दक्षिण अफ्रीका के बड़े कारोबारियों में एक Gupta Brothers फिर एक बार सुर्खियों में हैं। इस बार की सुर्खियां उनके लिए मुसीबतों से भरी है। कभी बेटे की शादी में दो सौ करोड़ रुपये खर्च कर तो कभी अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा से करीबी रिश्तों व अरबों रुपयों के घोटाले का आरोप झेल चुके गुप्ता बंधु इस वक्त उत्तराखंड की जेल में बंद हैं। देहरादून के नामी बिल्डर सतिंदर सिंह साहनी ने रिहायशी इमारत की आठवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में दो गुप्ता बंधुओं का जिक्र किया था। इसके बाद उत्तराखंड पुलिस 25 मई को तीन भाइयों में से दो को गिरफ्तार कर लिया था। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि इस मामले में दक्षिण अफ्रीका की इंट्री हो गई है। दक्षिण अफ्रीका ने कहा है कि वो दोनों गुप्ता बंधुओं की गिरफ्तारी के मामले में भारत सरकार से बातचीत करेगा। उनके प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध करेगा। इनमें से एक दक्षिण अफ्रीका में सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों से अरबों रुपये लूटने के आरोप में वांछित है।
अजय कुमार गुप्ता और अनिल कुमार गुप्ता पर बिल्डर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। देहरादून की एक अदालत ने 25 मई को सतिंदर सिंह को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़- इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि क्या ये वही अजय गुप्ता है, जो कुछ साल पहले अपने परिवार के साथ दक्षिण अफ़्रीका से भाग गए थे। बता दें, अतुल, अजय और राजेश गुप्ता ब्रदर्स पर पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपने करीबी संबंधों के माध्यम से साउथ अफ़्रीका में अरबों की हेराफेरी करने का आरोप है। 2018 में जैकब जुमा के पद से हटने के बाद गुप्ता परिवार दुबई भाग गया था। तीन गुप्ता भाइयों में सबसे बड़े अजय को साउथ अफ़्रीका में परिवार की भ्रष्ट और धोखाधड़ी वाली योजनाओं का मास्टरमाइंड माना जाता है। उनके छोटे भाइयों अतुल और राजेश को 2022 में दुबई में गिरफ्तार किया गया था।

कौन हैं Gupta Brothers
Gupta Brothers पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। नाम हैं अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश उर्फ टोनी गुप्ता। ये लोग कारोबार के लिए 1994 में दक्षिण अफ्रीका गए। वहां उन्होंने सत्ता और अधिकारियों के साथ ऐसा गठजोड़ कायम किया कि दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपति भी उनकी जेब में रहने लगा। 2016 में ख़बर आई थी कि अतुल गुप्ता दक्षिण अफ्रीका के सबसे अमीर अश्वेत बन गए। तब उनकी संपत्ति करीब 55 अरब रुपये बताई जा रही थी। बस एक भाई की दौलत थी। बाकी दोनों भाइयों के पास भी अकूत संपदा थी। लेकिन, जैकब जुमा की सरकार जाने के बाद इनके अच्छे दिन भी चले गए। इन्हें अफ्रीका छोड़ना पड़ा।
गुप्ता परिवार के दो बेटों की शादी का बजट था दो सौ करोड़
Gupta brothers arrested वर्ष 2019 में अजय गुप्ता के बेटे सूर्यकांत की शादी हीरा कारोबारी सुरेश सिंघल की बेटी कृतिका व अगले दिन 22 जून को अतुल गुप्ता के बेटे शशांक की शादी उद्योगपति विशाल जालान की बेटी शिवांगी के साथ उत्तराखंड के औली में हुई थी। दोनों शादियों के बाद समारोह स्थल पर कई टन कूड़ा फैल गया था। इसको लेकर जोशीमठ नगर पालिका ने गुप्ता बंधुओं पर ढाई लाख का जुर्माना लगाया था।
पिता ने किया था टेलकम पाउडर का भी कारोबार
बताया जाता है कि गुप्ता बंधुओं के पिता शिवकुमार सरकारी गल्ले की दुकान चलाते थे। परिवार चलाने के लिए वह साथ में गरम मसालों का व्यवसाय भी करते थे। काम चल निकला तो शिवकुमार ने मसालों का व्यवसाय दूसरे देशों तक फैलाना शुरू कर दिया। बाद में उन्होंने गुप्ता एंड टेलकम के नाम से टेलकम पाउडर बनाने की कंपनी भी शुरू की। करीब चालीस साल पहले शिव कुमार परिवार के साथ सहारनपुर के रानी बाजार इलाके में मकान में रहते थे। वह सहारनपुर व आसपास के धनी और मेहनती व्यापारियों में शुमार थे। उस जमाने में उनके पास कार थी।
सबसे पहले अतुल गुप्ता गए थे दक्षिण अफ्रीका
मसालों के कारोबार के लिए दक्षिण अफ्रीका गए अतुल गुप्ता ने 1998 में वहां पहुंचकर जूते की दुकान खोली थी। इसके बाद जब तीनों भाई वहां पहुंचे तो इसके बाद सहारा कंप्यूटर्स की शुरुआत की। यह वह जमाना था जब दुनिया में कंप्यूटर चलन में नया-नया आया था। इसके बाद में गुप्ता बंधुओं ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कोयला और सोने की खदान के कारोबार में शुरुआत की।
धोखाधड़ी और जबरन वसूली की धारा भी जोड़ी गई
बिल्डर बाबा साहनी की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी (आईपीसी 420) और जबरन वसूली करने के लिए धमकाना (आईपीसी 385) की धाराएं जोड़ी हैं। दरअसल, बिल्डर ने आत्महत्या से पहले पुलिस को एक प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें उन्होंने जान का खतरा बताते हुए पुलिस से मदद मांगी थी। यह प्रार्थना पत्र उन्होंने 16 मई को दिया था। अब इसी पत्र के आधार पर यह धाराएं जोड़ी गईं हैं।