उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भू-कानून पर एक बड़ी घोषणा की। कहा- उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप अगले बजट सत्र में सशक्त भू कानून लाएंगे। इसके लिए समिति गठित की हुई है। कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भू-कानून के मुद्दे पर सबकी भावनाओं के अनुरूप हम समाधान करेंगे। बतादें कि मूल निवास और भू-कानून को लेकर स्थानीय जनता कई वर्षों से आंदोलनरत है। हाल ही में गैरसैंड में एक बड़ी रैली भी हुई थी। इसमें हजारों लोग इकट्ठा हुए थे। प्रदेश सरकार पर काफी दबाव था। अब यह देखना होगा कि सीएम की घोषणा के अनुरूप क्या अगले साल यह कानून अमलीजामा पहन पाता है।
शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम धामी ने कहा कि नगर निकाय क्षेत्र से बाहर 250 वर्ग मीटर भूमि बिना अनुमति खरीद सकते हैं। लेकिन संज्ञान में आया कि कई लोगों ने अपने ही परिवार के सदस्यों के नाम से जमीनें खरीद ली। अब इसकी जांच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित प्रेसवार्ता में अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। कहा कि प्रदेश में नकल रोधी कानून लागू होने के बाद से 17 हजार भर्तियां बिना पेपर लीक हुई हैं। वहीं उन्होंने कहा कि अगले बजट सत्र में हम भू कानून भी लाएंगे।
कहा- उत्तराखंड में एक कानून प्रचलित है। नगर निकाय क्षेत्र से बाहर 250 वर्ग मीटर भूमि बिना अनुमति खरीद सकते हैं। लेकिन संज्ञान में आया कि कई लोगों ने अपने ही परिवार के सदस्यों के नाम से जमीनें खरीद ली। अब इसकी जांच कराई जाएगी। कानून तोड़कर जो जमीनें खरीदी गईं। सभी जमीनों पर सरकार का कब्जा होगा।
हमारी सरकार भू-कानून और मूल निवास के मुद्दे पर संवेदनशील है। शीघ्र ही प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप एक वृहद भू-कानून लाने के लिए हम प्रयासरत हैं। pic.twitter.com/uLc0eEGKnk
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 27, 2024
सीएम धामी ने बताया कि 2017 में कानून में बदलाव किया गया था। उसके परिणाम सकारात्मक नहीं मिले। ऐसे प्रावधानों की समीक्षा की जाएगी। जरूरत पड़ी तो उसे समाप्त किया जाएगा। जिन लोगों ने जिस उद्देश्य से जमीन खरीदी और उसका उसके लिए उपयोग नहीं किया, उनका विवरण तैयार हो रहा है। उन पर कार्रवाई करते हुए ऐसी जमीन सरकार में निहित की जाएंगी। किसी ऐसे व्यक्ति को परेशान होने की जरूरत नहीं जो निवेश करना चाहते हैं। उद्योग लगाना चाहते हैं। रोजगार देना चाहते हैं। उन्हें सरकार पूरा सहयोग करेगी।
राज्य स्थापना दिवस से पहले लागू नहीं हो सकेगा यूसीसी
सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का लागू करने की समय सीमा नौ नवंबर तय की हुई थी। समिति पूरी कोशिश में जुटी है। लेकिन अभी कुछ प्रावधान हैं जो करने हैं। इसलिए इसमें देरी हो रही है। अक्तूबर के पहले सप्ताह में समिति की बैठक होगी। तब साफ होगा कि यूसीसी कब लागू होगा।