जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय में लगे Kisan Mela का अन्नदाता खूब लाभ उठा रहे हैं। विभिन्न केंद्रों के स्टालों से खरीफ की विभिन्न फसलों के बीजों की खूब बिक्री हो रही है। मेले के दूसरे दिन फसल अनुसंधान केंद्र, प्रजनक बीज उत्पादन केंद्र, विश्वविद्यालय फार्म तथा एटिक की ओर से लगभग 9.20 लाख रुपये के बीजों की बिक्री की गई। इसके अतिरिक्त औषधीय एवं सगंध पौध अनुसंधान केंद्र, आदर्श पुष्प वाटिका, सब्जी अनुसंधान केंद्र, उद्यान अनुसंधान केंद्र तथा कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र के स्टालों से लगभग 88 हजार रुपये के बीज व पौधों की बिक्री की गई। साथ ही प्रकाशन निदेशालय तथा एटिक के स्टाल से लगभग 22 हजार रुपये के प्रकाशनों की बिक्री की गई। इनके अतिरिक्त मेले में लगे निजी क्षेत्र के विभिन्न स्टालों द्वारा भी विभिन्न प्रकार के बीजों एवं पौधों की बिक्री की गई।
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दो हजार किसानों ने कराया पंजीकरण
मेले के दूसरे दिन लगभग 2 हजार किसानों ने अपना पंजीकरण कराया। इसके अतिरिक्त लगभग 2 हजार अपंजीकृत किसान भी मेले में आए। इस दौरान किसान गोष्टी भी हुई। यहां ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प पर जानकारी दी गई। बताया गया कि विकल्प के तौर में किसान उर्द, गन्ना, सोयाबीन, मक्का की फसल उगा सकते है। इस दौरान लगभग 200 किसान मौजूद रहे। इस प्ररिचर्चा में डॉ. वीके सिंह, डॉ. एएस जीना, डॉ. एसके मौर्या, डॉ. अमित कुमार डॉ. एमएस नेगी एवं डॉ. गुरविन्दर सिंह ने किसानों का मार्गदर्शन किया। विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत कृषकों को विभिन्न अनुसंधान केंद्रों पर भ्रमण भी कराया गया।
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