जम्मू-कश्मीर के कठुआ (Kathua Terror Attack) में हुए आतंकी हमले में सेना की 22 गढ़वाल राइफल्स के 5 जवान शहीद हो गए,जबकि 5 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। हमले में घायल 5 जवानों को कठुआ के बिलावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से देर रात पठानकोट मिलिट्री हॉस्पिटल रेफर किया गया है।
इस हमले में शहीद हुए जवानों में नायब सूबेदार आनंद सिंह, हवलदार कमल सिंह, नायक विनोद सिंह, राइफलमैन अनुज सिंह नेगी, राइफलमैन आदर्श सिंह नेगी हैं। वहीं हवलदार आनंद सिंह, हवलदार सुजान राम, सागर सिंह, गगनदीप सिंह और कार्तिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
शहीद नायब सूबेदार आनंद सिंह रुद्रप्रयाग के कंडाखाल गांव के हैं। हवलदार कमल सिंह पौड़ी के लैंसडाउन के पिपरी, नायक विनोद सिंह टिहरी के जाखणीधार के खंडोगी, राइफलमैन अनुज नेगी रिखणीखाल के धमधार डोबरिया और राइफलमैन आदर्श नेगी टिहरी के ठट्टी डागर के निवासी हैं। हमले के बाद से ही सेना आतंकियों की तलाश में इलाके का कोना-कोना छान मार रही है। सेना किसी भी कीमत पर आतंकियों को बख्शने के मूड़ में नहीं है। उधर, एनआईए की एक विशेष टीम जांच के लिए कठुआ पहुंच चुकी है।
इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है। यह प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ही एक शाखा है। संगठन की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा गया कि यह हमला 26 जून को डोडा में मारे गए 3 आतंकियों की मौत का बदला है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना के सूत्रों के मुताबिक, यह हमला 3 आतंकियों ने किया था। वे आधुनिक हथियारों से लैस थे। आतंकी हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ करके आए थे। हमले के लिए एक स्थानीय गाइड ने भी आतंकियों की मदद की थी। सुरक्षाबल कुठआ के लोहाई मल्हार ब्लॉक के माछेड़ी इलाके के बडनोटा में दोपहर 3.30 बजे तलाशी ले रहे थे, तभी आतंकियों ने उन पर घात लगाकर ग्रेनेड से हमला किया। साथ ही फायरिंग भी की। इसके बाद सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया। ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। साथी की शहादत के बाद सेना किसी भी कीमत पर बचे आतंकियों को छोड़ना नहीं चाहती है।
सेना ने इस साल के अंत तक जम्मू रीजन से आतंक के सफाए का प्लान तैयार किया है। बीते दिनों गृह मंत्रालय में हुई बैठक के बाद पुंछ, राजौरी, रियासी, कठुआ में सक्रिय 30 आतंकियों की लिस्ट बनी है। तय हुआ है कि आतंकियों और इनके मददगारों के सफाए के लिए एनिमी एजेंट्स एक्ट अपने मूल रूप में फिर लागू किया जाएगा। तभी से आतंकियों में छटपटाहट है। बताया जा रहा है कि इसी का परिणाम है कि आतंकी सेना को टारगेट कर रहे हैं।
सेना की गाड़ी पर दो महीने में दूसरा अटैक
2 महीने के भीतर सेना के वाहन पर दूसरा आतंकी हमला है। इससे पहले 4 मई को पुंछ के शाहसितार इलाके में एयरफोर्स के काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें कॉर्पोरल विक्की पहाड़े शहीद हो गए थे और 4 अन्य जवान घायल हो गए थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों के दो वाहनों पर भारी फायरिंग की। दोनों गाड़ियां सनाई टॉप जा रही थीं।
जंगल से पहाड़ तक…सब जगह आतंकियों की हो रही तलाश
कठुआ में सैन्य वाहनों पर हुए आतंकी हमले की जांच में एनआईए भी जुट गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस भी जांच में जुटी है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी की एक विशेष टीम कठुआ पहुंच चुकी चुकी है। वहीं आतंकियों की तलाश में जुटे सुरक्षाबलों का अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा और कठुआ के पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर ऊधमपुर के बसंतगढ़ तक जंगल व पहाड़ में छापेमारी की गई।