Cyber Crime : दिवाली पर आपके पास ढेरों बधाई संदेश आते हैं। चूंकि, त्योहार का स्वरूप ही कुछ ऐसा है यहां पर आपको गिफ्ट भी मिलते हैं। आप देते भी हैं। साइबर ठगों ने यहां भी खेल कर दिया है। कई बार आपके मोबाइल में ऐसे संदेश भी आते हैं जिसमें लिंक पर क्लिक करने पर गिफ्ट दिए जाने की बात लिखी होती है। इसको फिशिंग लिंक कहते हैं। यहां पर क्लिक करते ही साइबर ठग आपके खाते को खाली कर सकते हैं। फिशिंग एक साइबर अपराध है जिसमें हमलावर, किसी प्रतिष्ठित संस्था या व्यक्ति का दिखावा करते हुए, ईमेल या संचार के अन्य जरिये लिंक भेजते हैं। इन लिंक पर क्लिक करने से, पीड़ितों की व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि लॉगिन क्रेडेंशियल, खाता संख्या, वगैरह चुराई जाती है।
कैसे होती है ठगी
ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले लोग अक्सर अलग-अलग वेबसाइट्स पर विजिट करते हैं। वे अपनी निजी जानकारियां वहां शेयर करते हैं। हैकर्स और साइबर ठग यहीं से उनकी डिटेल इकठ्ठा कर ठगी की शुरुआत करते हैं। वहीं, कई बार साइबर क्रिमिनल किसी ब्रांडेड वेबसाइट की हूबहू कॉपी बनाकर उसे साइबर वर्ल्ड में उतार देते हैं और लोगों को फंसाने का प्लेटफार्म लांच करते हैं। इसी तरह हैकर्स असली लिंक की तरह की-वर्ड्स, नाम का इस्तेमाल करते हुए फिशिंग लिंक भी बनाते हैं और लोगों को ठगते हैं।
यह भी पढ़ें : Digital Arrest Scam! ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने चेताया, बचने का तरीका भी बताया
एक्सपर्ट बताते हैं, कस्टमर के ऑनलाइन ऑर्डर करते ही साइबर ठग उन्हें फेक लिंक भेज देते हैं। ठगी के शिकार लोगों का कहना है कि कई बार तो उन्हें ये मैसेज भी मिले हैं कि आपका प्रोडक्ट वेयर हाउस में है, पता अपडेट कराएं। वहीं कुछ संदेशों में कस्टमर्स को अन्य जानकारी अपडेट करने के लिए 12 घंटे का समय दिया जाता है। ग्राहक इन्हें कंपनी के मैसेज समझ क्लिक कर देते हैं और हैकर्स के चंगुल में फंस जाते हैं। वहीं, ठगी में माहिर हैकर्स चंद मिनटों में ही पूरा एकाउंट खाली कर देते हैं।
साइबर ठग केवल एकाउंट ही नहीं साफ करते बल्कि फर्जी वेबसाइट डिजाइन कर यहां असली वेबसाइट के जैसे प्राडक्ट की इमेज भी अपलोड करते हैं। इसके लिए प्राइस भी बिल्कुल असली साइट की तरह ही रखी जाती है। जब कस्टमर इन साइट्स पर जाकर कोई प्राडक्ट आर्डर देता है तो वे असली प्रोडक्ट की जगह घटिया क्वालिटी का प्रोडक्ट डिलेवर करते हैं। कई बार तो ये प्रोडक्ट डिलेवर भी नहीं करते और लोगों के साथ ठगी करते हैं।
झांसा देकर ठगी
केवल वेबसाइट ही नहीं सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम और फेसबुक पर भी एक्टिव साइबर क्रिमिनल्स लोगों को फॉलोवर बढ़ाने का झांसा देकर फंसाते हैं और उन्हें ठगी का शिकार बनाते हैं। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक सिटी में कई ऐसे केसेज देखने को मिले हैं जिनमें फॉलोवर बढ़ाने का झांसा देकर ठगी की गई है।
इसके बचाव को लेकर एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। दरअसल, साइबर ठग हर मौके को भुनाने की फिराक में रहते हैं। इसी तरह दिवाली पर भी साइबर ठगों ने इस तरह के मैसेज वायरल किए हैं जिनमें फिशिंग लिंक छिपे हुए हैं। इनमें कई तरह के ग्रीटिंग और चमकीले मैसेज होते हैं। इन पर जैसे ही क्लिक किया जाता है तो एक फिशिंग लिंक खुल जाता है। इसपर क्लिक करते ही आपका खाता खाली हो जाता है।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि साइबर ठग हर समय हर मौके की जुगत में रहते हैं। इस तरह के संदेशों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। यदि ठगी का शिकार होते हैं तो तत्काल 1930 पर कॉल करें। किसी अनजान नंबर से आए मैसेज को खोलने से पहले उसकी जांच कर लें। यदि मैसेज वायरल हो रहे हैं तो अपने परिचितों को भी इस बारे में बताएं।
- ऐसे करें बचाव
- बचाव के लिए सबसे जरूरी है साइबर क्राइम के बारे में अवेयरनेस, लोग जागरूक रहेंगे तो वे इन क्रिमिनल्स के जाल में फंसने से बच सकेंगे।
- किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले अच्छी तरह पड़ताल कर लें, इसके बाद ही आगे बढ़ें।
- ऑर्डर करने के कितने घंटे बाद आपके पास लिंक पहुंचा, यह ध्यान रखना जरूरी है।
- लिंक पर क्लिक करने से पहले यूआरएल, डोमेन नेम कंपनी के असली लिंक से मैच हो रहे हैं या नहीं।