उत्तराखंड के जंगलों में आग से वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है। जंगल पिछले चार दिनों से धधक रहे हैं। 11 जिलों में 1780 एकड़ जंगल प्रभावित हैं। हालात बेकाबू होते देख सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। वायुसेना के हेलिकॉप्टर लगातार जंगलों में लगी आग को बुझाने में लगे हुए हैं। इस बीच शनिवार दोपहर में सीएम पुष्कर धामी ने प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण किया। इसके बाद बैठक कर आग बुझाने के काम में लगे सभी अधिकारियों की छुट्टी रद्द करते हुए मोर्चे पर डटे रहने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि किसी भी अधिकारी को देहरादून न बुलाया जाए। कहाकि रोकथाम के लिए वन विभाग के अतिरिक्त अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि राज्य में इस समय चारधाम यात्रा की तैयारी के साथ ही जंगल की आग को रोकना महत्वपूर्ण विषय है।
शनिवार को आग की लपटें नैनीताल की हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गईं। बता दें कि भीषण आग से राज्य में 33.34 हेक्टेयर वन संपदा नष्ट हो गई है। आग के कारण यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। वन विभाग का दावा है कि आग बुझाने के लिए छह सौ वनकर्मी व फायर वाचर जुटे हुए हैं। भुजियाघाट से नैनीताल, नैनीताल से भवाली व कालाढूंगी से नैनीताल तक कई किलोमीटर क्षेत्र में आग लगी हुई है। शनिवार को देवीधूरा, गेठिया और एरिज क्षेत्र में आग पहुंच गई।
देहरादून में बारिश, पहाड़ों पर भी हो सकती है बारिश
देहरादून में शनिवार शाम को हुई बारिश के बाद यह उम्मीद जगी है कि जल्द ही राज्य के बाकी हिस्सों में बारिश होगी। इससे जंगल की आग बुझाने में मदद मिलेगी। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार रात या सोमवार सुबह तक नैनीताल समेत तमाम पहाड़ी इलाकों में बारिश हो सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसके बाद आग काबू में आ जाएगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वनाग्नि की चपेट में
अल्मोडा जिले के देवालय का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वनाग्नि की चपेट में आ गया है। आग की लपटे अस्पताल के एक भवन को अपनी चपेट में ले लिया। बताया जा रहा है कि आग से ऑक्सीजन प्लांट और रिकॉर्ड रूम जलकर राख हो गया। यह घटना शुक्रवार रात की है। बतादें कि आग आबादी के करीब पहुंचती जा रही है। इससे लोगों में भय व्याप्त है। धूंध के गुबार की वजह से पहाड़ दिखाई नहीं दे रहे हैं। आग की गंध कई किलोमीटर दूर से ही महसूस की जा सकती है। लोगों का कहना है कि हर साल आग लगने की घटना होती है। मगर, इससे कोई सबक नहीं लिया जाता है।
हेलिकॉप्टर से पानी का छिड़काव
वन विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ सेना के जवान भी आग पर काबू पाने में जुट गए हैं। वायुसेना के हेलिकॉप्टर लगातार पानी का छिड़काव कर रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से नैनीताल के साथ ही नौकुचियाताल व भीमताल झील से पानी लेने की अनुमति दी गई है। आपको बता दें कि नैनीताल के पाइंस क्षेत्र में ही ऊपर पहाड़ी पर लडि़याकांटा में एयरफोर्स स्टेशन है।
उत्तराखंड के जंगलों में आग… वायुसेना का हेलिकॉप्टरअब तक 689.89 हेक्टेयर जंगल को नुकसान
उत्तराखंड में अब तक आग की 575 घटनाओं में 689.89 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है। शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे से ही नैनीताल जिले के गेठिया क्षेत्र के जंगलों की आग पाइंस तक पहुंच गई। आग से आइटीआइ का खंडहर में तब्दील भवन जलकर राख हो गया।
झील में नौकायन बंद
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने बताया कि वायुसेना के अधिकारियों से उनकी बात हुई है। इसके बाद उन्होंने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व उड्डयन सचिव सचिन कुर्वे से संपर्क किया। मल्लीताल बोट स्टैंड से पानी भरने की सूचना पर झील में नौकायन भी बंद करवा दिया गया। यद्यपि हेलीकाप्टर यहां झील के ऊपर मंडराने के बाद भीमताल की ओर चला गया। भीमताल व नौकुचियाताल झील के ऊपर भी हेलीकाप्टर ने ट्रायल किया।