मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना से पहाड़ों की सूरत बदलने की कोशिश की जा रही है। इस योजना में अविवाहित, परित्यक्ता, तलाकशुदा, निराश्रित और विकलांग एकल महिलाओं के लिए दो लाख रुपये तक सहायता राशि दी जाएगी। जिसका 75 फीसदी हिस्सा सब्सिडी, यानी अनुदान के रूप में होगी। पात्र महिलाओं को खुद के पास से 25 फीसदी राशि ही व्यवसाय में लगानी होगी।
यानी, अगर कोई एकल महिला दो लाख रुपये व्यवसाय करने की सोची है तो उन्हें सिर्फ 50 हजार रुपये अपने पास से लगाने होंगे। बाकी डेढ़ लाख रुपये राज्य सरकार देगी। कहा जा रहा है कि इस योजना का सकारात्मक असर पहाड़ों पर हो सकता है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि योजना के तहत महिला पात्र या लाभार्थियों को अपने पास से सिर्फ 25 फीसदी हिस्सा ही व्यवसाय में लगाना होगा, 75 फीसदी उन्हें अनुदान मिलेगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद जल्द से जल्द इसका शासनादेश (जीओ) जारी किया जाएगा।
प्रदेश में महिलाओं को सशक्त करने की पहले से कई योजनाएं चल रही हैं। लेकिन, एकल महिलाओं पर केंद्रित कोई सहायता योजना अभी तक नहीं थी, जबकि इन महिलाओं को सशक्त किए जाने की सबसे ज्यादा जरूरत है इसलिए एकल महिलाओं के लिए विशेष योजना तैयार और मंजूर की गई है। इसके जरिए सरकार ने प्रदेश की बहनों को महिला दिवस का अग्रिम तोहफा दिया है।
रेखा आर्या, कैबिनेट मंत्री
आज माननीय मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी के नेतृत्व में प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश की कैबिनेट ने “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना” पर मोहर लगा दी है।
जब तक प्रदेश की महिलाओं का विकास नहीं किया जाएगा तब तक सही अर्थों… pic.twitter.com/xDoTZGKt2Y
— Rekha Arya (@rekhaaryaoffice) March 3, 2025
हवालबाग और कोटद्वार में खुलेंगे इन्क्यूबेटर सेंटर
लखपति दीदी योजना के लिए धामी सरकार जल्द ही हवालबाग और कोटद्वार में इन्क्यूबेटर सेंटर खोलेगी। प्रत्येक सेंटर को 25-25 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा क्लस्टर स्तरीय संगठन में महिला व्यावसायिक गतिविधियों के लिए 15.40 करोड़ की राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना में नए प्रावधानों को शामिल करने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इससे प्रदेश की महिलाओं को स्वरोजगार के क्षेत्र में और अधिक अवसर मिलेंगे। योजना के लिए 2.30 करोड़ की धनराशि देने को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। डिजिटल मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम के लिए 75 लाख व राष्ट्रीय स्तर के राज्य में आयोजित होने वाले दो सरस मेलों के आयोजन के लिए प्रति मेला 11.12 लाख की धनराशि प्रदान की जाएगी।
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पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए ट्राउट प्रोत्साहन योजना
धामी सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए ट्राउट प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। 200 करोड़ रुपये की इस योजना से ट्राउट मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। राज्य के पर्वतीय जनपदों में विभिन्न मत्स्य प्रजातियों की तुलना में ट्राउट मत्स्य अधिक वृद्धि दर वाली मछली है, इसे पालने वाले मत्स्य पालकों की आजीविका बेहतर रूप से चल रही है। सरकार का मानना है कि अगर यह योजना कामयाब रहती है तो पहाड़ पर ही लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे पलायन रुकेगा। प्रस्ताव में कहा गया कि ट्राउट फार्मिंग देश में हिमालयी राज्यों तक ही सीमित है। ट्राउट मछली के स्वास्थ्य, पोषण लाभ अन्य मछलियों की तुलना में अधिक होने के कारण यह अत्यधिक लाभदायक व्यवसाय है। योजना के तहत मत्स्य पालकों को आवश्यक उपकरण, डीप फ्रीजर, आईस बॉक्स, पलेक आईस मशीन उपलब्ध कराया जाएगा। योजना का वित्तपोषण केंद्र सरकार के कार्यक्रम एफआईडीएफ से किया जाएगा। योजना के संचालन से राज्य में लगभग 600 मीट्रिक टन ट्राउट का उत्पादन बढ़ेगा जबकि प्रतिवर्ष 75 लाख मत्स्य बीज उत्पादन किया जाएगा। योजना से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 1800 से अधिक व्यक्तियों को लाभ मिलेगा। योजना राज्य को ट्राउट डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाने में भी कारगर साबित होगी।
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