कैंची धाम आस्था का बड़ा केंद्र बनते जा रहा है। यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। साल 2021 में आठ लाख के करीब पर्यटक-श्रद्धालु, कैंची धाम पहुंचे। वहीं, 2022 में 13-14 लाख तो 2023 में 18-19 लाख जबकि पिछले साल 24-25 लाख श्रद्धालु पहुंचे। यानी 2021 से 2024 तक आठ से 25 लाख तक श्रद्धालुओं की संख्या पहुंच चुकी है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर तो खुले हैं। मगर, स्थानीय लोगों को अव्यवस्थाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। जाम तो ऐसी समस्या हो गई है कि नैनीताल हाईकोर्ट को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ गया। तमाम प्लान बनाए जा रहे हैं। लेकिन, जिस हिसाब से श्रद्धालु बढ़ रहे हैं, वह अभूतपूर्व है। जानकारों का कहना है कि कैंची धाम को लेकर उत्तराखंड सरकार को वृहद योजना तैयार करनी पड़ेगी। कैंची धाम के आसपास इलाकों को ध्यान में रखकर योजना बनानी होगी। जैसे, वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम में कॉरिडोर बनाया गया है। कुछ उसी तर्ज पर। हालांकि, वहां की स्थितियां और यहां के हालात में बहुत अंतर है। मगर, योजना का आकार कुछ उसी तरह बनाना होगा।
कुमाऊं में बाबा नीब करौरी में स्थापित कैंची धाम, हनुमानगढ़ धाम नैनीताल में बढ़ती श्रद्धालुओं की आस्था से नैनीताल सहित आसपास के धार्मिक पर्यटन-तीर्थाटन को पंख लग रहे हैं। कैंची धाम में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की विशिष्ट हस्तियों की आस्था के बाद ना केवल धाम की प्रसिद्धि बढ़ रही है, बल्कि धाम में सुविधाओं के विस्तार के बाद रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। खास बात यह है कि कैंची धाम आने वाले श्रद्धालु आसपास के पर्यटन स्थलों पर भी पहुंच रहे हैं। कैंची धाम में पुलिस क्षेत्राधिकारी व एवं एसडीएम कैंची धाम की रिपोर्ट के अनुसार 17 मई से नौ जून तक केवल 20 दिनों में ही तीन लाख 72 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जो रिकॉर्ड है।

सप्ताहांत में 20-22 हजार श्रद्धालु कैंची धाम पहुंच रहे हैं। कैंची धाम की वजह से नैनीताल का पर्यटन कारोबार अब सीजन का मोहताज नहीं रहा बल्कि पूरे साल चल रहा है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार त्यौहारों, विशेष दिवसों में एक दिन में सात हजार तक श्रद्धालु दर्शन करते हैं। इसका दूसरा पहलु यह भी है, भीड़ के कारण लगने वाला जाम पूरे कुमाऊं की आर्थिकी एवं जनसामान्य की जरूरतों को प्रभावित कर रहा है। जाम से भवाली-भीमताल, भीमताल-हल्द्वानी, भवाली-नैनीताल में अक्सर जाम लग रहा है, जिससे आपूर्ति तंत्र व परिवहन पर बुरा असर पड़ रहा है। गरमपानी-खैरना क्षेत्र में सड़क हादसों के घायलों सहित गंभीर बीमार मरीजों को ले जाने वाली एंबुलेंस तक जाम में फंस रही है।
जाम से अन्य भीमताल, नौकुचियाताल, रामगढ़, मुक्तेश्वर, नैनीताल सहित अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिलों की ओर जाने वाले पर्यटकों को टूर तक रद्द हो रहे हैं। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भवाली से क्वारब का मार्ग संवेदनशील है। पर्यटन सचिव को भेजी गई रिपोर्ट में चारधाम की तर्ज पर कैंची धाम आने वाले भक्तों-पर्यटकों के लिए आनलाइन पंजीकरण, स्थापना दिवस को छोड़कर अन्य दिनों दर्शनार्थियों की अधिकतम संख्या को निर्धारित करने, आनलाइन पंजीकरण नहीं कर सकने वाले श्रद्धालुओं का आफलाइन पंजीकरण कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में करने का सुझाव दिया गया है।
बाइपास का निर्माण जल्द पूरा होना जरूरी
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन नैनीताल के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट के अनुसार कैंची धाम में बढ़ती आस्था से नैनीताल का पर्यटन वास्तव में पूरे साल चल रहा है लेकिन कैंची धाम में जाम की समस्या का स्थायी समाधान जरूरी है। कैंची धाम के लिए बाइपास का निर्माण जल्द पूरा किया जाए और वहां बुनियादी पर्यटन सुविधाओं का विकास जरूरी है।
15 जून को स्थापना दिवस के लिए दिव्य और भव्य सजा है बाबा नीब करौली का कैंची धाम। वीडियो – SM pic.twitter.com/L6ADbFeagE
— Arjun Rawat (@teerandajarjun) June 14, 2025