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    Home»कवर स्टोरी»Ground Report : बद्रीनाथ में मास्टर प्लान से प्रभावितों ने किया प्रदर्शन, कहा- पहले मुआवजा फिर शुरू हो निर्माण कार्य 
    कवर स्टोरी

    Ground Report : बद्रीनाथ में मास्टर प्लान से प्रभावितों ने किया प्रदर्शन, कहा- पहले मुआवजा फिर शुरू हो निर्माण कार्य 

    मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने प्रभावितों से की मुलाकात, कहा- मूल निवासियों को विश्वास में लिए बगैर न हो निर्माण कार्य, मुआवजा और पुनर्वास नीति स्पष्ट न हुई तो होगा जनांदोलन
    teerandajBy teerandajJune 18, 2024Updated:June 18, 2024No Comments
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    बदरीनाथ मास्टर प्लान का विरोध करते स्थानीय निवासी
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    Ground Report : मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति और बद्रीनाथ मास्टर प्लान के प्रभावितों ने बदरीपुरी में सांकेतिक प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया। इस मौके पर भविष्य के आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। संघर्ष समिति ने मास्टर प्लान से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। स्थानीय लोगों ने अपनी समस्या को समिति के सामने रखा।

    मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने मास्टर प्लान के तहत बद्रीनाथ में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इस मौके पर समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि मूल निवासियों को विश्वास में लिए बगैर बद्रीनाथ में निर्माण कार्य चल रहा है। मास्टर प्लान को लागू करने में नियमों की अवहेलना हुई है और मूल निवासियों/हक-हकूकधारियों को अपनी आपत्ति दर्ज करने का मौका नहीं मिला। मास्टर प्लान कैसे लागू हो इसके लिए उत्तराखंड अर्बन एंड कंट्री प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट में व्यवस्था है। इस एक्ट के तीसरे अध्याय में नियमों के मुताबिक पहले ड्राफ्ट मास्टर प्लान को प्रकाशित कर सभी पक्षों को आपत्तियां दर्ज करने का अवसर मिलना चाहिए था, लेकिन सरकार ने बिना अनुमति के ही मकान तोड़ दिए।

    संघर्ष समिति के सह संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि भले ही मंदिर के चारों और 75 मीटर के दायरे में अधिग्रहण हो रहा हो लेकिन 90% लोगों ने इस कार्य के लिए कोई एनओसी नहीं दी है और न उनको कोई मुआवज़ा मिला है और जब तक उन्हें समुचित मुआवजा नहीं मिलेगा वह निर्माण नहीं चाहते।  स्थानीय लोग होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, प्रसाद सामग्री, कपड़ा और बर्तन आदि बेचकर अपनी जीविका चलाते रहे हैं। प्रशासन ने मार्च में बिना कोई नोटिस या समय दिए उनका सब कुछ तोड़कर मिट्टी में मिला दिया। लोगों को विश्वास में लिए कोई भी कार्य होगा तो इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार को पुनर्वास और मुआवजा नीति स्पष्ट करना चाहिए। ऐसा न हुआ तो स्थानीय लोगों के साथ जनांदोलन शुरू कर दिया जाएगा।

    बदरीनाथ-मास्टर-प्लान-का-विरोध-करते-स्थानीय-निवासी

    समिति के सचिव प्रांजल नौडियाल ने कहा कि मास्टर प्लान के चलते  स्थानीय लोगों के सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है। जिन लोगों के भवन टूटे हैं, उन्हें सरकार ने अभी तक यह नहीं बताया कि उनका पुनर्वास कहाँ होगा, मुआवजा कितना मिलेगा। उन्होंने कहा कि यहां पर बाहर की कंपनी काम कर रही है और रोजगार पर भी बाहर के लोग हावी हैं। स्थानीय लोगों की उपेक्षा हो रही है। बद्रीश पंडा पंचायत के कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया, सुधाकर बाबुलकर, प्रमोद नारायण भट्ट ने कहा कि सदियों पुरानी पोथी नष्ट किया गया। इसके लिए स्थानीय प्रशासन और कार्यदायी संस्था जिम्मेदार है। भूमि और आवंटन को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है। इसके साथ ही बिना सूचना के मकान तोड़े जाने से सारा सामान बर्बाद हो गया है। इसका भी मुआवजा मिलना चाहिए।

    सांकेतिक प्रदर्शन में प्रवीण ध्यानी, किशोर पंचभैया, रामकिशोर ध्यानी, बागम्बर प्रसाद कोटियाल, अनिल पंचभैया, मिथिलेश पंचभैया, मनोज कोटियाल, सुधाकर बाबुलकर, मुकेश कोटियाल, अखिलेश कोटियाल, श्वेताम्बर ध्यानी, अनिल डिमरी, रामप्रसाद डिमरी, कुणाल पुरोहित, जीतेन्द्र डंगवाल, संजय डंगवाल, आलोक पंचभैया, प्रकाश कोटियाल, अवधेश जागीरदार सहित अन्य प्रभावित मौजूद थे।

    Ground Report Uttarakhand News
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