देश की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान करने को तत्पर रहने वाले वीर सैनिकों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने वीरता पुरस्कार (Gallantry Awards) प्रदान किए। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति ने देश के 37 सपूतों को वीरता पुरस्कार से नवाजा। 10 वीरों को कीर्ति चक्र और 27 को शौर्य चक्र प्रदान किया गया। इनमें से 7 कीर्ति चक्र और सात शौर्य चक्र मरणोपरांत दिए गए हैं। उत्तराखंड के तीन सपूतों को भी वीरता पुरस्कार से नवाजा गया है।
पैरा कमांडो मेजर दिग्विजय सिंह रावत को अदम्य साहस और शौर्य के लिए कीर्ति चक्र दिया गया है। उन्हें यह सम्मान मणिपुर में एक आतंक रोधी ऑपरेशन के दौरान असाधारण वीरता के लिए प्रदान किया गया है। वहीं ग्रेनेडियर्स की 55वीं बटालियन के मेजर सचिन नेगी और आर्मर्ड कोर की 44वीं बटालियन के मेजर रविंदर सिंह रावत को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। मेजर सचिन नेगी और मेजर रविंदर सिंह रावत को जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान आतंकियों का सफाया करने के लिए दिया गया है।
21 पैरा (स्पेशल फोर्सेज) के मेजर दिग्विजय सिंह रावत के खुफिया नेटवर्क ने मणिपुर में आ रहे एक वीआईपी को निशाना बनाने की साजिश का पर्दाफाश किया। इस खुफिया जानकारी के बाद उन्होंने एक जवाबी ऑपरेशन की योजना बनाई। ऑटोमैटिक हथियारों से लैस आतंकियों ने सेना से सामना होने पर गोलीबारी शुरू कर दी। मेजर रावत कौशल और अदम्य साहस का परिचय देते हुए रेंगकर एक तरफ गए और उग्रवादियों के एक स्वयंभू कैप्टन को मार गिराया और दूसरे को घायल कर दिया। ये दोनों असम राइफल्स पर घात लगाकर हुए हमले के मास्टरमाइंड भी थे। उन्होंने मणिपुर में एक खुफिया निगरानी तंत्र बनाया। इसकी मदद से वह वीबीआईजी यानी Valley Bases Insurgent Groups की सही मैपिंग करने में सफल रहे। 26 मार्च 2023 को एक अन्य ऑपरेशन के दौरान उग्रवादियों की घुसपैठ की सूचना मिलने पर उन्होंने जाल बिछाया और नजदीकी लड़ाई के बाद तीन आतंकियों को सरेंडर करने के लिए मजबूर कर दिया।
राष्ट्रीय राइफल्स की 44 बटालियन के मेजर रविंद्र सिंह रावत ने 30 अगस्त 2022 को शोपियां जिले के एक गांव में तीन आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर प्रारंभिक घेराबंदी करते समय तीन आतंकवादियों को घने जंगल की ओर भागते देखा। उसी बीच आतंकियों ने सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की। आतंकियों की अंधाधुंध फायरिंग का मुंह तोड़ जवाब देते हुए उन्होंने दो आतंकवादियों को मार गिराया।
ग्रेनेडियर के मेजर सचिन नेगी राष्ट्रीय राइफल्स की 55वीं बटालियन में तैनात हैं। उन्होंने नवंबर 2020 से राष्ट्रीय राइफल्स के कार्यकाल के दौरान कई सफल अभियानों में भाग लिया जिसमें उनकी बटालियन ने 14 आतंकियों का खात्मा किया। एक नवंबर 2022 को पुलवामा जिले में एक वाहन चेक पोस्ट एक गाड़ी में आतंकियों ने गोलीबारी करते हुए ग्रेनेड से हमला किया। संयम एवं सामरिक कौशल का परिचय देते हुए मेजर सचिन नेगी रेंगकर आतंकवादियों की ओर बढ़े। अपनी जान की परवाह किए बिना एक आतंकी को बेहद नजदीक से मार गिराया और एक अन्य को घायल कर दिया।
कीर्ति चक्र (मरणोपरांत)
कैप्टन अंशुमन सिंह
हवलदार अब्दुल माजिद
हेड कांस्टेबल राज कुमार यादव
इंस्पेक्टर दिलीप कुमार दास
कांस्टेबल बबलू राभा
कांस्टेबल शंभू राय
सिपाही पवन कुमार
शौर्य चक्र (मरणोपरांत)
मेजर विकास भांभु
मेजर मुस्तफा बोहरा
कैप्टन एमवी प्रांजल
हवलदार विवेक सिंह तोमर
राइफलमैन कुलभूषण मांता
राइफलमैन आलोक राव
कांस्टेबल सैफुल्ला कादरी
कीर्ति चक्र
मेजर दिग्विजय सिंह रावत
मेजर दीपेंद्र विक्रम बासनेट
नायब सूबेदार पवन कुमार यादव
शौर्य चक्र
मेजर राजेंद्र प्रसाद जाट
मेजर रविंद्र रावत
मेजर सचिन नेगी
मेजर मानेओ फ्रांसिस
मेजर अनदीप जाखड़
कैप्टन अक्षत उपाध्याय
विंग कमांडर शैलेश सिंह
फ्लाइट लेफ्टिनेंट हरिकृष्ण जयन
लेफ्टिनेंट बिमल रंजन बहेरा
नायब सूबेदार संजय कुमार
नायक भीम सिंह
पुरसोत्तम कुमार
हवलदार संजय कुमार
पुलिस अधीक्षक मोहन लाल
कांस्टेबल गमित मुकेश कुमार
सब इंस्पेक्टर अमित रैना
सब इस्पेक्टर फिरोज अहमद डार
कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह
कांस्टेबल वरुण सिंह