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    Home»कवर स्टोरी»Chamoli Avalanche : 50 श्रमिकों का रेस्क्यू, दिल्ली से जीपीआर रडार मंगवाई गई
    कवर स्टोरी

    Chamoli Avalanche : 50 श्रमिकों का रेस्क्यू, दिल्ली से जीपीआर रडार मंगवाई गई

    चार मजदूरों की मौत, 46 सुरक्षित। मुख्यमंत्री धामी ने किया घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण। प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर मुख्यमंत्री से की बात, हर संभव मदद का भरोसा दिया। पांच श्रमिकों की तलाश के लिए युद्धस्तर पर जारी है अभियान।
    teerandajBy teerandajMarch 1, 2025Updated:March 1, 2025No Comments
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    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ आर्मी हेलीपेड पहुंचे। यहां उन्होंने लाए गए घायलों का हालचाल पूछा।
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    Chamoli Avalanche : माणा के पास हिमस्खलन की चपेट में आए 17 अन्य श्रमिकों का शनिवार सुबह रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। अब तक कुल 50 श्रमिकों का रेस्क्यू किया जा चुका है। वहीं पीआरओ डिफेंस देहरादून लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया है कि बर्फ में दबे चार मजदूरों की मौत हो गई है। जबक‍ि 46 मजदूर सुरक्षित हैं। सीएम धामी भी मौके पर मौजूद हैं। शनिवार को सुबह माननीय मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया और ज्योतिर्मठ में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि 05 श्रमिकों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया जा रहा है।

    शनिवार को घटनास्थल का निरीक्षण कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सीधे यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेस्क्यू अभियान को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि राहत और बचाव दलों ने अब तक 50 लोगों को रेस्क्यू कर लिया है। हिमस्खलन में फंसे 05 और श्रमिकों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर रेस्क्यू अभियान को लेकर अपडेट लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए चिंतित हैं और नियमित अपडेट ले रहे हैं।

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    सीएम ने बताया कि 05 कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण 03 कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। आर्मी की 03 टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना की जीपीआर रडार ; ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार मंगवाई गई है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगी।
    सीएम धामी ने बताया कि घायल श्रमिकों के इलाज के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। माणा और ज्योतिर्मठ में सेना के अस्पताल में घायल श्रमिकों का उपचार किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के साथ ही स्थानीय सीएचसी और पीएचसी को एलर्ट पर रखा गया है। मौजूद थे।

    सड़क निर्माण के कार्य कर रहे श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजें
    पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने शनिवार सुबह बदरीनाथ क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि वहां पर अत्यधिक बर्फबारी हो रही है तथा 06 से 07 फीट तक बर्फ जमा है। उन्होंने आने वाले दिनों में हिमस्खलन की संभावना के दृष्टिगत जिन स्थानों में श्रमिक कार्य कर रहे हैं, वहां से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास को एवलांच की संभावनाओं के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी करने को कहा।

    जल्द बहाल की जाए संचार व्यवस्था
    सीएम धामी ने निर्देश दिए कि भारी बर्फबारी के कारण जिन गांवों से संपर्क नहीं हो पा रहा है, उनसे तुरंत संपर्क किया जाए। प्रशासन की टीम को वहां भेजा जाए और उन्हें जिन चीजों की आवश्यकता हो, तुरंत भेजी जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां राशन, दवाइयों के साथ ही अन्य जरूरी सामग्रियों की उपलब्धता है। उन्होंने बदरीनाथ क्षेत्र में संचार व्यवस्था, फोन तथा इंटरनेट को तुरंत बहाल करने और जिन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बाधित हो गई है, वहां सेटेलाइट फोन भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जिन गांवों में बिजली बाधित है, वहां जल्द बिजली व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

    औली के रिसोर्ट में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजें
    अत्यधिक बर्फबारी के कारण हिमस्खलन की संभावनाओं के मद्देनजर औली, हर्षिल आदि अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के विभिन्न रिसार्ट में रह रहे सैलानियों को सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने सैलानियों से अगले तीन दिन इन क्षेत्रों में यात्रा न करने की अपील की है। साथ ही स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा के दृष्टिगत सभी जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।

    https://www.teerandaj.com/wp-content/uploads/2025/03/WhatsApp-Video-2025-03-01-at-4.23.52-PM.mp4

    अलकनंदा में पानी जम रहा
    पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्हें यह आभास हुआ कि भारी बर्फबारी के कारण अलकनंदा नदी जम सी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेकी कर इसकी जांच की जाए कि कहीं इससे कोई खतरा तो नहीं है। उन्होंने विशेषज्ञ संस्थानों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने तथा यदि कोई खतरे की स्थिति हो तो तुरंत सुरक्षात्मक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने एरियर सर्वे, मैनुअल सर्वे तथा सेटेलाइट सर्वे कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।

    युद्धस्तर पर संचालित है रेस्क्यू अभियान
    शनिवार को वायु सेवा का एक एमआई 17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखंड सरकार के 02 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस राहत एवं बचाव कार्य में लगाए गए हैं। शनिवार को दोपहर 03 बजे तक माणा/बद्रीनाथ से रैस्क्यू किए गए लोगों में से 29 को हैलीकाप्टर के माध्यम से जोशीमठ लाया गया, जिनका उपचार आर्मी हास्पिटल में किया जा रहा है।
    राहत एवं बचाव कार्य में बद्रीनाथ में लगभग 200 लोग कार्य कर रहे हैं। बद्रीनाथ स्थित आर्मी हैलीपैड़ पर 6-7 फीट बर्फ है जिसे हटाए जाने की कार्रवाई की जा रही है। बद्रीनाथ के पास बर्फबारी के कारण अभी भी 5-6 किमी रास्ता बंद है, जिसे खोलने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।

    यह भी पढ़ें : पहाड़ों पर स्टार्टअप के लिए सुहाना नहीं है मौसम

    Chamoli Avalanche चमोली एवलांच
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