Mahakumbh में जिस कदर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि 26 फरवरी तक 50 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगा। महाकुंभ के 27वें दिन यानी, शनिवार आठ फरवरी को एक करोड़ 22 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या 42 करोड़ के पार हो गई है। रविवार को भी संगम में काफी भीड़ है।
यह भी पढ़ें : वंचित वर्ग की बेटियां ड्रोन पायलट बन भर रही हैं ऊंची उड़ान
दरअसल, भारी भीड़ के कारण बहुत से लोग तीनों अमृत स्नान बीत जाने का इंतजार किया। इसके बाद अपना कार्यक्रम बनाया। इसी के कारण प्रयागराज आने वाले रास्तों पर भारी जाम लग रहा है। इसके अलावा वीआईपी की आमद भी तेज हो गई है। कल यानी सोमवार को राष्ट्रपति के आने का कार्यक्रम हैं। इसके अलावा शनिवार को राजस्थान सरकार की पूरी कैबिनेट ने संगम स्नान किया। यहां पर कैबिनेट की बैठक भी की। कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। मणिपुर, हरियाणा की कैबिनेट भी संगम स्नान कर चुकी है। मणिपुर की फ्लीट को तो घंटों जाम में फंसना पड़ गया था।
भीड़ का आलम यह है कि रेलवे को इमरजेंसी प्लान लागू करना पड़ा। शहर में जितने आश्रय स्थल बनाए गए थे। उनको फिर सक्रिय कर दिया गया है। बाहर से आने वाले वाहनों को शहर के बाहर बनाए गए पार्किंग में खड़ा कराया जा रहा है। लोगों को खूब पैदल भी चलना पड़ रहा है। इसके बाद भी श्रद्धालुओं मे उत्साह बरकरार है।
प्रयागराज महाकुंभ पर प्रदेश सरकार ने 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया था, लेकिन ये संख्या शुक्रवार को ही पार कर गई। स्नान के महत्व और तैयारियों के बीच देश-दुनिया से रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। महाकुंभ में मकर संक्रांति के पहले शाही स्नान पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर दूसरे शाही स्नान के अवसर पर रिकार्ड 7.64 करोड़ ने अमृत स्नान किया। तीन फरवरी को तीसरा शाही स्नान था, जब 2.57 करोड़ ने स्नान किया। 26 फरवरी तक महाकुंभ है। उम्मीद है कि श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 करोड़ पार कर जाएगा। शनिवार को एक करोड़ 22 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया।
रेल और रोडवेज को अतिरिक्त ट्रेनों और बसों का संचालन करना पड़ा रहा है। वसंत पंचमी के बाद भी यातायात डायवर्जन लागू करना पड़ा। बृहस्पतिवार को शहर में इस कदर श्रद्धालु उमड़े कि एक से आठ तक के स्कूलों को 12 फरवरी तक ऑनलाइन चलाने का आदेश जारी करना पड़ा।
भीड़ के मद्देनजर एहतियातन मेला प्रशासन ने चुस्त-दुरुस्त इंतजाम किए हैं। 12 किमी की परिधि में फैले संगम के घाटों पर स्नानार्थी ही नजर आ रहे थे। कोई दंड-कमंडल लेकर तो कोई सिर पर गठरी और कंधे पर झोला-बोरा लिए संगम की ओर बढ़ता नजर आ रहा था। रास्ते भर जय गंगा मैया, हर-हर महादेव और जय श्रीराम के गगनभेदी जयघोष गूंजते रहे। मेला क्षेत्र के इंट्री प्वाइंटों, संगम व पांटून पुलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस, पैरामिलिट्री के अलावा होमगार्ड्स, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और यूपी एसटीएफ के जवानों की मुस्दैती देखते बन रही है।