जरा सी लापरवाही और पलक झपकते ही बैंक खाते खाली हो जा रहे हैं। ऐसे में Cyber Crime से बचने के लिए सावधानी, जागरूकता ही हमारा प्रमुख हथियार है। वैसे भी कहा जाता है कि साइबर ठग पुलिस से दस कदम आगे ही रहते हैं। ये ठग समय-समय पर अपने तरीके बदल रहे हैं। पुलिस एडवाइजरी जारी करती है, तब तक साइबर ठग दूसरा तरीका अपना लेते हैं। शायद इसलिए आप साइबर ठगी की खबरें तो पढ़ते ही लेकिन रकम की रिकवरी की खबरें उतनी नहीं आती हैं। कुछ समय पहले तक बैंक अकांउट्स वगैरह के पासवर्ड लेकर या एटीएम के पिन जानकर ठगी की जाती थी। ऐसे मामले अब भी आ रहे हैं लेकिन इसकी संख्या कम हो गई है। ठग नए-नए तरीके अपनाने लगे हैं। साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन दस तरीकों से ठग लोगों को अपने जाल में ज्यादा फंसा रहे हैं।
1: इमोशनल अत्याचार
ये ट्रेंड इन दिनों काफी चल रहा है। यहां पर ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। दोस्ती-यारी ठीक है। लेकिन, जब मामला ऑनलाइन हो तो सावधानी बरतनी चाहिए। यहां पर साइबर अपराधी शादी कराने व बेटिंग एप या सोशल मीडिया पर डॉक्टर, इंजीनियर, बिजनेसमैन, आईएएस, आईपीएस जैसे फर्जी प्रोफाइल बनाकर सामने वाले को झांसे में फंसाते हैं। पहले अच्छी दोस्ती और फिर गहरे रिश्ते में आने की बात बोलकर इमोशनल संबंध बनाने के बाद ठग किसी तरह पैसे की इमरजेंसी बताते हैं। जैसे मेडिकल इमरजेंसी, एयरपोर्ट पर फंसने और बिजनेस में अचानक पैसे फंसने की सुनाकर सामने वाले से ठगी कर लेते हैं।
2 : हर गिफ्ट खुशी नहीं देते
गिफ्ट लेना-देना सामान्य है। लेकिन, जब ऐसे लोगों की ओर से आपको गिफ्ट आने लगे जिन्हें आप जानते नहीं तो सावधान हो जाने की जरूरत है। आज के समय में कोई किसी को बिना मतलब के गिफ्ट क्यों देगा। आपको यह सोचने की जरूरत है कि कोई कंपनी भी ऐसे ही किसी को गिफ्ट नहीं बांटती है। यहां पर ठग पहले सोशल मीडिया पर लोगों से दोस्ती करते हैं और फिर उन्हें गिफ्ट भेजने का झांसा देते हैं। इसके बाद गिरोह का दूसरा सदस्य कुछ दिन बाद एयरपोर्ट से कस्टम अधिकारी बनकर फोन करता है और पार्सल में महंगा सामान होने का झांसा देकर कस्टम ड्यूटी व अन्य तरह की फीस के नाम पर ठगी करते हैं। ज्यादातर लोग लालच में ठग को रुपये ट्रांसफर कर देते हैं।
3 : नौकरी का झांसा
इस तरीके से ग्रामीण इलाके के लोग ज्यादा झांसे में आ जाते हैं। शिकार होने वालों में युवा और गृहिणी की संख्या ज्यादा होती है। ये लोग साइबर ठगों का आसान शिकार बनते हैं। सइबर ठग फर्जी नौकरियों की भर्ती के मैसेज व लिंक भेजते हैं। घर बैठे काम करके अच्छी कमाई का झांसा देकर लोगों से लिंक पर क्लिक करके आवेदन करने की सलाह देते हैं। इसके बाद ज्वॉइनिंग फीस, वेरिफिकेशन फीस और अन्य तरह की फीस के नाम पर लोगों को ठगते हैं।
4 : निवेश धोखाधड़ी
यहां पर साइबर ठग किसी स्कीम में निवेश का लालच देते हैं। कहते हैं कि इस स्कीम में भारी मुनाफा होगा। कई बार पहले छोटी रकम निवेश कराते हैं। रकम मुनाफे के साथ वापस कर भारी रकम निवेश का लालच देते हैं। जैसे ही लोग इसमें भारी रकम लगाते हैं वह फंस जाते हैं। इसके बाद ठग मोबाइल और साइट बंद करके फरार हो जाते हैं। साइबर ठग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पोंजी स्कीम में निवेश या क्रिप्टो में निवेश करके मोटा मुनाफा कमाने का झांसा दे रहे हैं।
5 : कर्ज लेते समय भी रहे सावधान
आजकल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बीच-बीच में लोन देने वाला विज्ञापन खूब आता है। इसमें सब गलत नहीं होते, लेकिन कुछ साइबर ठग भी इसमें शामिल होते हैं। वह बिना दस्तावेज तुरंत लोन देने या कम दस्तावेजों से पर्सनल लोन व क्रेडिट कार्ड बनाने का दावा करते हैं। संपर्क करने पर ठग तमाम तरह की फीस के नाम पर लोगों को चपत लगाने लगते हैं। जब उन्हें लगता है कि सामने वाला पैसा नहीं जमा करेगा तो वे संपर्क खत्म कर लेते हैं।
6 : न्यूड वीडियो
यह तरीका काफी पुराना है। बहुत से लोग इसके शिकार हुए हैं। इस तरह की ठगी के मामले बहुत कम आए। कारण, लोक लज्जा। अधिकांश पीड़ित पुलिस के पास गए ही नहीं। यहां आपको सावधान रहने की जरूरत है। अनजान वीडियो कॉल आने पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। साइबर ठग अचानक किसी को वीडियो कॉल करते हैं। सामने वाले के फोन उठाते ही न्यूड लड़की नजर आती है। इस तरह की आपत्तिजनक वीडियो कॉल की रिकार्डिंग कर ली जाती है। इसके बाद ठग गिरोह के सदस्य नकली सीचीआई या पुलिस अधिकारी बनकर मामले को रफा-दफा करने के एवज में पैसे की डिमांड करते हैं। कई बार आरोपी बीडियो वायरल करने का डर दिखाकर पैसे ऐंठते हैं।
7 : हेल्पलाइन नंबर पर फोन करते समय भी बरतें सावधानी
महाकुंभ के दौरान होटल के नाम पर बहुत फर्जीवाड़ा किया गया था। सैकड़ों ऐसे मामले आए थे जहां पर लोगों ने फर्जी साइट से होटल बुक किया। पेमेंट किया। जब महाकुंभ में पहुंचे तो उन्हें कोई होटल ही नहीं मिला। हेल्पलाइन नंबर पर लोग जरूरत के समय ही फोन करते हैं। यहां ठग बड़ी-बड़ी कंपनियां, होटल, टेलीकॉम कंपनियों और सरकारी विभाग जैसे बिजली, पानी और बैंक ठगी करके हैं। जब भी हेल्पलाइन पर कोई संपर्क करता है तो उनका संपर्क ठगों से होता है। ठग मदद मांगने वाले को फर्जी लिंक भेजकर क्लिक करने की सलाह देते हैं और फिर शिकार बना लेते हैं।
8 : डिजिटल अरेस्ट
यह मामला इतना बड़ा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ महीनों पहले मन की बात में लोगों को जागरूक किया था। उन्होंने कुछ उपाय भी लोगों को सुझाए थे। बताया था कि कोई भी पुलिस वीडियो कॉल पर पूछताछ नहीं करती है। ऐसे में फोन आने पर घबराए नहीं, बल्कि रुके, सोचें फिर जवाब दें। इस तरीके में सबसे पहले साइबर ठग कस्टम अधिकारी या पुलिस अधिकारी बनकर आपको को फोन करेंगे। फिर मनी लॉन्डिंग या इग्स सप्लाई जैसे संगीन अपराध में आपके शामिल होने का दावा डिजिटल अरेस्ट करते हैं। इसके बाद ठगों की टीम सामने से नकली पुलिस, जज सहित पूरा कानूनी सेटअप दिखाकर आपको बचाने के एवज में ऑनलाइन मोटी रकम ट्रांसफर करवा लेते हैं।
9: फिशिंग
साइबर ठग नामचीन कंपनियों और सरकारी विभागों के नाम व लोगो का इस्तेमाल कर आपको मैसेज भेजते हैं। जिनसे आपकी नौकरी या वित्तीय फिशिंग स्कैम लेनदेन जुड़े हैं। उसमें केवाईसी न होने की झूठी जानकारी देकर अकाउंट बंद करने की धमकी देते है। इसके बाद बचाव के बहाने फर्जी लिंक भेजकर उस पर जानकारी भरने की सलाह देकर फंसा लेते है, जैसे ही ठग को मांगी गई जानकारी दे देते हैं, जालसाज आपका बैंक खाता खाली कर देता है।
10 : जब कोई अनजान व्यक्ति लौटाए उधार
साइबर ठग फोन कर आपके पिता, पति या अन्य किसी का नाम लेकर कहते हैं कि उनसे मैंने पैसे उधार लिए थे। वापस करने हैं। उन्होंने आपको लौटाने को कहा है या उनका नंबर मिस हो गया है। कहता है कि अपना खाता नंबर दो उसमें पैसे डाल देता हूं। लोग सोचते हैं, चलो पैसे मिल ही तो रहे हैं। फिर फोन कर कहते हैं कुछ पैसे गलती से ज्यादा चले गए हैं। आप उसे वापस कर दीजिए। लोगों के पास खाते में पैसे आने का मैसेज भी आया रहता है। ऐसे में तमाम लोग पैसे ज्यादा भेजे गए पैसे वापस भी कर देते हैं। हकीकत यह होती है कि मैसेज फर्जी होते हैं। कोई पैसे नहीं भेजे गए होते हैं। बल्कि पैसे ले लिए जाते हैं। पता तब चलता है जब खाता चेक किया जाता है। इसलिए कोई उधार लौटाए तो भी सावधान रहने की जरूरत है।
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