उत्तराखंड में ईएसआई ने अपने पैनल में शामिल दस निजी अस्पतालों को वित्तीय अनियमितता के आरोप में निलंबित कर दिया है। आरोप है कि ये अस्पताल बिलों में भारी गड़बड़ी कर रहे थे। कर्मचारी राज्य बीमा योजना की निदेशक दीप्ति सिंह ने 4 मई को आदेश जारी कर फर्जीवाड़ा कर रहे इन दस अस्पतालों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन अस्पतालों से एक माह के भीतर स्पष्टीकरण भी तलब किया है। साथ ही यह भी निर्देश जारी किया गया है कि वर्तमान में इलाज करा रहे मरीजों का उपचार जारी रहेगा। इनमें काशीपुर के तीन, हरिद्वार-देहरादून-हल्द्वानी के दो-दो और रुड़की का एक अस्पताल शामिल है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में दस अस्पतालों द्वारा यूटीआई पोर्टल पर जमा किए गए देयकों की समीक्षा के बाद पाया गया कि प्रतिपूर्ति दावों में भारी अनियमितता है। उपचार व्यय बढ़चढ़ कर दिखाया गया है। इसके बाद यह कार्रवाई की गई।
ईएसआईसी अस्पताल में सुविधा न होने पर किया जाता है रेफर
कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत बीमाकृत लोगों को इलाज मुफ्त में किया जाता है। इसके लिए राज्य के विभिन्न जिलों में ईएसआई के अस्पताल हैं। साथ ही जगह-जगह डिस्पेंसरी भी खुलीं हैं। यहां किसी कारणवश मरीज के इलाज के लिए सुविधा उपलब्ध नहीं होने की दशा में मरीजों को निजी अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। जो अस्पताल ईएसआईसी के पैनल में होते हैं, मरीजों को वहीं भेजा जाता है। निजी अस्पताल में आने वाले इलाज का सारा खर्च ईएसआईसी द्वारा भुगतान किया जाता है। ईएसआईसी ने द्वितीयक स्तरीय चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान कराए जाने के उद्देश्य से कई अस्पतालों से अनुबंध किए हैं। यह अस्पताल ईएसआईसी के अंतर्गत आने वाले मरीजों को कैशलेस उपचार उपलब्ध कराते हैं। बाद में अस्पताल बिल ईएसआईसी को भेजते हैं। सत्यापन करने के बाद इन्हें भुगतान जारी कर दिया जाता है। इसी में खेल किया जाता है।
इन अस्पतालों पर हुई कार्रवाई
1. मेट्रो हॉस्पिटल एवं हार्ट इंस्टीट्यूट (ए यूनिट ऑफ सनहिल प्रा.लि.), हरिद्वार।
2 – वेलनगिरी हिल्स नर्सिंग होम, हरिद्वार रोड, रूड़की, हरिद्वार।
3 – रैंकर्स अस्पताल, सलीमपुर बाईपास रोड, हरिद्वार।
4 – मेडिकेयर अस्पताल, चकराता रोड, सेलाकुई, देहरादून।
5 – कृष्णा मेडिकल सेंटर, 22 इंदर रोड, डालनवाला, देहरादून।
6 – बालाजी अस्पताल, हल्द्वानी, नैनीताल।
7 – अनमोल अस्पताल, काशीपुर, उधम सिंह नगर।
8 – बृजलाल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर प्रा.लि. हल्द्वानी, नैनीताल।
9 – श्री कृष्णा अस्पताल, गिरीताल, काशीपुर, उधमसिंहनगर।
10 – केवीआर हास्पिटल, रिलायंस पेट्रोल पंप, काशीपुर, उधमसिंहनगर।

श्रमिकों के लिए बेहद उपयोगी है ईएसआई
जिन कर्मचारियों की मासिक आय 21 हजार या इससे कम होती है, उन्हें ही ईएसआई योजना का लाभ मिलता है। शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए न्यूनतम वेतन सीमा 25,000 रुपये महीना है। इस योजना से कवर कर्मचारियों को ईएसआई के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। इसके अलावा कोई दुर्घटना होने पर परिवार को आर्थिक सहायता भी दी जाती है। साथ ही ऐसे मामलों में जहां रोजगार की चोट या व्यावसायिक खतरों के कारण मृत्यु होती है तो मृत बीमित व्यक्ति के आश्रितों को मासिक भुगतान के रूप में वेतन के 90% की दर से भुगतान किया जाता है।
देश में बढ़ रहा बीमा फ्रॉड
फरवरी 2023 में डिलॉयट की एक रिपोर्ट में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ। सर्वे में पाया गया कि भारत में बीमा फ्रॉड तेजी से बढ़ रहा है। करीब 60 फीसदी कंपनियों ने कहा कि थर्ड पार्टी के साथ मिलीभगत व गलत सूचना देकर बीमा बेचने जैसे पारंपरिक फ्रॉड बढ़े हैं। साथ ही डिजटलीकरण की वजह से भी नए फ्रॉड होने लगे हैं। वर्ष 2021 में एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि बीमा कंपनियों को सालाना 45 हजार करोड़ रुपये की चपत फ्रॉड की वजह से लगी है। सबसे ज्यादा फ्रॉड फर्जी कागजातों के जरिए की जा रही है। परेशानी की बात यह है कि भारतीय कानून में बीमा फ्रॉड के खिलाफ कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। भारतीय दंड संहिता और भारतीय कांट्रेक्ट कानून में बीमा फ्रॉड को लेकर कोई सख्त प्रावधान नहीं है।