Close Menu
तीरंदाज़तीरंदाज़
    https://teerandaj.com/wp-content/uploads/2025/05/MDDA_Final-Vertical_2.mp4
    https://teerandaj.com/wp-content/uploads/2025/05/Vertical_V1_MDDA-Housing.mp4
    अतुल्य उत्तराखंड


    सभी पत्रिका पढ़ें »

    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Pinterest Dribbble Tumblr LinkedIn WhatsApp Reddit Telegram Snapchat RSS
    अराउंड उत्तराखंड
    • Technology : अब धान-गेहूं भी काटेगा रोबोट…दस के बराबर करेगा काम
    • Fire Season-2025 खत्म, पिछले साल 1276 तो इस साल महज 216 घटनाएं
    • आस्था का बड़ा केंद्र बनता कैंची धाम, हर साल बढ़ रहे लाखों श्रद्धालु
    • Uttarakhand को बनाएंगे योग और वेलनेस टूरिज्म का वैश्विक हब
    • Kedarnath Helicopter Crash: हादसे के बाद हेलीकॉप्टर संचालन का मानक होगा सख्त
    • गौरीकुंड में Helicopter Crash… सात की मौत, हेलीसेवा रोकी गई
    • भारतीय सेना को 419 युवा अफसर मिले, आईएमए में हुई भव्य पासिंग आउट परेड
    • Uttarakhand… जलस्रोतों के संरक्षण का ‘सारा’ प्रयास
    • जायका पहाड़ का… अब भट्ट की चटनी भी ग्लोबल!
    • Air India Plane Crash : जिंदा बचे एकमात्र यात्री ने पीएम से कहा-मैं कूदा नहीं था…
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube WhatsApp Telegram LinkedIn
    Wednesday, June 18
    तीरंदाज़तीरंदाज़
    • होम
    • स्पेशल
    • PURE पॉलिटिक्स
    • बातों-बातों में
    • दुनिया भर की
    • ओपिनियन
    • तीरंदाज LIVE
    तीरंदाज़तीरंदाज़
    Home»अतुल्य उत्तराखंड»देववाणी के उत्थान के लिए धामी सरकार ने कसी कमर, हर जिले में खुलेंगे पांच-पांच संस्कृत विद्यालय
    अतुल्य उत्तराखंड

    देववाणी के उत्थान के लिए धामी सरकार ने कसी कमर, हर जिले में खुलेंगे पांच-पांच संस्कृत विद्यालय

    इन विद्यालयों में कक्षा एक से संस्कृत पढ़ाई जाएगी। अभी तक प्रदेश में महज एक विद्यालय ऐसा है जहां पर पहली कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई हो रही है। परिषद के पास देहरादून से चार और हरिद्वार से एक प्रस्ताव आया है। अन्य जिलों से भी प्रस्ताव आ रहे हैं।
    teerandajBy teerandajSeptember 21, 2024No Comments
    Share now Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn
    Share now
    Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn

    देवभूमि में अभी एक ही विद्यालय है जहां पर पहली कक्षा से संस्कृत पढ़ाई जा रही है। प्रदेश सरकार ने अब संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए 13 जिलों में संस्कृति विद्यालय खोलने जा रही है। यहां पर पहली कक्षा से संस्कृति पढ़ाई जाएगी। खास बात यह है कि यहां पर संस्कृत के अलावा विज्ञान और अंग्रेजी भी पढ़ाया जाएगा। बताया जा रहा है कि 13 जिलों में एक-एक संस्कृत ग्राम चिह्नित कर लिया है। ये सभी गांव कामकाज, बोलचाल और प्रतीकों में देववाणी से गुंजायमान होंगे। इसके अलावा संस्कृत शिक्षा की बुनियाद को मजबूती देने के लिए हर जिले में पहली से पांचवीं तक पांच संस्कृत विद्यालय खोलेगी।

    यह भी पढ़ें :  Lower PCS भर्ती का इंतजार बढ़ा, पाठ्यक्रम में होगा बदलाव, सामान्य अध्ययन के हो सकते हैं दो पेपर

    संस्कृति भाषा को लेकर पूरे देश में कहा जा रहा है कि यह भाषा विलुप्त होती जा रही है। क्योंकि यह भाषा रोजी-रोटी से नहीं जुड़ी है इसलिए युवा इसे सीखने में दिलचस्पी भी नहीं दिखा रहे हैं। एक दूसरा कारण यह भी है कि राज्य में संस्कृत विद्यालय की संख्या भी कम है। गौर करने वाली बात यह भी है कि उत्तराखंड जिस अध्यात्म की नगरी कहा जाता है वहां भी महज एक विद्यालय है जहां कक्षा एक से संस्कृत पढ़ाई जाती है। ऐसे में इस भाषा को जीवंत बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है।
    इस वजह से संस्कृत शिक्षा विभाग ने संस्कृत को सरकारी तंत्र और आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की है। मीडिया से बातचीत में सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार कहते हैं, अगले एक-दो साल में संस्कृत शिक्षा की दिशा में चरणबद्ध ढंग से नई पहल की जाएगी। संस्कृत ग्राम चिह्नित करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है।

    यह भी पढ़ें :  Tirupati Prasad Controversy: गाय की चर्बी, मछली के तेल से बन रहा था प्रसाद, देशभर में उबाल

    ये बनेंगे संस्कृत ग्राम
    देहरादून के डोईवाला ब्लॉक में भोगपुर संस्कृत ग्राम के लिए चिह्नित हुआ है। इसी तरह टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक में मुखेम, मोरी ब्लॉक में कोटगांव, रुद्रप्रयाग के अगस्तमुनि ब्लॉक का बैजी गांव, चमोली के कर्णप्रयाग ब्लॉक का डिम्मर गांव, पौड़ी के खिर्सू ब्लॉक का गोदा गांव, पिथौरागढ़ के मूनाकोट ब्लॉक का उर्ग गांव, अल्मोड़ा के रानीखेत ब्लॉक का पांडेकोटा गांव, बागेश्वर का सेरी गांव, चंपावत का खर्क कार्की गांव और हरिद्वार जिले के बहादराबाद ब्लॉक में नूरपुर व पंजनहेड़ी गांव का चयन संस्कृत ग्राम के लिए किया गया है।

    हर जिले में पांच विद्यालय खोलने की योजना है
    धामी सरकार की योजना है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में पांच-पांच संस्कृति विद्यालय खोले जाएं। जहां पहली से पांचवी तक संस्कृत शिक्षा दी जाए। यानी सरकार कम से कम हर ब्लॉक में एक ऐसा संस्कृत प्रवेशिका (विद्यालय) खोलना चाहती है। फिलहाल परिषद के पास देहरादून से चार और हरिद्वार से एक प्रस्ताव आया है। अन्य जिलों से भी प्रस्ताव आ रहे हैं। प्रदेश में 100 से अधिक संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालय हैं, जिनमें तकरीबन सभी में कक्षा छह से शिक्षा दी जाती है।

    संस्कृत तक सीमित न रहें छात्र, विज्ञान भी पढ़ें
    राज्य में संचालित 100 से अधिक संस्कृत विद्यालय और महाविद्यालय केवल संस्कृत शिक्षा तक सीमित न रहें। अगले सत्र से इन विद्यालयों में गणित, विज्ञान, जीव विज्ञान सरीखे प्रमुख विषयों को पढ़ने का भी विकल्प दिया जाएगा। साथ ही सरकार की अगले सत्र से संस्कृत विद्यालयों में वैदिक गणित शुरू करने की भी योजना है।

    देवभूमि में देववाणी का है खास महत्व
    देवभूमि में संस्कृत भाषा का खास महत्व है। इसवजह से संस्कृत को उत्तराखंड की दूसरी राजभाषा घोषित किया गया है। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं चलाती है। यहां पर संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों को बढ़ावा दिया जा रहा है। संस्कृत को देववाणी इसलिए कहा जाता है क्योंकि माना जाता है कि इसे भगवान ब्रह्मा ने बनाया था। संस्कृत को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है।

     

    उत्तराखंड 360 उत्तराखंड न्यूज
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Pinterest Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram Follow on LinkedIn
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn
    teerandaj
    • Website

    Related Posts

    Fire Season-2025 खत्म, पिछले साल 1276 तो इस साल महज 216 घटनाएं

    June 16, 2025 कवर स्टोरी By teerandaj4 Mins Read18
    Read More

    Uttarakhand को बनाएंगे योग और वेलनेस टूरिज्म का वैश्विक हब

    June 15, 2025 उत्तराखंड 360 By teerandaj2 Mins Read71
    Read More

    Kedarnath Helicopter Crash: हादसे के बाद हेलीकॉप्टर संचालन का मानक होगा सख्त

    June 15, 2025 उत्तराखंड 360 By teerandaj4 Mins Read80
    Read More
    Leave A Reply Cancel Reply

    https://teerandaj.com/wp-content/uploads/2025/05/MDDA_Final-Vertical_2.mp4
    https://teerandaj.com/wp-content/uploads/2025/05/Vertical_V1_MDDA-Housing.mp4
    अतुल्य उत्तराखंड


    सभी पत्रिका पढ़ें »

    Top Posts

    Delhi Election Result… दिल्ली में 27 साल बाद खिला कमल, केजरीवाल-मनीष सिसोदिया हारे

    February 8, 202513K

    Delhi Election Result : दिल्ली में पहाड़ की धमक, मोहन सिंह बिष्ट और रविंदर सिंह नेगी बड़े अंतर से जीते

    February 8, 202512K

    Uttarakhand : ये गुलाब कहां का है ?

    February 5, 202511K

    UCC In Uttarakhand : 26 मार्च 2010 के बाद शादी हुई है तो करा लें रजिस्ट्रेशन… नहीं तो जेब करनी होगी ढीली

    January 27, 202511K
    हमारे बारे में

    पहाड़ों से पहाड़ों की बात। मीडिया के परिवर्तनकारी दौर में जमीनी हकीकत को उसके वास्तविक स्वरूप में सामने रखना एक चुनौती है। लेकिन तीरंदाज.कॉम इस प्रयास के साथ सामने आया है कि हम जमीनी कहानियों को सामने लाएंगे। पहाड़ों पर रहकर पहाड़ों की बात करेंगे. पहाड़ों की चुनौतियों, समस्याओं को जनता के सामने रखने का प्रयास करेंगे। उत्तराखंड में सबकुछ गलत ही हो रहा है, हम ऐसा नहीं मानते, हम वो सब भी दिखाएंगे जो एकल, सामूहिक प्रयासों से बेहतर हो रहा है। यह प्रयास उत्तराखंड की सही तस्वीर सामने रखने का है।

    एक्सक्लूसिव

    EXCLUSIVE: Munsiyari के जिस रेडियो प्रोजेक्ट का पीएम मोदी ने किया शिलान्यास, उसमें हो रहा ‘खेल’ !

    November 14, 2024

    Inspirational Stories …मेहनत की महक से जिंदगी गुलजार

    August 10, 2024

    Startup हो तो ऐसा, उत्तराखंड से दुनिया में बजा रहे टैलेंट का डंका

    August 5, 2024
    एडीटर स्पेशल

    Uttarakhand : ये गुलाब कहां का है ?

    February 5, 202511K

    Digital Arrest : ठगी का हाईटेक जाल… यहां समझिए A TO Z और बचने के उपाय

    November 16, 20249K

    ‘विकास का नहीं, संसाधनों के दोहन का मॉडल कहिये…’

    October 26, 20237K
    तीरंदाज़
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Pinterest LinkedIn WhatsApp Telegram
    • होम
    • स्पेशल
    • PURE पॉलिटिक्स
    • बातों-बातों में
    • दुनिया भर की
    • ओपिनियन
    • तीरंदाज LIVE
    • About Us
    • Atuly Uttaraakhand Emagazine
    • Terms and Conditions
    • Privacy Policy
    • Disclaimer
    © 2025 Teerandaj All rights reserved.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.