कोरोना वायरस फिर डराने लगा है। देश के कई राज्यों में इसके मरीज मिले हैं। लगभग सभी राज्य सरकारों ने इसे लेकर अलर्ट भी जारी किया है। उत्तराखंड सरकार ने भी कई अस्पतालों में वार्ड आरक्षित कर दिए हैं। साथ ही सभी चिकित्सा अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने का आदेश दिया है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और केंद्र सरकार का कहना है कि डरने की बात नहीं है। लेकिन, लक्षण दिखने पर लापरवाही न बरतें। महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में कोरोना के मामले सामने आने शुरू हुए हैं। देश में अब तक एक हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसमें सबसे अधिक 430 मामले केरल में दर्ज किए गए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 210, दिल्ली में 104 कर्नाटक में 100 से अधिक मामले पुष्ट हुए हैं। आईसीएमआर के मुताबिक, अब तक छह लोगों की मौत भी हो चुकी है। जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें अन्य बीमारियां भी थीं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने जारी प्रेस रिलीज में बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वो LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।
महाराष्ट्र में जो मामले सामने आ रहे हैं उनमें अधिकांश मरीजों में केवल हल्के लक्षण पाए जा रहे हैं। सभी संक्रमितों का इलाज चल रहा है। राज्य में ILI (इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण) और SARI (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) के अंतर्गत सर्वेक्षण जारी है। इस सर्वेक्षण के अंतर्गत लक्षण दिखने वाले मरीजों की कोविड जांच की जा रही है। महाराष्ट्र में जनवरी 2025 से अब तक करीब साढ़े आठ हजार जांचें की जा चुकी हैं। 325 मरीजों में कोरोना संक्रमण है। हालांकि, उनकी हालत सामान्य है।
सबसे ज्यादा मामले मई में
मुंबई में जनवरी से अब तक कुल 316 कोविड मरीज दर्ज किए गए हैं, जिनमें से मई महीने में सर्वाधिक 310 मामले सामने आए हैं। इसमें जनवरी में 1, फरवरी में 1, मार्च में 0, अप्रैल में 4 और मई में 310 मामले दर्ज किए गए। अब तक पाए गए सभी कोविड मरीजों में बीमारी के लक्षण बेहद सामान्य हैं। जनवरी 2025 से अब तक कोविड के कारण 4 मरीजों की मृत्यु हुई है, जिन सभी को अन्य गंभीर बीमारियां भी थीं।
कोविड-19 प्रबंधन को लेकर पूरी तरह सजग है उत्तराखण्ड सरकार, हल्द्वानी शहर में जिला अस्पताल और सुशीला तिवारी अस्पताल में अलर्ट जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश लागू कर दिए गए हैं। pic.twitter.com/7X46blNC2y
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) May 27, 2025
नोएडा में 9 मामले आए सामने
नोएडा में अब कुल 10 मामले आए हैं। राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव मरीज की एक मौत रिपोर्ट हुई है। जयपुर के SMS हॉस्पिटल में 9 मई को एक अज्ञात मरीज को अर्द्धबेहोशी की हालत में रेलवे स्टेशन क्षेत्र से लाया गया था। 25 मई को उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम से पहले ज़ब मृतक का कोविड सैंपल लिया गया तो उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
मध्य प्रदेश में भी कोरोना संक्रमित मिले
मध्य प्रदेश में भी कोरोना संक्रमित मिले हैं। गोवा से लौटी 72 वर्षीय महिला समेत दो लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। दोनों संक्रमितों में गंभीर लक्षण नहीं हैं। इंदौर जिले में पिछले तीन दिनों में 4 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। जनवरी से लेकर अब तक कोविड-19 के कुल 11 मरीज मिले हैं, जिनमें से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। वहीं, बिहार में बिहार में एक डॉक्टर समेत 2 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
क्या है JN.1
NB.1.8.1 और LF.7 दोनों कोरोना के JN.1 वैरिएंट में बदलाव होने से बने हैं। यानी, वे उप-वंशावली हैं। भारत में सबसे अधिक फैलने वाला वैरिएंट JN.1 ही है। सभी मालूम चले कोरोना मामलों के सैंपल में 53% JN.1 वैरिएंट के ही हैं। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) का स्थान है। WHO के इन वैरिएंट को लेकर उनके जोखिम का जो शुरुआती मूल्यांकन किया है, उसके अनुसार, NB.1.8.1 वैरिएंट दुनिया भर में कम सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है। फिर भी इसमें A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन है। यह दिखाता है कि यह अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैल सकता है और शरीर के इम्यून सिस्टम (रोगों से लड़ने की क्षमता) को मात दे सकता है।
लक्षण बेहद हल्के हैं
शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि NB.1.8.1 और LF.7 के संक्रमण से सामान्य फ्लू या हल्के COVID-19 के समान लक्षण होते हैं। अधिकांश रोगी अस्पताल में एडमिट हुए बिना घर पर ही जल्दी ठीक हो जाते हैं। यह डेल्टा जैसे पहले के वेरिएंट के उल्टा है, जो अधिक गंभीर बीमारी और उच्च मृत्यु दर का कारण बनता है, खासकर बिना टीकाकरण वाले लोगों में या उनमें जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है।
अमेरिका ज्यादा प्रभावित
चिंताजनक बात यह है कि अमेरिका में दुनिया के अन्य देशों की तुलना में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। साथ ही वहां मरने वालों का आंकड़ा भी अन्य देशों से ज्यादा है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक हर हफ्ते वहां कोरोना से 350 लोगों की जान जा रही है। यह संस्था अमेरिका की अधिकृत एजेंसी है जो बीमारियों के बारे में जानकारी देती है। इसके मुताबिक अप्रैल 2025 के चार हफ्तों में औसतन 350 लोगों की जान गई थी। जिसमें से पहले हफ्ते में 406, दूसरे हफ्ते में 353, तीसरे हफ्ते में 368 और चौथे हफ्ते में 306 लोगों की जान गई।
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