उत्तराखंड के बहुचर्चित उद्यान घोटाले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। उद्यान विभाग के पूर्व निदेशक एसएच बवेजा समेत 15 नामजद अधिकारियों पर तीन एफआईआर दर्ज की गई है। सीबीआई ने बवेजा समेत इस घोटाले से जुड़े 25 अधिकारियों और अन्य लोगों से लंबी पूछताछ की है। शुक्रवार को भी इस मामले में सीबीआई तीन कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। बतादें कि नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
बृहस्पतिवार को पूर्व निदेशक एसएच बवेजा, तत्कालीन सीएचओ राजेंद्र कुमार सिंह, सीएचओ मीनाक्षी जोशी समेत कुल 26 लोगों से सीबीआई ने घंटों पूछताछ की। बताया जा रहा है कि सीबीआई को महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में 20 से ज्यादा जगहों पर छापे मारे गए हैं। एजेंसी ने आरोपियों के घर से घोटाले से संबंधित दस्तावेज भी जुटाए हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही कुछ लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है।
क्या है घोटाला
उद्यान विभाग की ओर से खरीदे जाने वाले पौधों की खरीद में पूर्व निदेशक के इशारों पर अधिकारियों ने जालसाजी करते हुए इस घोटाले में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। अपनी मर्जी से दाम बढ़ाते हुए खुद को लाभ और सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। आरोप है कि पूर्व निदेशक के इशारों पर फलदार पौधों के दाम अपनी मर्जी से संशोधित किए गए। ये दाम पड़ोसी राज्यों से कई गुना अधिक थे। संशोधित दामों में 40 से 150 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई। यही नहीं सेब के पौधों को दूसरी नर्सरी फर्मों के प्रस्तावित दामों से डेढ़ से तीन गुना दामों पर खरीदा गया। नर्सरियों को करोड़ों रुपये की सब्सिडी भी जारी की गई। जांच में सामने आया है कि कीवी के दामों को मई 2021 में 35 रुपये से बढ़ाकर 75 रुपये कर दिया। जबकि, कलम वाले कीवी के पौधों के दाम 75 से 175 रुपये कर दिए गए। करोड़ों रुपये डकारने के बाद फिर से दिसंबर में दामों को संशोधित किया गया।
नर्सरियों को मनमाने तरीके से लाभ पहुंचाया
इस बार कीवी के पौधों के दाम 75 से 225 रुपये कर दिए गए। जबकि, कलम वाले कीवी के पौधों के दामों को 175 रुपये से बढ़ाकर 275 रुपये कर दिया गया। जांच में सामने आया कि ये दाम पड़ोसी राज्यों हिमाचल और जम्मू कश्मीर से कई गुना अधिक हैं। ऐसा इसलिए किया गया कि नर्सरियों को मनमाने तरीके से लाभ पहुंचाया जा सके। इसका बड़ा हिस्सा इन अधिकारियों की जेब में भी आया।
सेब के पौधों की दर 480 रुपये फिक्स कर दी गई। यह दर भी दोनों राज्यों से कहीं अधिक थी। जब इस बात पर सवाल उठे तो पूर्व निदेशक ने अपने चहेते अधिकारियों से ही इसकी जांच कराई, जिसमें कोई निर्णय नहीं आया। सेब के पौधों के लिए पाल नर्सरी नाम की फर्म ने 300 रुपये प्रति पौधा की दर प्रस्तावित की थी। लेकिन, पूर्व निदेशक और उनके चहेते अधिकारियों ने मनमर्जी से सेब के पौधे जम्मू कश्मीर की बरकत एग्रो से 465 रुपये प्रति पौधे की दर से खरीदे गए। इस फर्म से कुल 183625 सेब के क्लोन रूट पौधे खरीदे गए, जिसके लिए उसे 8.53 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
465 में खरीदा 150 के पौधे को
पूर्व निदेशक के इशारे पर बरकत एग्रो से 2.55 करोड़ रुपये में 1.09 लाख रुपये ऐसे पौधे खरीदे गए। इनकी दर करीब तीन गुना 465 रुपये चुकाई गई। यही नहीं इस जैसी कई फर्म को नियमों को ताक पर रखकर भुगतान भी किया गया।I
तीन कर्मचारियों से हो रही पूछताछ
शुक्रवार को भी सीबीआई ने तीन कर्मचारियों को पूछताछ के लिए उठाया है। सीबीआई ऑफिस वसंत विहार में कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि मामले में आज शाम तक कर्मचारियों में से कुछ की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
बतादें कि नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। पहले मामले की जांच सीबीसीआईडी कर रही थी। सीबीआई से सीबीसीआईडी से इससे संबंधित दस्तावेज भी हासिल कर लिए हैं।
मुकदमा नंबर एक
हरमिंदर सिंह बवेजा, पूर्व निदेशक उद्यान विभाग, उत्तराखंड
अनिल कुमार मिश्रा, तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी, उत्तरकाशी
नितिन कुमार शर्मा, प्रोपराइटर, अनिका ट्रेडर्स, रायवाला देहरादून
हरजीत सिंह, निवासी राजपुर रोड, देहरादून।
मुकदमा नंबर दो
हरमिंदर सिंह बवेजा, पूर्व निदेशक उद्यान विभाग, उत्तराखंड
त्रिलोकी राय, तत्कालीन नर्सरी विकास अधिकारी वर्तमान में मुख्य उद्यान अधिकारी पिथौरागढ़
राजेंद्र कुमार सिंह, तत्कालीन आलू विकास अधिकारी ऊधमसिंहनगर, वर्तमान में मुख्य उद्यान अधिकारी नैनीताल
नारायण सिंह बिष्ट, वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक, निवासी हिल व्यू कॉलोनी, सहस्रधारा रोड, देहरादून
भोपाल राम, मुख्य उद्यान अधिकारी नैनीताल का सहायक विकास अधिकारी
सुनील सिंह निवासी बाजपुर, ऊधमसिंहनगर
मोहम्मद फारूख, अखरान नोपुरा, मीरबाजार, कुलगाम, जम्मू कश्मीर
साजाद अहमद डार, गोनादेवसार, कुलगाम, जम्मू कश्मीर
सामी उल्ला बट्ट, अवंतीपुरा, पुलवामा, जम्मू कश्मीर
विनोद शर्मा निवासी राजगढ़, सिरमौर, हिमाचल प्रदेश
मुकदमा नंबर तीन
हरमिंदर सिंह बवेजा, पूर्व निदेशक उद्यान विभाग, उत्तराखंड
मीनाक्षी जोशी, तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून, वर्तमान में डिप्टी डायरेक्टर वॉटर शेड मैनेजमेंट
अनिल रावत निवासी जीएमएस रोड देहरादून