Kedarnath Helicopter Crash: रविवार सुबह गौरीकुंड में हेलीकॉप्टर हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार हेलीकॉप्टर संचालन के मानक सख्त करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को इस बाबत आदेश दिया है। इसके लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। जो हेली संचालन की सभी तकनीकी व सुरक्षा पहलुओं की गहन समीक्षा कर एसओपी तैयार करेगी।
बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूर्ण जांच और उड़ान से पूर्व मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाए, जो हेली संचालन की सभी तकनीकी व सुरक्षा पहलुओं की गहन समीक्षा कर एसओपी तैयार करेगी। यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि हेली सेवाओं का संचालन पूरी तरह से सुरक्षित, पारदर्शी और निर्धारित मानकों के अनुसार हो। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि राज्य में पूर्व में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति हेली क्रैश के भी हर पहलू की गहनता से जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी। यह समिति प्रत्येक घटना के कारणों की गहराई से जांच करेगी और दोषी व्यक्तियों या संस्थाओं की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की संस्तुति करेगी।
हेलीकॉप्टर में सवार व्यक्तियों का विवरण
- कैप्टेन राजबीर सिंह चौहान – पायलट, निवासी जयपुर
- विक्रम रावत – बीकेटीसी, निवासी रासी, ऊखीमठ
- विनोद देवी – निवासी उत्तरप्रदेश, उम्र 66 वर्ष
- तृष्टि सिंह – निवासी उत्तरप्रदेश, उम्र 19 वर्ष
- राजकुमार सुरेश जायसवाल – निवासी गुजरात, उम्र 41 वर्ष
- श्रद्धा राजकुमार जायसवाल – निवासी महाराष्ट्र
- काशी – बालिका, उम्र 02 वर्ष, निवासी महाराष्ट्र
खराब मौसम के बाद भी उड़ान
बीते कई सालों में उत्तराखंड में हुए इन हादसों से यही बात उभर कर सामने आई है कि खराब मौसम के बावजूद एविएशन कंपनियां बेतरतीब उड़ान भरती हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। यहां हेलीकॉप्टर इस तरह से लगातार उड़ान भरते हैं, मानो शहरों चलने वाली ऑटो सेवा हो, जो बिना रुके यात्रियों को ढोते रहते हैं। अब तक हुए हेलीकॉप्टर हादसों में से ज्यादातर हादसे केदारघाटी में हुए हैं और इसमें भी अधिकतर का कारण खराब मौसम रहा। केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी, फाटा, सिरसी सहित अन्य जगहों से 9 एवियेशन कंपनियां हेली सेवा देती हैं। इन सभी कंपनियों के हेलीकॉप्टर उड़ान के लिए रूट भी निर्धारित हैं, लेकिन ज्यादातर हेलीकॉप्टर ईंधन और समय बचाने के लिए निर्धारित ऊंचाई से नीचे उड़ान भरते हैं।
7 जून को भी हादसा होने से बचा
रविवार तड़के क्रैश हुआ हेलीकॉप्टर आर्यन एविएशन कंपनी का था, जबकि 7 जून को तकनीकी खराबी के कारण रुद्रप्रयाग में सड़क पर हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। वह हेलीकॉप्टर भी आर्यन एविएशन कंपनी का था। तकनीकी खराबी के चलते पायलट ने हेलीकाप्टर को बीच सड़क पर ही उतार दिया था। जिसका पीछे का हिस्सा कार पर गिरते ही टूट गया था। कार भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।
8 मई को हेलीकॉप्टर हादसे में पांच की मौत हुई थी
8 मई को उत्तरकाशी जनपद में भी सुबह के समय हेलीकाप्टर क्रैश हो गया था। यहां गंगोत्री धाम दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं का हेलीकॉप्टर क्रैश होकर जंगल में गिर गया था, जिसमें पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। उत्तरकाशी में हुए हेलीकॉप्टर हादसे के दौरान बारिश हो रही थी। मौसम विभाग ने सात और आठ मई के लिए भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया हुआ था, लेकिन फिर भी यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ किया गया।
ये भी हादसे हुए
- 23 सितंबर 2019 को केदारनाथ धाम में हेलीपैड पर लैंडिंग के वक्त एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे के समय हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 7 लोग सवार थे, जिन्हें हल्की चोटें आई थीं।
- 23 अगस्त 2019 में आराकोट में ही एक और हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग हुई, जिसमें एक पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया था।
- 21 अगस्त 2019 को उत्तरकाशी के आराकोट में आपदा रेस्क्यू अभियान में जुटा हेलीकॉप्टर ट्रॉली के तारों में उलझ कर हादसे का शिकार हो गया था। इस हादसे में पायलट समेत तीन लोगों की जान चली गई थी।
- 3 अप्रैल 2018 को सेना का हेलीकॉप्टर बिजली के तार में उलझ कर दो हिस्सों में टूट कर क्रैश हो गया था। गनीमत रही कि हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोग सुरक्षित बच गए थे। वहीं, 2019 में एक बार फिर केदारनाथ में तकनीकी खराबी के कारण हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई।
- वर्ष 2016 में टेक ऑफ करते समय हेलीकॉप्टर का दरवाजा अचानक हवा में खुल गया, जिसकी वजह से यह हेलीकॉप्टर क्रैश होने से बाल-बाल बच गया था। 10 जून 2017 को बद्रीनाथ धाम में टेक ऑफ करते समय हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें एक चीफ इंजीनियर की जान चली गई थी।