सीएम धामी ने प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक बुधवार को बुलाई है। संभावना जताई जा रही है कि इसमें UCC (समान नागरिक संहिता) की नियमावली पर कैबिनेट की मुहर लग सकती है। साथ ही राज्य कर्मचारियों के दिवाली बोनस पर भी फैसला हो सकता है। राज्य कर्मचारियों के तीन फीसदी डीए पर भी फैसला संभव है। कुल मिलाकर यह बैठक सौगातों वाली हो सकती है।
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बतादें कि प्रदेश में 582 से अधिक मलिन बस्तियों को उजड़ने से बचाने के लिए प्रदेश सरकार अध्यादेश लेकर आई थी। इसकी मियाद बुधवार पूरी हो रही है। माना जा रहा है कि धामी सरकार तीन वर्ष इसे बढ़ाने का निर्णय ले सकती है। इस मामले में भाजपा विधायक खजानदास ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से भी अनुरोध किया। उन्होंने यह मामला गैरसैंण विस सत्र के दौरान भी उठाया था। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री ने कैबिनेट में लाए जाने वाले प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
प्रदेश में निकायों, सरकारी व निजी भूमि पर मलिन बस्तियों का कब्जा है। अवैध कब्जा हटाने के लिए न्यायालय ने आदेश दिए थे। इस फैसले के खिलाफ सरकार अध्यादेश ले आई थी। सरकार दो बार तीन-तीन साल के लिए इसकी समय-सीमा बढ़ा चुकी है।

मलिन बस्तियों पर अरसे से हो रही राजनीति
उत्तराखंड में 582 मलिन बस्तियों को लेकर वर्षों से राजनीति होती आई है। इसका स्थायी समाधान अब तक नहीं निकाला जा सका है। मलिन बस्तियों के अस्तित्व को अस्थायी तौर पर बचाने के लिए लाया गया अध्यादेश का कार्यकाल 23 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में एक बार फिर मलिन बस्तियों में रहने वाले लाखों परिवारों के घरों पर खतरा मंडराने आने लगा है। उत्तराखंड हाईकोर्ट इन्हें हटाने का आदेश दे चुकी है। हालांकि, माना जा रहा है कि धामी सरकार अध्यादेश को तीन साल के लिए बढ़ाने जा रही है। मगर, सवाल यह है कि इसका स्थायी समाधान कब निकलेगा। यहां बसे लाखों परिवार सालों से स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। हालांकि, ये सभी परिवार अवैध तरीके से नदी-नालों के किनारे सालों से बसे हुए हैं। जिन्हें सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ भी मिल रहा है।