंडर्ड एंड मेरिट की दो स्लैब होंगी। स्पेशल रेट सिर्फ कुछ चुनिंदा आइटम के लिए होगा।
2. कंपेन्सेसन सेस (अधिभार) कम होने से वित्तीय घाटे की स्थिति बेहतर हुई है, जीएसटी ढांचे के तहत टैक्स रेट को तार्किक बनाने में मदद मिलेगी।
इस दिवाली पर देशवासियों को एक ख़ास तोहफ़ा मिलने वाला है। पिछले आठ वर्षों में, हमने #GST में एक बड़ा सुधार किया है और देश भर में कर का बोझ कम किया है।
एक उच्चस्तरीय समिति द्वारा समीक्षा और राज्यों के साथ व्यापक परामर्श के बाद, हम अगली पीढ़ी के #GST सुधार पेश कर रहे हैं।
सामान्य… pic.twitter.com/FQdbOpfNjh
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) August 15, 2025
जीएसटी परिषद की बैठक अगले महीने होने की संभावना है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि उसने दो स्लैब वाली जीएसटी संरचना – स्टैंडर्ड और मेरिट का प्रस्ताव दिया है। साथ ही चुनिंदा वस्तुओं पर विशेष दरों का प्रस्ताव भी दिया गया।
रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती
पीएम मोदी ने कहा कि हमने पिछले आठ सालों में जीएसटी में एक बड़ा सुधार किया है। हम अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार ला रहे हैं। इससे पूरे देश में कर का बोझ कम होगा। इस सुधार से व्यापारियों को जीएसटी रिटर्न भरने में आसानी होने के साथ रिफंड पाने में भी सुविधाजनक होगी। इस सुधार से छोटे व्यापारियों से लेकर आम आदमी तक फायदा मिलेगा। इससे न सिर्फ अर्थव्यस्था में वृद्धि होगी, बल्कि रोजमर्रा की चीजें भी सस्ती हो जाएंगी।