गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में 116वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का शुभारंभ सीएम धामी ने किया। उन्होंने विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और हरेला उद्यान का वर्चुअल शुभारंभ भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों से आए प्रगतिशील कृषकों को स्मृति चिह्न एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत में हरित क्रांति के अग्रदूत के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले पंत विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आकर हर्ष का अनुभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के किसान मेले प्रदेश के किसान भाईयों की उन्नति में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्योंकि इस प्रकार के कृषि मेलों के माध्यम से वैज्ञानिक, किसान एवं उद्यमी एक ही स्थान पर कृषि संबंधी नवीनतम तकनीकों तथा विभिन्न जानकारियों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। किसानों को उन्नत बीज, पौध, कृषि यंत्र और जैविक खाद सहित कृषि से जुड़ी सभी आवश्यक वस्तुएं एक ही स्थान पर मिल जाती हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस मेले में उपलब्ध कराई जा रही तकनीकी जानकारियों से हमारे किसान अवश्य लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला यह मेला वास्तव में कृषि का एक ऐसा कुंभ है, जो किसानों को आधुनिक तकनीकी का बोध कराकर उन्हें समृद्ध बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के किसानों को कुशल, समृद्ध और आधुनिक सुख-सुविधा युक्त बनाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। आज एक ओर उपज बढ़ाने के लिए तकनीकी के प्रयोग और नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार द्वारा किसानों को सभी प्रमुख फसलों पर बढ़ी हुई एम.एस.पी देकर किसानों की आय में बढ़ोत्तरी सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि किसान सम्मान निधि की योजना के जरिए आज उत्तराखंड के भी लगभग 8 लाख से अधिक किसानों को आर्थिक संबल मिल रहा है। साथ ही मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले दिनों किसान भाईयों का जीवन स्तर बेहतर करने और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से करीब 14 हज़ार करोड़ रुपये की लागत वाली कुल सात नई योजनाओं को भी मंजूरी दी है। जिन योजनाओं से किसानों को बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा।
वर्तमान में प्रदेश में किसानों को तीन लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है तथा किसानों को कृषि उपकरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य “फार्म मशीनरी बैंक“ योजना के जरिये कृषि उपकरण खरीदेने के लिए 80 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद पर कृषकों को प्रति क्विंटल 20 रुपये का बोनस दिया जा रहा है, गन्ने के रेट में भी 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए नहर से सिंचाई को बिल्कुल मुफ्त कर दिया गया है। चाय बागान धौलादेवी, मुन्स्यारी और बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। सगंध खेती को बढ़ावा देने के लिए 6 एरोमा वैली विकसित करने पर कार्य किये जा रहे हैं।
200 करोड़ से पॉलीहाउस का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में 200 करोड़ रूपए का प्रावधान विशेष रूप से पॉलीहाउस निर्माण के लिए किया है, जिससे किसानों की आय बढ़ने के साथ ही रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट भी स्वीकृत किया गया है। फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी सरकार विभिन्न स्तर पर काम कर रही है, जिसके अंतर्गत सेब और कीवी का उत्पादन व्यापक स्तर पर बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में एप्पल और कीवी मिशन की शुरुआत की गई है। एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब के बागान लगाने वाले किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। कीवी के बगीचे स्थापित करने में भी सरकार हर संभव मदद कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उन्नत कृषि-समृद्ध किसान के संकल्प को साकार करने के लिए निरंतर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां पर विकसित की गई फसलों, सब्जियों एवं फलों की विभिन्न प्रजातियां और अनेक उन्नत कृषि तकनीकें ना सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के किसानों को फायदा पहुंचा रही हैं। आज आयोजित हो रहा यह किसान मेला निश्चित रूप से किसान भाईयों के उत्थान में अहम योगदान देगा।
विश्वविद्यालय ग्लोबल बनने जा रहा है : डॉ. मनमोहन सिंह चौहान
विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने सभी अतिथियों व किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश विकास की ओर अग्रसर है। प्रदेश की जीडीपी भी तेजी से बढ़ी है। उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय की प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि पूरे देश में दलहन की 28 बीज स्वीकृत हुए हैं जिसमें से 10 बीज पंतनगर विश्वविद्यालय के खाते में आए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ग्लोबल बनने जा रहा है विगत दो वर्षों में विश्वविद्यालय द्वारा 7 एमओयू अंतरराष्ट्रीय स्तर के हुए हैं तथा विश्वविद्यालय द्वारा 300 कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं तथा ड्रोन व एआई तकनीक (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर भी विश्वविद्यालय द्वारा कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बद्री गाय का क्लोन भी विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया जा रहा है।