वर्षों से उत्तराखंड के लिए इस समस्या से जूझ रहे हैं। बातें बहुत हुईं लेकिन समाधान नहीं मिला। अब एक बार फिर उम्मीद जगी है। बात हो रही है कैंची धाम, रानीबाग और क्वारब में लगने वाले जाम की। हजारों लोग इसमें फंसते हैं। यह खबर एक दिन अखबारों की सूर्खियां बन जाती हैं। इसके अलावा कुछ नहीं होता। इस समस्या का समाधान हो सकता है, ऐसी उम्मीद जगाई है IIM काशीपुर । दरअसल, आईआईएम काशीपुर और कुमाऊं पुलिस ने एक साझा पहल की है। ट्रैफिक और पार्किंग की समस्याओं को समझने और सुलझाने के लिए एक फील्ड स्टडी शुरू की गई है। IIM की विशेषज्ञ टीम ने वीकेंड पर कैंची धाम, पार्किंग ज़ोन, डायवर्जन पॉइंट्स और भीड़भाड़ वाले इलाकों का सर्वेक्षण किया है। आईआईएम काशीपुर की टीम का उद्देश्य है कि ऐसा समाधान सुझाना जो कागजी न होकर जमीन पर दिखे। पुलिस और प्रशासन की टीम भी इस प्रोजेक्ट पर आईआईएम काशीपुर की टीम को सहयोग कर रही है। यह टीम सर्वे के बाद एक रिपोर्ट तैयार करेगी। इसमें विस्तार से समाधान बताया जाएगा। यह रिपोर्ट आईजी कुमाऊं को सौंपी जाएगी।
दरअसल, जाम की समस्या को पहाड़ों पर अक्सर पर्यटकों से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन, स्थानीय लोगों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है। उन्हें तो रोज चिंता करनी पड़ती है। कामकाज तक प्रभावित होता है। जैसे हल्द्वानी से अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जाने वाले हजारों स्थानीय लोग हर वीकेंड कैंची धाम, रानीबाग और क्वारब में लगने वाले जाम का शिकार होते हैं।