उत्तराखंड के सीमांत जिलों में Community Radio Center खोले जाएंगे। रेडियो सेंटर से शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे। इससे क्षेत्र की सामाजिक, सांस्कृतिक, पाक कला, भाषाई, संगीत और अन्य विविधताओं को बढ़ावा मिलेगा। सामुदायिक रेडियो सेंटर से बच्चों, किशोरों, महिलाओं, किसानों और वृद्धों को जोड़ा जाएगा। यहां से विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ उन्हें जागरूक भी किया जाएगा। यहां आपको बता दें कि उत्तराखंड में पहला सामुदायिक रेडियो सेंटर ऋषिकेश में पिछले साल खुला था।
बतादें कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद सेना ने सामुदायिक रेडियो सेंटर शुरू किया था। यह बहुत उपयोगी साबित हुई। इसलिए चीन और नेपाल सीमा में बदलते हालात को देखते हुए कम्युनिटी रेडियो सेंटर खोलने की कवायद शुरू की गई है। सूत्रों के मुताबिक, धारचूला, मुनस्यारी, चमोली, उत्तरकाशी में कम्युनिटी रेडियो सेंटर खोले जाएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती गांवों के ग्रामीणों को जागरूक कर उनकी मदद करना है। इन रेडियो सेंटर के माध्यम से स्थानीय भाषा में कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि मार्च 2025 तक कम्युनिटी रेडियो सेंटर खोलने का कार्य पूरा हो जाएगा।
सीमांत जिलों के लिए बेहद उपयोगी होगा कम्युनिटी रेडियो सेंटर
चूंकि, उत्तराखंड में आपदाएं आती रहती हैं। कई मौकों पर दुर्गम क्षेत्रों तक सूचनाएं पहुंचा पाना मुश्किल होता है। सामुदायिक रेडियो होने से यह काम आसानी से हो जाएगा। साथ ही स्थानीय स्तर पर प्रतिभाओं को मंच भी मिलेगा। स्थानीय लोगों को जोड़ने का यह बेहद अच्छा माध्यम माना जाता है।
केंद्र सरकार जारी करती है लाइसेंस
सामुदायिक रेडियो स्थानीय लोगों को जोड़ते हुए संचालित किए जाने वाले रेडियो केंद्र होते हैं। केंद्र सरकार के स्तर पर इसका लाइसेंस जारी किया जाता है। रेडियो में कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले भी अधिकतर स्थानीय लोग ही होते हैं।
जम्मू-कश्मीर में मिले सकारात्मक परिणाम
जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन सद्भावना के सुखद परिणाम मिले थे। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना जम्मू कश्मीर के बच्चों को सेना के स्कूलों में शिक्षा दे रही है। कम्युनिटी रेडियो सेंटर के माध्यम से समय-समय पर स्थानीय भाषा में कई कार्यक्रमों को पॉडकास्ट करती है।
क्या है सामुदायिक रेडियो स्टेशन
नाम के मुताबिक, यह समुदायों की ओर से संचालित किया जाएगा। यह गैरलाभकारी होता है। यह व्यक्ति विशेष, समूह और समुदायों की अपनी विविध कहानियों को कहने, अनुभवों को बांटने की प्रक्रिया को सुगम बनाता है। कम्युनिटी रेडियो का चलन दुनिया के कई देशों में है।