ISRO का भू-प्रेक्षण सैटेलाइट-08 अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट कक्षा में स्थापित हो गया है। इससे सबसे बड़ा फायदा उत्तराखंड का होने जा रहा है। दरअसल, यह सैटेलाइट अंतरिक्ष से देखकर बताएगा कि जंगल की आग कितनी विकराल है। साथ ही अलर्ट भी भेजेगा। इसे बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। बतादें कि हर वर्ष उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने से करोड़ों की वन संपदा जलकर नष्ट हो जाती है। इस वर्ष भी यही हुआ। कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ी। हेलिकॉप्टर से पानी का छिड़काव किया जाता है लेकिन वह काफी नहीं होता। अगर शुरुआत में ही अलर्ट मिल जाएगा तो शायद नुकसान की संभावना बेहद कम हो जाएगी। बचाव दल को पर्याप्त समय मिल जाएगा आग बुझाने के लिए। इसके अलावा बाढ़ जैसी आपदा में भी यह बेहद उपयोगी होगा।
बतादें कि इसरो का सैटेलाइट-08 (ईओएस-08) का इस्तेमाल वाणिज्यिक मिशन के लिए भी किया जाएगा। अगस्त 2022 में पहले मिशन में वैज्ञानिकों को वांछित परिणाम नहीं मिले थे और प्रक्षेपण यान सैटेलाइटों को निर्धारित कक्षाओं में स्थापित नहीं कर सका था लेकिन फरवरी 2023 में एलवी-डी2- ईओएस-07 सफल रहा। अब इस मिशन की सफलता को बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। प्रक्षेपण के सफल होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि भारत के पास अब एक नया प्रक्षेपण यान है। लागत अनुरूप एसएसएलवी अंतरिक्ष मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और निजी उद्योग को भी प्रोत्साहित करेगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इससे पर्यावरण निगरानी और आपदा प्रबंधन को सुविधाजनक बनाकर पृथ्वी की स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने मिशन नियंत्रण केंद्र में कहा, सैटेलाइट उपग्रह के प्रक्षेपण मापदंडों से पता चलता है कि सब कुछ (मिशन प्रक्षेपण) सटीक रहा। उन्होंने कहा, हम एलवी प्रौद्योगिकियों को उद्योगों को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया में हैं और इसलिए यह एलवी और प्रक्षेपण यान के लिए एक बहुत अच्छी शुरुआत है। उन्होंने यह भी कहा कि इसरो ने महत्वाकांक्षी गगनयान प्रोजेक्ट के पहले मिशन को दिसंबर तक लॉन्च करने का लक्ष्य रखा है।
SSLV-D3/EOS-08 Mission
Tracking images 📸 pic.twitter.com/1TSVx19ZDk
— ISRO (@isro) August 16, 2024
24 घंटे मिलेंगी तस्वीरें
आईओआईआर पेलोड को तस्वीरें खींचने के लिए बनाया गया है। यह पेलोड मध्यम-वेव आईआर (एमआईआर) और दीर्घ-वेव-आईआर (एनडब्ल्यूआईआर) बैंड में दिन और रात के समय तस्वीरें खींच सकता है। आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी, आग लगने का पत्ता लगाने, ज्वालामुखी गतिविधि प्रेक्षण तथा औद्योगिक एवं विद्युत संयंत्र आपदा निगरानी जैसे कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।