उत्तराखंड की जामरानी बांध परियोजना के पहले चरण का काम जोर पकड़ने लगा है। CM DHAMI के अतिरिक्त प्रयास के कारण वर्षों से लंबित इस परियोजना में पहले चरण के काम तीव्र गति से चालू है। सीएम धामी ने परियोजना से प्रभावितों को मंगलवार को 195 रुपये का मुआवजा भी बांट दिया है। मार्च 2028 में पूरी होने वाली इस परियोजना पर 2584 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
बतादें, केंद्र सरकार पिछले वर्ष ही जामरानी बांध परियोजना को मंजूरी दे दी थी। मोदी सरकार ने सिंचाई निधि से इसका बजट भी पास किया है। इस परियोजना में 1557.18 करोड़ रुपये केंद्र सरकार बाकी की धनराशि उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कार्यक्रम के तहत पूरी की जाएगी। यह उत्तराखंड के दो और उत्तर प्रदेश दो जिलों में सिंचाई, बिजली और पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराएगी। परियोजना के तहत नैनीताल जिले में रामगंगा नदी की सहायक नदी गोला के तट पर बसे जमरानी गांव में बांध का निर्माण किया जाना है। जमरानी बांध परियोजना के जरिये 57065 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के दायरे में लाया जाएगा। इसमें 9458 हेक्टेयर जमीन उत्तराखंड और 47607 हेक्टेयर जमीन उत्तर प्रदेश की है।
यह भी पढ़ें : Uttarakhand : टनकपुर-चंपावत-पिथौरागढ़ मार्ग पर बाईपास और कई सुरंग बनाने की तैयारी
उत्तराखंड और यूपी के दो-दो जिले होंगे कवर
इस परियोजना से जिन जिलों को कवर किया जाएगा उनमें उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर तथा उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिले हैं। गोला पर पहले से मौजूद बैराज सिस्टम में दो नई नहरों का निर्माण किया जाना है, जबकि 207 किलोमीटर की मौजूदा नहरों का फिर से नया स्वरूप प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही 278 किलोमीटर के पक्के फील्ड चैनल का भी निर्माण किया जाएगा।
14 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
खास बात यह है कि इस परियोजना से 14 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। साथ ही हल्द्वानी तथा आसपास के क्षेत्रों के लिए 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पेयजल भी उपलब्ध होगा। इससे लगभग साढ़े दस लाख लोगों को फायदा होगा। गौरतलब है कि पीएम कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत 2015-16 में की गई थी, जिसका उद्देश्य खेती वाली जमीन तक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना, कृषि योग्य भूमि का दायरा बढ़ाना तथा खेती में पानी के इस्तेमाल के सदुपयोग को बढ़ाना है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कुशल नेतृत्व में जमरानी बांध परियोजना के निर्माण का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस परियोजना को आने वाले 25 साल की चुनौतियों को ध्यान में रख कर बनाया जा रहा है। प्रदेश के स्वच्छ और शांत वातावरण को बिगाड़ने वालों के लिए यहाँ कोई स्थान… pic.twitter.com/XQx5DaSFZr
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 16, 2024
कुंमाऊ कमिश्नर दीपक रावत पिछले दिनों बैठक कर निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की थी। उन्होंने बताया था कि इस परियोजना से यूपी के जिला रामपुर और बरेली को 47607 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सिंचाई का पानी मिलेगा। उत्तराखंड के नैनीताल और यूएस नगर जिलों को 9458 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रदान की जाएगी। परियोजना से हल्द्वानी शहर को 117 एमएलडी पेयजल उपलब्ध कराया जाना है। जिसको वर्ष 2051 में हल्द्वानी और काठगोदाम शहर की अनुमानित जनसंख्या 10.65 लाख को देखते हुए इसका आकलन किया गया है।
प्रभावितों के लिए उधम सिंह नगर में तैयार हो रही टाउन शिप
प्रभावितों के पुनर्वास के लिए उधम सिंह नगर के पराग फॉर्म में टाउन शिप तैयार किया जा रहा है। बांध निर्माण कार्य के लिए संपर्क मार्ग बनाने का काम शुरू हो गया है। मानसून में कार्य सुचारू रूप से संचालित किए जाने के लिए गोला नदी का जल निकासी के लिए दो ऑफर डैम और टनल बनाई जाएगी। बतादें कि परियोजना के डूब क्षेत्र में 06 गांव की 49.71 हेक्टेयर निजी भूमि जलमग्न और 1267 परिवार प्रभावित हो रहे हैं।
खास-खास
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2028 तक 2,584.10 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली परियोजना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड को 1,557.18 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दे दी है।
- इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल जिले में राम गंगा नदी की सहायक नदी गोला नदी पर जमरानी गांव के पास एक बांध के निर्माण की योजना तैयार की गई है। यह बांध मौजूदा गोला बैराज तक अपनी 40.5 किमी (लगभग 25.17 मील) की दूरी तक फैला हुआ है। लंबी नहर प्रणाली एवं 244 कि.मी. लंबी नहर प्रणाली के माध्यम से पानी देगी, जो 1981 में बनकर तैयार हुई थी।
- इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों और उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिलों में 57,065 हेक्टेयर (उत्तराखंड में 9,458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर) की अतिरिक्त सिंचाई की जा सकेगी।
- दो नई फीडर नहरों के निर्माण के अलावा, परियोजना के तहत 207 किमी (लगभग 128.62 मील) मौजूदा नहरों का नवीनीकरण किया जाना है और 278 किमी (लगभग 172.74 मील) नहरों का नवीनीकरण किया जाना है। पेव्ड फील्ड चैनल भी लागू किए जाने हैं
- इस परियोजना में 14 मेगावाट की जल विद्युत उत्पादन के साथ-साथ हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पीने के पानी के प्रावधान की भी परिकल्पना की गई है, जिससे 10.65 लाख से अधिक आबादी को लाभ होगा।
- इस परियोजना के सिंचाई लाभ का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को भी मिलेगा और दोनों राज्यों के बीच लागत/लाभ साझाकरण 2017 में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के अनुसार किया जाना है। हालांकि, पीने के पानी और बिजली का लाभ केवल उत्तराखंड को मिलेगा।