Close Menu
तीरंदाज़तीरंदाज़
    अतुल्य उत्तराखंड


    सभी पत्रिका पढ़ें »

    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Pinterest Dribbble Tumblr LinkedIn WhatsApp Reddit Telegram Snapchat RSS
    अराउंड उत्तराखंड
    • मालेगांव विस्फोट मामले में पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपी किए गए बरी
    • टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी सीधी तैनाती
    • Uttarakhand के धार्मिक स्थलों में धारण क्षमता के अनुरूप ही दिया जाएगा प्रवेश
    • Uttarakhand में और सख्त होगा धर्मांतरण कानून
    • Mann ki Baat… पांच साल में 200 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स : पीएम मोदी
    • मनसा देवी मंदिर में भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल
    • त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में हैलीपोर्ट के बारे में सीएम धामी से मांगी जानकारी
    • उत्तराखंड में सुदृढ़ और सुरक्षित सड़क नेटवर्क के लिए केंद्र सरकार का प्रयास सराहनीय: Trivendra Singh Rawat
    • वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए धामी सरकार ने कसी कमर
    • ‘जानलेवा सिस्टम’, दम तोड़ती उम्मीद और टूट चुका भाई
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube WhatsApp Telegram LinkedIn
    Thursday, July 31
    तीरंदाज़तीरंदाज़
    • होम
    • स्पेशल
    • PURE पॉलिटिक्स
    • बातों-बातों में
    • दुनिया भर की
    • ओपिनियन
    • तीरंदाज LIVE
    तीरंदाज़तीरंदाज़
    Home»कवर स्टोरी»उत्तराखंड में RTE Admission में आई भारी कमी, गरीब बच्चों का हक दिलाने में क्यों उदासीन हैं अधिकारी?
    कवर स्टोरी

    उत्तराखंड में RTE Admission में आई भारी कमी, गरीब बच्चों का हक दिलाने में क्यों उदासीन हैं अधिकारी?

    राज्य में पिछले वर्ष 34 हजार से अधिक सीटें आरटीई के दायरे में थी और इस वर्ष करीब 23 हजार से भी कम रही। यानी, 11 हजार से भी अधिक सीटें कम हो गईं।
    teerandajBy teerandajMay 14, 2024Updated:May 14, 2024No Comments
    Share now Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn
    RTE Admission
    उत्तराखंड में RTE Admission में आई भारी कमी
    Share now
    Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn

    उत्तराखंड में RTE Admission में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल आरटीई के तहत स्कूलों में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या में खासी कमी दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक राज्य में इस बार 11347 सीटें कम हुईं हैं। जिन शिक्षा अधिकारियों पर इस कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी है, वह बेफिक्र हैं। इन्होंने समय पर स्कूलों को आरटीई के दायरे में लाने की न कोशिश की न ही मॉनिटरिंग। इसका परिणाम सबके सामने है। उत्तराखंड में RTE की सीटों में भारी कमी दर्ज की गई। बतादें कि यह योजना वंचित बच्चों के लिए है। सरल भाषा में कहा जाए तो अधिकारियों की लापरवाही के कारण इन बच्चों का हक मारा गया है।

    भारत में शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम 2009 में लागू किया गया। शिक्षा को 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मौलिक अधिकार की श्रेणी में रखा गया है। इसमें प्राथमिक स्तर की शिक्षा निशुल्क देने का प्रावधान है। इसके साथ ही  दिव्यांग बच्चों को 18 वर्ष तक निशुल्क शिक्षा का अधिकार है। विद्यालय को कुल छात्र संख्या की 25 प्रतिशत सीटों पर आरटीई के तहत प्रवेश देना अनिवार्य है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग शर्तें हैं। अनुच्छेद 21ए यह गारंटी देता है कि राज्य द्वारा निर्दिष्ट आयु वर्ग के बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा निशुल्क होनी चाहिए। इस अधिनियम का उद्देश्य वित्तीय बाधाओं को दूर करना है, जो शिक्षा में बाधा बन सकती हैं। अनुच्छेद 21ए के प्रावधानों को लागू करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की है।

    RTE Admission
    उत्तराखंड में RTE Admission में आई भारी कमी

    सबसे अधिक सीटें हरिद्वार, देहरादून और उधम सिंह नगर में
    प्रदेश की बात करें तो आरटीई की सबसे अधिक सीटें, हरिद्वार, देहरादून और उधम सिंह नगर में हैं। इन जिलों में निजी स्कूलों की संख्या भी सर्वाधिक हैं। लेकिन, इस बार कुल निजी विद्यालयों में से करीब पचास प्रतिशत विद्यालयों ने ही आरटीई के लिए आवेदन किया। शिक्षा विभाग प्रतिवर्ष आरटीई के तहत प्रवेश के लिए पूरा प्रारूप जारी करता है। सबसे पहले निजी स्कूलों को आरटीई पोर्टल पर आवेदन करना होता है कि वह विद्यालय आरटीई के दायरे में आता है। आवेदन के पात्र वही विद्यालय होते हैं, जिन्हें मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मान्यता प्राप्त हो। विद्यालय को कुल छात्र संख्या का 25 फीसदी सीटों पर आरटीई के तहत प्रवेश देना अनिवार्य है। इन बच्चों की फीस सरकार द्वारा दी जाती है। बतादें कि, सरकार जब पैसे देती है तो स्कूल फिजूलखर्ची दिखा मनमाफिक पैसे नहीं वसूल पाते हैं। यही वजह है कि स्कूल आरटीई के तहत एडमिशन देने से बचते हैं।

    उत्तराखंड में क्या खाली रह जाएंगी B.Ed की पांच हजार सीटें, इस कोर्स से क्यों हो रहा मोहभंग

    पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है
    आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा इस पूरी प्रक्रिया को संचालित करता है। राज्य से जितने ज्यादा विद्यालय आरटीई के लिए आवेदन करेंगे सीटें भी उसी के अनुरूप बढ़ेंगी। कहा जा रहा है कि इस बार राज्य में अगर सीटें घटीं हैं तो कहीं न कहीं जिला स्तरीय शिक्षा विभाग इसके लिए जिम्मेदार है। पिछले वर्ष 34 हजार से अधिक सीटें आरटीई के दायरे में थी और इस वर्ष करीब 23 हजार से भी कम रही। देखा जाए तो 11 हजार से अधिक सीटें इस बार कम हुई हैं। इस योजना के लिए आवेदन फार्म तीन अप्रैल से 21 अप्रैल के बीच लिए गए थे। उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों के लिए यह एक बड़ा आंकड़ा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपर राज्य परियोजना निदेशक,समग्र शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती ने कहा है कि पिछले वर्ष के मुकाबले सीटें कम हुईं हैं। इसे दिखाया जा रहा है।

    जिलेवार स्कूलों में घटी आरटीई की सीटें
    जनपद                  वर्ष 2023              वर्ष 2024
    हरिद्वार                      8,124                      4,112
    यूएसनगर                   7,546                     6,544
    देहरादून                    6,297                     4,999
    नैनीताल                     3050                     2,195
    अल्मोड़ा                     1581                        827
    पिथौरागढ़                  1492                       794
    टिहरी                         1422                       567
    पौड़ी                           1406                     802
    उत्तरकाशी                  973                       600
    बागेश्वर                        667                       295
    रुद्रप्रयाग                    624                        104
    चम्पावत                     564                       458
    चमोली                       484                       586
    कुल                         34,230                   22,883

     

    RTE Admission Uttarakhand News
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Pinterest Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram Follow on LinkedIn
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn
    teerandaj
    • Website

    Related Posts

    Uttarakhand के धार्मिक स्थलों में धारण क्षमता के अनुरूप ही दिया जाएगा प्रवेश

    July 29, 2025 कवर स्टोरी By teerandaj4 Mins Read5K
    Read More

    ‘जानलेवा सिस्टम’, दम तोड़ती उम्मीद और टूट चुका भाई

    July 16, 2025 कवर स्टोरी By teerandaj5 Mins Read2K
    Read More

    Dehradun Basmati Rice: कंकरीट के जंगल में खो गया वजूद!

    July 15, 2025 एक्सक्लूसिव By Arjun Singh Rawat16 Mins Read2K
    Read More
    Leave A Reply Cancel Reply

    अतुल्य उत्तराखंड


    सभी पत्रिका पढ़ें »

    Top Posts

    Delhi Election Result… दिल्ली में 27 साल बाद खिला कमल, केजरीवाल-मनीष सिसोदिया हारे

    February 8, 202513K

    Uttarakhand : ये गुलाब कहां का है ?

    February 5, 202512K

    Delhi Election Result : दिल्ली में पहाड़ की धमक, मोहन सिंह बिष्ट और रविंदर सिंह नेगी बड़े अंतर से जीते

    February 8, 202512K

    UCC In Uttarakhand : 26 मार्च 2010 के बाद शादी हुई है तो करा लें रजिस्ट्रेशन… नहीं तो जेब करनी होगी ढीली

    January 27, 202511K
    हमारे बारे में

    पहाड़ों से पहाड़ों की बात। मीडिया के परिवर्तनकारी दौर में जमीनी हकीकत को उसके वास्तविक स्वरूप में सामने रखना एक चुनौती है। लेकिन तीरंदाज.कॉम इस प्रयास के साथ सामने आया है कि हम जमीनी कहानियों को सामने लाएंगे। पहाड़ों पर रहकर पहाड़ों की बात करेंगे. पहाड़ों की चुनौतियों, समस्याओं को जनता के सामने रखने का प्रयास करेंगे। उत्तराखंड में सबकुछ गलत ही हो रहा है, हम ऐसा नहीं मानते, हम वो सब भी दिखाएंगे जो एकल, सामूहिक प्रयासों से बेहतर हो रहा है। यह प्रयास उत्तराखंड की सही तस्वीर सामने रखने का है।

    एक्सक्लूसिव

    Dehradun Basmati Rice: कंकरीट के जंगल में खो गया वजूद!

    July 15, 2025

    EXCLUSIVE: Munsiyari के जिस रेडियो प्रोजेक्ट का पीएम मोदी ने किया शिलान्यास, उसमें हो रहा ‘खेल’ !

    November 14, 2024

    Inspirational Stories …मेहनत की महक से जिंदगी गुलजार

    August 10, 2024
    एडीटर स्पेशल

    Uttarakhand : ये गुलाब कहां का है ?

    February 5, 202512K

    Digital Arrest : ठगी का हाईटेक जाल… यहां समझिए A TO Z और बचने के उपाय

    November 16, 20249K

    ‘विकास का नहीं, संसाधनों के दोहन का मॉडल कहिये…’

    October 26, 20237K
    तीरंदाज़
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Pinterest LinkedIn WhatsApp Telegram
    • होम
    • स्पेशल
    • PURE पॉलिटिक्स
    • बातों-बातों में
    • दुनिया भर की
    • ओपिनियन
    • तीरंदाज LIVE
    • About Us
    • Atuly Uttaraakhand Emagazine
    • Terms and Conditions
    • Privacy Policy
    • Disclaimer
    © 2025 Teerandaj All rights reserved.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.